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OBC में शामिल मुस्लिम जातियों के आरक्षण पर संकट, 4 जून के बाद हो सकता है बड़ा फैसला - Muslim Reservation in Rajasthan

Muslim Reservation Controversy, राजस्थान में ओबीसी में शामिल मुस्लिम जातियों के आरक्षण पर संकट आ सकता है. प्रदेश की भाजपा सरकार लोकसभा चुनाव 2024 परिणाम के बाद बड़ा फैसला ले सकती है.

Muslim Reservation in Rajasthan
OBC में शामिल मुस्लिम जातियों के आरक्षण पर संकट (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 25, 2024, 8:10 PM IST

राजस्थान में मुस्लिम आरक्षण पर बड़ा फैसला संभव (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. प्रदेश कि भजनलाल सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी में शामिल मुस्लिम जातियों का आरक्षण खत्म कर सकती है. राजस्थान की भाजपा सरकार लोकसभा चुनाव के नतीजे का इंतजार कर रही है. दरअसल, राजस्थान में ओबीसी में शामिल मुस्लिम जातियों के आरक्षण पर संकट मंडरा रहा है. कलकत्ता हाईकोर्ट के पश्चिम बंगाल में मुस्लिम जातियों का अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण रद्द करने के बाद राजस्थान में भी मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा भड़क गया है.

प्रदेश में 14 मुस्लिम जातियां ओबीसी आरक्षण का लाभ ले रही हैं. इसे लेकर प्रदेश के सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने एक बयान जारी करके कहा है कि प्रदेश में सरकार इन जातियों के आरक्षण की समीक्षा कराएगी. फिलहाल, प्रदेश में 14 मुस्लिम जातियों को ओबीसी में आरक्षण दिया जा रहा है, जिनको कांग्रेस के समय शामिल किया गया. भाजपा की पिछली सरकारों के समय इनकी समीक्षा नहीं होने के लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूं. धर्म के आधार पर यह आरक्षण संविधान के विरुद्ध है. इस बारे में उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर समीक्षा कराई जाएगी, जिसके बाद कार्रवाई होगी.

Rajasthan Minister
मंत्री अविनाश गहलोत (ETV Bharat Jaipur)

पढ़ें : राजस्थान में मुस्लिम आरक्षण पर संकट! भजनलाल सरकार जल्द करेगी रिव्यू - Crisis On Muslim Reservation

राजस्थान में ओबीसी में 91 जाति-वर्ग शामिल हैं, जिनको आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है. प्रदेश में ओबीसी आरक्षण में मुस्लिम जातियां भी हैं, जिनमें मिरासी, मणिहारों से लेकर काठात, मेहरात, मांगणियार और सिंधी मुसलमान तक विभिन्न जातियां शामिल हैं.

ओबीसी में शामिल मुस्लिम जातियां : नगारची-दमामी (मुस्लिम), राणा (मुस्लिम), बायती (बारोट मुस्लिम), सिंधी मुसलमान, सिपाही (मुस्लिम), फकीर (कब्रिस्तान में काम करने वाले), धोबी (मुस्लिम), मेव, कायमखानी, नागौरी, भिश्ती, मांगणियार, लखेरा, मिरासी, काठात, मेहरात, चीता, घोडात, बिसायती.

राजस्थान में मुस्लिम आरक्षण पर बड़ा फैसला संभव (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. प्रदेश कि भजनलाल सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी में शामिल मुस्लिम जातियों का आरक्षण खत्म कर सकती है. राजस्थान की भाजपा सरकार लोकसभा चुनाव के नतीजे का इंतजार कर रही है. दरअसल, राजस्थान में ओबीसी में शामिल मुस्लिम जातियों के आरक्षण पर संकट मंडरा रहा है. कलकत्ता हाईकोर्ट के पश्चिम बंगाल में मुस्लिम जातियों का अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आरक्षण रद्द करने के बाद राजस्थान में भी मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा भड़क गया है.

प्रदेश में 14 मुस्लिम जातियां ओबीसी आरक्षण का लाभ ले रही हैं. इसे लेकर प्रदेश के सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने एक बयान जारी करके कहा है कि प्रदेश में सरकार इन जातियों के आरक्षण की समीक्षा कराएगी. फिलहाल, प्रदेश में 14 मुस्लिम जातियों को ओबीसी में आरक्षण दिया जा रहा है, जिनको कांग्रेस के समय शामिल किया गया. भाजपा की पिछली सरकारों के समय इनकी समीक्षा नहीं होने के लिए मैं जिम्मेदार नहीं हूं. धर्म के आधार पर यह आरक्षण संविधान के विरुद्ध है. इस बारे में उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर समीक्षा कराई जाएगी, जिसके बाद कार्रवाई होगी.

Rajasthan Minister
मंत्री अविनाश गहलोत (ETV Bharat Jaipur)

पढ़ें : राजस्थान में मुस्लिम आरक्षण पर संकट! भजनलाल सरकार जल्द करेगी रिव्यू - Crisis On Muslim Reservation

राजस्थान में ओबीसी में 91 जाति-वर्ग शामिल हैं, जिनको आरक्षण का लाभ दिया जा रहा है. प्रदेश में ओबीसी आरक्षण में मुस्लिम जातियां भी हैं, जिनमें मिरासी, मणिहारों से लेकर काठात, मेहरात, मांगणियार और सिंधी मुसलमान तक विभिन्न जातियां शामिल हैं.

ओबीसी में शामिल मुस्लिम जातियां : नगारची-दमामी (मुस्लिम), राणा (मुस्लिम), बायती (बारोट मुस्लिम), सिंधी मुसलमान, सिपाही (मुस्लिम), फकीर (कब्रिस्तान में काम करने वाले), धोबी (मुस्लिम), मेव, कायमखानी, नागौरी, भिश्ती, मांगणियार, लखेरा, मिरासी, काठात, मेहरात, चीता, घोडात, बिसायती.

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