उदयपुर. प्रदेश की विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली बेहतरीन जीत के बाद अब लोकसभा चुनाव की तैयारी में पार्टी जुटती हुई नजर आ रही है. इस बार सबसे ज्यादा चर्चा राजसमंद लोकसभा सीट को लेकर हो रही है. क्योंकि यहां से सांसद रहीं दीया कुमारी को भजनलाल सरकार में उप मुख्यमंत्री बनाया गया है. इसके बाद कई नेताओं के इस सीट पर चुनाव लड़ने को लेकर नामों पर चर्चा हो रही है. जिसमें खासकर भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया और भाजपा के कद्दावर नेता राजेंद्र राठौड़ का नाम सामने आ रहा है.
राजसमंद लोकसभा सीट को लेकर सियासी चर्चा: दरअसल मेवाड़ की हॉट सीटों में से एक राजसमंद लोकसभा सीट जो कि चार जिलों की 8 विधानसभा सीटों में फैली हुई है. यहां भाजपा के लिए यह सीट अभेद्य किले के रूप में तब्दील हो चुकी है. यहां से पूर्व सांसद रहीं दीया कुमारी को लाखों वोटो के साथ लोकसभा चुनाव में जीत मिली थी, लेकिन इस बार की विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने दीया कुमारी को विधानसभा चुनाव लड़ाया. इस विधानसभा चुनाव में हारे पूनिया और राठौड़ का का नामों की चर्चा लोकसभा चुनाव के लिए सियासी गलियारों में देखने को मिल रहा है.
पढ़ें: राजेंद्र राठौड़ का बड़ा बयान, कहा- कांग्रेस के 12 नेता भाजपा में आने को बेकरार
क्या राजसमंद से चुनाव लड़ेंगे पूनिया और राठौड़: भाजपा के पूनिया और राठौड़ को विधानसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि इन दोनों में से किसी को भाजपा राजसमंद लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा सकती है. क्योंकि दीया कुमारी को भी सवाई माधोपुर में विधायक के बाद राजसमंद से लोकसभा चुनाव लड़ाया गया था. मेवाड़, मारवाड़ के 4 जिले-राजसमंद, नागौर, पाली और अजमेर में 430 किलोमीटर क्षेत्र में फैली राजसमंद लोकसभा सीट पर अब तक तीन लोकसभा चुनाव हुए हैं. इन दोनों चुनावों में एक बार कांग्रेस और दो बार बीजेपी ने जीत हासिल की है.
पढ़ें: लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस ने की लगातार तीन बैठक, जानें किन मुद्दों पर हुई चर्चा
मेवाड़ क्षेत्र के राजसमंद निर्वाचन क्षेत्र में 8 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें ब्यावर, मेड़ता, डेगाना, जैतारण, भीम, कुंभलगढ़, राजसमंद और नाथद्वारा शालिम हैं. लोकसभा सीट का गठन 2008 में परिसीमन के बाद हुआ था. परिसीमन से पहले राजसमंद उदयपुर लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा था. 2009 के आम चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट पर जीत हासिल की. इसके बाद भाजपा के हरिओम सिंह राठौड़ और दिया कुमारी ने यहां से जीत दर्ज की है.
पढ़ें: लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस की बैठक, कार्यकर्ताओं ने सौंपे आवेदन
बताया जाता है कि इस सीट पर राजपूत जाति के मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. इसके अलावा रावत समाज के मतदाताओं की संख्या भी कम नहीं है. हालांकि राजनीतिक विश्लेषक मनीष ने बताया कि इस सीट पर भाजपा अपने किसी वरिष्ठ नेता को मैदान में उतर सकती है. क्योंकि यहां से भाजपा पिछले चुनाव में बेहतरीन जीत दर्ज की है.