जयपुर: राजस्थान उच्च न्यायालय ने केंद्रीय पुलिस बल की कांस्टेबल भर्ती में दाएं हाथ की कलाई पर टैटू के कारण अयोग्य घोषित किए अभ्यर्थी को राहत दी है. अदालत ने केन्द्र सरकार को कहा है कि वह याचिकाकर्ता को अंतरिम रूप से चयन प्रक्रिया में शामिल करे. इसके साथ ही अदालत ने भर्ती का परिणाम जारी कर उसे सीलबंद लिफाफे में अदालत के समक्ष पेश करे. अदालत ने एक पद याचिकाकर्ता के लिए खाली रखने को कहा है.
अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट किया है कि अंतरिम आदेश से याचिकाकर्ता के कोई हित सृजित नहीं होंगे. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश दिलखुश बैरवा की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए. याचिका में अधिवक्ता एसके सैनी ने अदालत को बताया कि कर्मचारी चयन आयोग ने 24 नवंबर, 2023 को केन्द्रीय पुलिस बल में कांस्टेबल भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था. इसमें याचिकाकर्ता ने एससी वर्ग में भाग लिया और सफल हुआ. उसका बीकानेर में गत 29 अक्टूबर को दस्तावेज सत्यापन भी हो गया.
याचिका में कहा गया कि उसे यह कहते हुए अनफिट घोषित कर दिया कि विस्तृत चिकित्सीय परीक्षण में उसके हाथ की कलाई पर उसका नाम लिखा टैटू बना हुआ है. इसे चुनौती देते हुए कहा गया कि सामाजिक प्रथा के चलते बचपन में उसके दाएं हाथ पर यह टैटू बनाया गया था. वहीं, अब सर्जरी के जरिए उसे हटा दिया गया है. ऐसे में उसे चयन प्रक्रिया में शामिल किया जाए. यदि अंतिम भर्ती का अंतिम परिणाम घोषित किया गया तो तृतीय पक्ष के अधिकार सृजित हो जाएगे. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने याचिकाकर्ता को चयन प्रक्रिया में शामिल करते हुए एक पद रिक्त रखने को कहा है.