जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने वकील के निधन पर कोर्ट में रिफरेंस का समय तय होने के बावजूद न्यायिक कार्य निलंबित करने के लिए बार एसोसिएशन की मनमानी पर सख्ती दिखाई है. इसके साथ ही अदालत ने सीकर के लक्ष्मणगढ़ की बार एसोसिएशन के अध्यक्ष को 8 फरवरी को पेश होकर जवाब देने को कहा है. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश सुरेंद्र निठारवाल की याचिका पर दिए.
याचिका में एडीजे, लक्ष्मणगढ़ के आदेश को चुनौती दी गई है. याचिका में कहा गया कि वकील की मौत के मामले में लक्ष्मणगढ़ बार एसोसिएशन ने 29 जनवरी को न्यायिक कार्य का निलंबन घोषित किया था. इसके बावजूद भी अदालत ने याचिकाकर्ता के मामले में 3 फरवरी को अंतिम बहस और फैसले की तारीख तय कर दी. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने बार काउंसिल के उपाध्यक्ष कपिल प्रकाश माथुर और हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रहलाद शर्मा को बुलाया और रेफरेंस को लेकर पक्ष रखने को कहा.
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इस दौरान अदालत के सामने आया कि हाईकोर्ट प्रशासन ने प्रदेश की सभी अदालतों में सामान्य दिनों में वकील के निधन पर दोपहर 3.45 बजे और सुबह की कोर्ट होने पर 11.45 बजे का समय निर्धारित कर रखा है. इसके बावजूद भी बार ने मनमानी कर पूरे दिन का न्यायिक कार्य स्थगित रखने का आदेश निकाल दिया. ऐसे में लक्ष्मणगढ़ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्यारेलाल मीणा 8 फरवरी को पेश होकर इस संबंध में जवाब पेश करें.