जयपुर: राज्य सरकार ने नगर पालिका सेवा के 155 अधिकारियों के तबादले के मामले में हाईकोर्ट और राजस्थान सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण में केविएट पेश की है. इन अधिकारियों की ओर से अपने तबादले को चुनौती देने की आशंका को देखते हुए राज्य सरकार ने यह कदम उठाया है. इसके चलते अब आरएमएस सेवा के ये अधिकारी अदालत से एक पक्षीय स्टे नहीं ले पाएंगे.
यदि इनमें से कोई अधिकारी तबादले पर रोक के लिए अदालत में याचिका पेश करेगा तो अदालत राज्य सरकार का पक्ष सुने बिना मामले में निर्णय नहीं करेगी. राज्य सरकार ने हाईकोर्ट की जोधपुर स्थित मुख्यपीठ के लिए अतिरिक्त महाधिवक्ता राजेश पंवार, हाईकोर्ट की जयपुर पीठ के लिए अतिरिक्त महाधिवक्ता गुरुचरण सिंह गिल को अधिकृत किया है. इसी तरह सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण के लिए अधिवक्ता राजेन्द्र दाधीच और विष्णु दयाल शर्मा को पैरवी के लिए अधिकृत किया गया है.
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गौरतलब है कि राज्य सरकार की ओर से सरकारी कर्मचारियों के तबादला करने के बाद कई कर्मचारी सिविल सेवा अपीलीय अधिकरण और हाईकोर्ट में याचिका दायर कर एक पक्षीय दलीलों के माध्यम से अदालत से तबादले पर स्टे ले लेते हैं, जिसके चलते कई बार एक ही पद पद दो अधिकारी तैनात हो जाते हैं. ऐसे में एक अधिकारी को पुन: दूसरे स्थान पर तबादला करना पडता है, जिसे प्रशासनिक दृष्टि से उचित नहीं माना जाता.
इसलिए राज्य सरकार की ओर से केविएट पेश करने का निर्णय लिया गया है, जिसके चलते अब यदि कोई अधिकारी या कर्मचारी याचिका पेश करेगा तो राज्य सरकार की ओर से उचित तथ्य अदालत के समक्ष रखे जा सकेंगे. जिसके बाद अदालत दोनों पक्षों की दलीलों के आधार पर अपना निर्णय देगी.