जयपुर. राजस्थान के बीकानेर संभाग के श्री डूंगरगढ़ से निकलकर तेलंगाना में और फिर पूरी दुनिया में अपनी पहचान बना पाना एक महिला के लिए कितना मुश्किल हो सकता है, समझना आसान है. एक सामान्य मारवाड़ी परिवार की भगवती बल्दवा परिवार के साथ-साथ करोड़ों रुपए के टर्नओवर वाली कंपनी की जिम्मेदारी भी संभालती हैं. भगवती अपने निजी जीवन में जैन धर्म की उन पंक्तियों को चरितार्थ कर रही हैं, जिसमें कहा गया है, 'निज पर शासन फिर अनुशासन.' यानी दूसरे के लिए नियम बनाने से पहले उसे अपने ऊपर लागू करना. उनका कहना है कि निजी जीवन में कामयाब होने के पीछे इस मंत्र ने उन्हें काफी मदद की है.
अश्वगंधा को लेकर भ्रांतियों का किया खात्मा : भगवती की कंपनी आज देश-दुनिया में अश्वगंधा की सप्लाई कर रही है, लेकिन उनके लिए कामयाबी का यह सफर इतना आसान नहीं था. हजारों साल से भारत में आयुर्वेदिक दवाई के रूप में इस्तेमाल होने वाली अश्वगंधा को बल्दवा की कंपनी ने ग्लोबल पहचान दिलाई और पूरी दुनिया में भारतीय उत्पाद का डंका बजाया. कहा जाता है कि अश्वगंधा मॉडर्न की भागदौड़ भरी जिंदगी के लिए एक रामबाण के सामान है. ऐसे में करीब 15 साल के रिसर्च के बाद उनकी कंपनी ने KSM 66 Ashwagandha नाम से एक प्रोडक्ट बनाया. भगवती बताती हैं कि अमेरिका और यूरोप समेत दुनिया के लोगों के जेहन में मॉडर्न मेडिकल साइंस से इतर किसी प्रोडक्ट को बिठाना आसान नहीं था.
पढ़ें : गाय के गोबर से बने दीपक से महकेगा घर और पर्यावरण, इनमें मिले हैं तुलसी और अश्वगंधा के बीज
प्रधानमंत्री मोदी भी कर चुके हैं तारीफ : भगवती बताती हैं कि आयुर्वेद के उत्पादों को घिसकर या पीसकर दवाई के तौर पर इस्तेमाल करने के पुराने तरीके की जगह उनकी टीम ने इसके क्लिनिकल ट्रायल पर ध्यान दिया. जाहिर है कि दुनिया को किसी भी उत्पाद के लिए साइंटिफिक एविडेंस चाहिए. ऐसे में Ixoreal Biomed Private Limited के नाम से 2005 में KSM 66 Ashwagandha का सफर शुरू हुआ.
ग्लोबल पहचान दिलाने के लिए इससे जुड़े 26 क्लिनिकल ट्रायल हो चुके हैं और इनमें से कई रिसर्च पेपर दुनिया के बड़े साइंस जर्नल्स में पब्लिश भी हो चुके हैं. वहीं, करीब 24 रिसर्च अभी चल रहे हैं. यही कारण है कि आयुर्वेद को लेकर इनके बेहतरीन कामकाज और प्रभावशाली नेतृत्व की प्रशंसा तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मन की बात कार्यक्रम में भी कर चुके हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने साल 2022 मार्च में अपने मन की बात कार्यक्रम में उनके कामों का जिक्र किया था.
लाइफ स्टाइल की बीमारियों के लिए रामबाण अश्वगंधा : अनिद्रा मॉडर्न लाइफ स्टाइल में सबसे बड़ी समस्या है. उसके इलाज में अश्वगंधा सबसे ज्यादा कारगर है. अश्वगंधा का इस्तेमाल मॉडर्न मेडिसीन में भी तनाव दूर करने वाली दवाई के रूप में होता है. इतना ही नहीं, बढ़ती उम्र के लोगों में दर्द और ज्वाइंट में सूजन की समस्या से निपटने में भी अश्वगंधा अचूक दवा है. गौरतलब है कि आयुर्वेद से जुड़ी बहुत कम ऐसे उत्पाद हैं, जिन्हें यूएस एफडीए से मान्यता प्राप्त हैं.