जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने जिला न्यायाधीश के उस आदेश की क्रियांविति पर अंतरिम रोक लगा दी है, जिसके तहत अदालत ने झालावाड़ के अकलेरा नगर पालिका की अध्यक्ष को अयोग्य घोषित कर दिया था. जस्टिस नरेन्द्र सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश विजय लक्ष्मी की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता अजय कुमार जैन ने अदालत को बताया कि कांग्रेस से जुड़ी याचिकाकर्ता अकलेरा नगर पालिका के अध्यक्ष पद पर निर्वाचित हुई थी. वहीं, भाजपा की कैलाशी देवी पराजित हुई थी. इस पर कैलाशी देवी ने जिला न्यायालय में चुनाव याचिका पेश कर याचिकाकर्ता के निर्वाचन को चुनौती दी. कैलाशी देवी की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता के पति नगरपालिका में क्लर्क के पद पर कार्यरत हैं. ऐसे में विजय लक्ष्मी चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य थी, इसलिए उसका निर्वाचन रद्द किया जाए.
इस पर सुनवाई करते हुए जिला न्यायालय ने गत 21 मार्च को याचिकाकर्ता का निर्वाचन रद्द कर दिया था. याचिका में कहा गया कि नियमानुसार इस आदेश को एक माह में अपील के जरिए चुनौती दी जा सकती थी, लेकिन राज्य सरकार ने अपील अवधि पूरी होने का इंतजार किए बिना ही पराजित प्रत्याशी कैलाशी देवी को कार्यभार संभला दिया. याचिका में कहा गया कि पति या पत्नी के नगरपालिका का कर्मचारी होने के आधार पर उन्हें चुनाव लड़ने के लिए अपात्र घोषित नहीं किया जा सकता. इस मामले में याचिकाकर्ता के मूल अधिकार का भी हनन हुआ है, इसलिए निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाई जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने निचली अदालत के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी है.