जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने नर्सिंग ऑफिसर भर्ती-2023 की ईडब्ल्यूएस केटेगरी में भाग लेने वाले और कट ऑफ से ज्यादा अंक वाले अभ्यर्थी को राहत देते हुए उसे भर्ती की अंतिम वरीयता सूची में शामिल करने का निर्देश दिया है. अदालत ने कहा है कि यदि याचिकाकर्ता भर्ती की मेरिट में आए तो उसकी नियुक्ति पर विचार किया जाए. वहीं, अदालत ने मामले में प्रमुख चिकित्सा सचिव व चिकित्सा निदेशक सहित अन्य पक्षकारों से जवाब देने के लिए कहा है. जस्टिस सुदेश बंसल ने यह आदेश चन्द्रशेखर श्रीमाली की याचिका पर दिया.
याचिका में अधिवक्ता प्रदीप सिंह ने बताया कि राज्य सरकार ने 5 मई 2023 को नर्सिंग ऑफिसर भर्ती के लिए आवेदन मांगे थे. भर्ती में नियुक्ति का आधार अभ्यर्थियों की शैक्षणिक योग्यता व बोनस अंक तय किया गया. याचिकाकर्ता ने भर्ती में ईडब्ल्यूएस केटेगरी से आवेदन किया और दस्तावेज सत्यापन में उसके अंक कट ऑफ से ज्यादा आए. इसके बावजूद उसे चिकित्सा विभाग ने 6 दिसंबर को जारी की गई अंतिम वरीयता सूची में शामिल नहीं किया. वहीं, उसे इसमें शामिल नहीं करने का भी कोई उचित कारण भी नहीं बताया गया.
इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि उसके अंक कट ऑफ से ज्यादा हैं और उसे अंतिम वरीयता सूची में शामिल नहीं करना गलत है. संभावना है कि अंतिम वरीयता सूची के आधार पर राज्य सरकार उससे कम अंक वाले अभ्यर्थियों को नर्सिंग ऑफिसर पद पर नियुक्ति दे देगी और इससे उसके अधिकार प्रभावित होंगे. इसलिए उसे अंतिम वरीयता सूची में शामिल कर नर्सिंग ऑफिसर के पद पर नियुक्ति दी जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने याचिकाकर्ता को अंतिम वरीयता में शामिल करने के आदेश देते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.