उदयपुर. राजस्थान के वीर शहीद मेजर मुस्तफा को शौर्य चक्र से नवाजने के बाद रविवार को उनकी माता और उनके पिता उदयपुर के डबोक एयरपोर्ट पहुंचे. यहां बड़ी संख्या में लोगों ने उनका एयरपोर्ट पर स्वागत किया और जमकर मेजर मुस्तफा अमर रहे के नारे लगाए. इस दौरान मेजर मुस्तफा की मां फूट-फूटकर रोने लगीं.
फूट-फूटकर रोने लगी मां : इस दौरान एयरपोर्ट पर मेजर मुस्तफा की मां फातिमा अपने बेटे की याद में फूट-फूटकर रोने लगीं. उन्होंने कहा कि आज का दिन राजस्थान और मेवाड़ के लिए गौरवान्वित दिन है. उन्होंने कहा कि मुझे मेरे बेटे पर गर्व है. मां भारती की रक्षा के लिए बेटे ने बलिदान दिया. मेजर मुस्तफा के बड़े पिता ने बताया कि मुस्तफा हमारे परिवार गांव का हीरो था. वो सबका चहेता था. इस घटना के बाद से ही पूरा परिवार सदमे में है. मेजर मुस्तफा अरुणाचल प्रदेश के ट्विंग क्षेत्र में पदस्थापित थे. वह एनडीए से उत्तीर्ण होकर करीब छह वर्ष पूर्व सेना में लेफ़्टिनेंट के पद पर नियुक्त हुए थे. वो बाद में कैप्टन बने और फिलहाल बतौर मेजर कार्यरत थे.
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बलिदान हमेशा हमें प्रेरित करेगा : प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता पंकज कुमार शर्मा ने कहा कि यह सम्मान मेजर मुस्तफा की बहादुरी और देश के प्रति उनकी सेवा को सच्ची श्रद्धांजलि है. इस महान उपलब्धि के लिए शहीद के परिजनों और उदयपुर वासियों को बधाई और शुभकामनाएं. मेजर मुस्तफा का बलिदान हमें सदैव प्रेरित करता रहेगा.
राष्ट्रपति ने दिया था शौर्य चक्र : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शहीद मेजर मुस्तफा को मरणोपरांत शौर्य चक्र से नवाजा है. यह सम्मान मेजर मुस्तफा के माता-पिता फातिमा और जकीउद्दीन बोहरा को प्रदान किया गया. उदयपुर डबोक एयरपोर्ट पर पूर्व विधायक प्रीति शक्तावत, महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति के जिला संयोजक और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता पंकज कुमार शर्मा ने उनका उपरणा एवं सूत की माला पहनाकर और प्रतीक चिन्ह भेंटकर स्वागत किया. इस अवसर पर उपस्थित गणमान्य लोगों ने 'मेजर मुस्तफा अमर रहें' के नारे लगाए और उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.