जयपुर: राजस्थान हाइकोर्ट ने जेडीए की ओर से जयपुर के रोजडा गांव में विकसित की जा रही फार्म हाउस योजना को चारागाह भूमि पर विकसित करना बताकर हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता स्थानीय सरपंच रामजीलाल यादव व अन्य पर पांच हजार रुपए का हर्जाना भी लगाया है. अदालत ने माना की जनहित याचिका तथ्य छिपाकर और सद्भावी भावना से दायर नहीं की गई है.
सीजे एमएम श्रीवास्तव व जस्टिस उमाशंकर व्यास ने यह आदेश रामजीलाल यादव व अन्य की जनहित याचिका पर दिए. अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ताओं में गांव का सरपंच भी है और यह स्वीकार नहीं किया जा सकता कि उसे गांव में होने वाले किसी अतिक्रमण की जानकारी नहीं है. वह अतिक्रमण के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं चाहता था, लेकिन जैसे ही जेडीए की ओर से कार्रवाई शुरू करते हुए उसने जनहित याचिका दायर कर दी.
याचिका में कहा गया था कि गांव की करीब 8 हेक्टेयर जमीन पर जेडीए फार्म हाउस स्कीम लेकर आया था. इस जमीन में चारागाह भूमि भी शामिल है, जबकि चारागाह जमीन पर फार्म हाउस स्कीम विकसित नहीं हो सकती. इसके जवाब में जेडीए की ओर से अधिवक्ता अमित कुडी ने कहा कि जनहित याचिका सद्भावी नहीं है और इसमें निजी हित छिपे हुए हैं.
इससे पहले स्थानीय निवासियों ने इस जमीन पर अतिक्रमण हटाकर यहां पर खेल का मैदान व योगा सेंटर बनाए जाने का प्रतिवेदन दिया था, लेकिन जेडीए ने कार्रवाई शुरू की तो उसका विरोध हुआ. यह पीआईएल जेडीए कार्रवाई को रोकने के लिए हुई है. इसलिए इसे खारिज किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने जनहित याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ताओं पर हर्जाना लगाया है.