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"कांग्रेस ने रेवड़ियां बांटने के लिए नहीं लिया लोन, हमें विरासत में मिला 85 हजार करोड़ रुपये कर्ज" - RAJESH DHARMANI SLAMS BJP

कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी ने कांग्रेस सरकार द्वारा लिए गए कर्ज को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सुक्खू सरकार पर निशाना साधा है.

जयराम ठाकुर नेता प्रतिपक्ष और राजेश धर्माणी तकनीकी शिक्षा मंत्री
जयराम ठाकुर नेता प्रतिपक्ष और राजेश धर्माणी तकनीकी शिक्षा मंत्री (फाइल फोटो)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 29, 2025, 5:54 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश में बढ़ते कर्ज के बोझ को लेकर सियासत एक बार फिर गरमा गई है. विपक्ष कर्ज को लेकर सरकार पर हमलावर है. वहीं, सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी ने कर्ज को लेकर पूर्व भाजपा सरकार पर निशाना साधा है.

विरासत में मिला 85 हजार करोड़ रुपये कर्ज

राजेश धर्माणी ने कहा "प्रदेश सरकार ने बीते 2 सालों में 30 हजार 80 करोड़ रुपये का लोन लिया है. लोन का बड़ा हिस्सा पूर्व भाजपा सरकार की बजट ऑब्लिगेशन को पूरा करने लिए खर्च किया जाएगा. हमें विरासत में 75 हजार करोड़ रुपये का कर्ज मिला था और कर्मचारियों की देनदारी 10 हजार करोड़ रुपये थी जो कुल मिलाकर 85 हजार करोड़ रुपये बनता है."

राजेश धर्माणी, तकनीकी शिक्षा मंत्री (ETV Bharat)

63 प्रतिशत हिस्सा कर्ज चुकाने पर हुआ खर्च

भाजपा पर निशाना साधते हुए राजेश धर्माणी ने कहा बीजेपी हिमाचल की वित्तीय स्थिति का भ्रामक प्रचार कर रही है. प्रदेश सरकार ने 9 हज़ार 337 करोड़ रुपये पूर्व की भाजपा सरकार की बजट ऑब्लिगेशन को पूरा करने के लिए खर्च किया. वहीं, 7 हज़ार 264 करोड़ कर्ज के मूलधन के रूप में चुकाए. 11 हजार 590 करोड़ रुपये लोन का ब्याज चुकाने पर खर्च किया. जितना हमने लोन लिया है उसका 63 प्रतिशत हिस्सा पुराने लोन की ब्याज दर और मूलधन को चुकाने के लिए खर्च किया.

बीजेपी ने हिमाचल को किया बदनाम

मंत्री धर्माणी ने कहा हर महीने सरकार 2800 करोड़ रुपये सैलरी और पेंशन देने में खर्च करती है. 60 करोड़ रुपये HRTC ग्रांट के रूप में और इस साल 2200 करोड़ रुपये सरकार बिजली बोर्ड को दे रही है. भाजपा पर हमला बोलते हुए राजेश धर्माणी ने कहा "जो इस व्यवस्था के लिए दोषी हैं वह वर्तमान सरकार पर दोष लगाकर मुक्त होना चाह रहे हैं. सुखविंदर सिंह सरकार ने वित्तीय अनुशासन का फैसला लेकर व्यवस्था को बेहतर करने की कोशिश की है जबकि भाजपा ने हिमाचल को केवल बदनाम करने की कोशिश की है कांग्रेस सरकार ने लोन रेवड़ियां बांटने के लिए नहीं लिया बल्कि देनदारियों के लिए लिया है."

ये भी पढ़ें: केरल और असम से हिमाचल पहुंची 5 हजार पौधों की डिमांड, 320 रुपये प्रति किलो बिक रहा ये फल

शिमला: हिमाचल प्रदेश में बढ़ते कर्ज के बोझ को लेकर सियासत एक बार फिर गरमा गई है. विपक्ष कर्ज को लेकर सरकार पर हमलावर है. वहीं, सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार के कैबिनेट मंत्री राजेश धर्माणी ने कर्ज को लेकर पूर्व भाजपा सरकार पर निशाना साधा है.

विरासत में मिला 85 हजार करोड़ रुपये कर्ज

राजेश धर्माणी ने कहा "प्रदेश सरकार ने बीते 2 सालों में 30 हजार 80 करोड़ रुपये का लोन लिया है. लोन का बड़ा हिस्सा पूर्व भाजपा सरकार की बजट ऑब्लिगेशन को पूरा करने लिए खर्च किया जाएगा. हमें विरासत में 75 हजार करोड़ रुपये का कर्ज मिला था और कर्मचारियों की देनदारी 10 हजार करोड़ रुपये थी जो कुल मिलाकर 85 हजार करोड़ रुपये बनता है."

राजेश धर्माणी, तकनीकी शिक्षा मंत्री (ETV Bharat)

63 प्रतिशत हिस्सा कर्ज चुकाने पर हुआ खर्च

भाजपा पर निशाना साधते हुए राजेश धर्माणी ने कहा बीजेपी हिमाचल की वित्तीय स्थिति का भ्रामक प्रचार कर रही है. प्रदेश सरकार ने 9 हज़ार 337 करोड़ रुपये पूर्व की भाजपा सरकार की बजट ऑब्लिगेशन को पूरा करने के लिए खर्च किया. वहीं, 7 हज़ार 264 करोड़ कर्ज के मूलधन के रूप में चुकाए. 11 हजार 590 करोड़ रुपये लोन का ब्याज चुकाने पर खर्च किया. जितना हमने लोन लिया है उसका 63 प्रतिशत हिस्सा पुराने लोन की ब्याज दर और मूलधन को चुकाने के लिए खर्च किया.

बीजेपी ने हिमाचल को किया बदनाम

मंत्री धर्माणी ने कहा हर महीने सरकार 2800 करोड़ रुपये सैलरी और पेंशन देने में खर्च करती है. 60 करोड़ रुपये HRTC ग्रांट के रूप में और इस साल 2200 करोड़ रुपये सरकार बिजली बोर्ड को दे रही है. भाजपा पर हमला बोलते हुए राजेश धर्माणी ने कहा "जो इस व्यवस्था के लिए दोषी हैं वह वर्तमान सरकार पर दोष लगाकर मुक्त होना चाह रहे हैं. सुखविंदर सिंह सरकार ने वित्तीय अनुशासन का फैसला लेकर व्यवस्था को बेहतर करने की कोशिश की है जबकि भाजपा ने हिमाचल को केवल बदनाम करने की कोशिश की है कांग्रेस सरकार ने लोन रेवड़ियां बांटने के लिए नहीं लिया बल्कि देनदारियों के लिए लिया है."

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