जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने वन विभाग के कर्मचारी के चयनित वेतनमान नहीं देने से जुड़े मामले में सरकारी वकील के पास फाइल नहीं होने पर नाराजगी जताई है. इसके साथ ही अदालत ने अतिरिक्त मुख्य वन सचिव को निर्देश दिए हैं कि वह 29 जुलाई को व्यक्तिगत या वीसी के जरिए अदालत में उपस्थित होकर इस संबंध में अपना शपथ पत्र पेश करें.
अदालत ने एसीएस को कहा है कि शपथ पत्र में बताए प्रकरण की सरकारी वकील को फाइल नहीं देने के क्या कारण हैं? जस्टिस महेंद्र कुमार गोयल की एकलपीठ ने यह आदेश राम प्रसाद मीणा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि उन्हें प्रकरण की फाइल उपलब्ध नहीं कराई गई है. ऐसे में वे प्रकरण में बहस नहीं कर सकते हैं. ऐसे में उन्हें चार सप्ताह का समय दिया जाए.
वहीं, याचिकाकर्ता के वकील विजय पाठक ने कहा कि गत सुनवाई को भी इसी आधार पर तारीख ली गई थी. इस पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए कहा कि कोर्ट में रोजाना वन विभाग के ऐसे कई केस आ रहे हैं, जिनमें विभाग के वकील को प्रकरण की फाइल ही मुहैया नहीं कराई गई है. इसके कारण मुकदमों की सुनवाई प्रभावित हो रही है. इस मामले में भी पूर्व में सरकारी वकील को फाइल नहीं होने के आधार पर बहस के लिए समय दिया गया था, लेकिन अभी तक उनके पास फाइल नहीं पहुंची है. ऐसे में विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव व्यक्तिश: या वीसी के जरिए हाजिर होकर इस संबंध में शपथ पत्र पेश कर सरकारी वकील को फाइल नहीं पहुंचाने के कारण और इसके दोषी अधिकारी के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी अदालत में पेश करें.