जयपुरः राजस्थान हाईकोर्ट ने क्रिमिनल केस में राजीनामे के आधार पर दोषमुक्त होने पर रोडवेज कंडक्टर का सेवा समाप्ति आदेश रद्द कर दिया है. इसके साथ ही मामले के अनुशासनात्मक अधिकारी को निर्देश दिया है कि वह याचिकाकर्ता को सुनवाई का मौका देते हुए उसकी दोषमुक्ति के आदेश को ध्यान में रख पुन: नियुक्ति पर विचार करें. जस्टिस अनूप ढंड ने यह निर्देश ओमप्रकाश यादव की याचिका पर दिया.
मामले से जुड़े अधिवक्ता सुनील कुमार सिंगोदिया ने बताया कि प्रार्थी को एक क्रिमिनल केस में दंडित करने पर उसकी सेवाएं खत्म कर दी थीं. इस आदेश को उसने एडीजे किशनगढ़वास के यहां पर अपील के जरिए चुनौती दी, लेकिन अपीलीय कोर्ट ने भी प्रार्थी को दोषी माना. इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि उसके व परिवादी के पक्ष में राजीनामा होने पर उसे 5 मई 2022 के आदेश से दोषमुक्त कर दिया है.
उसने दोषमुक्त होने पर निगम के समक्ष सेवा खत्म करने वाले आदेश को रद्द कर उसे सेवा में बहाल करने का आग्रह किया. निगम का कहना है कि सेवा खत्म करने वाले आदेश को किसी कोर्ट ने रद्द नहीं किया है, इसलिए उसे बहाल नहीं कर सकते. प्रार्थी ने कहा कि निगम की जांच कार्रवाई के दौरान वह न्यायिक अभिरक्षा में था और इसके चलते उसे अपना पक्ष रखने का पर्याप्त अवसर नहीं मिला, इसलिए उसका सेवा खत्म करने वाला आदेश रद्द कर उसे बहाल किया जाए.