जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश दिए हैं कि वह लैब टेक्नीशियन भर्ती-2023 में रीढ़ की हड्डी की विकृति से ग्रसित अभ्यर्थी का पुन: मेडिकल कराए, यदि वह मेडिकल में भर्ती के लिए योग्य पाया जाता है तो उसे नियुक्ति दी जाए. जस्टिस महेन्द्र कुमार गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश नितिन कुमार पारीक की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता हरेन्द्र नील ने अदालत को बताया कि राज्य सरकार की ओर से 31 मई, 2023 को लैब टेक्नीशियन के 1688 पदों के लिए भर्ती निकाली थी. इसमें दिव्यांग के लिए 67 पद आरक्षित रखे गए. याचिकाकर्ता ने भर्ती में दिव्यांग वर्ग के लोकोमोटर श्रेणी में आवेदन किया था. वहीं, भर्ती में चयन के बाद उसकी नियुक्ति यह कहते हुए रद्द कर दी गई कि याचिकाकर्ता रीढ़ की हड्डी की विकृति से ग्रस्त है और पद केवल लोकोमोटर श्रेणी के लिए ही आरक्षित रखे गए हैं.
ऐसे में उसका चयन दिव्यांग वर्ग में नहीं किया जा सकता. इसे चुनौती देते हुए कहा गया कि रीढ़ की हड्डी में विकृति के कारण वह एक पांव से लंगड़ा कर चलता है. इसके अलावा उसके पास दिव्यांग प्रमाण पत्र भी है, इसलिए उसे चयन से वंचित नहीं किया जा सकता. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता का पुन: मेडिकल कराने और भर्ती के लिए योग्य होने पर नियुक्ति देने को कहा है.