जयपुर. भारत सरकार की सिटीज 2.0 चैलेंज घोषणा की पालना में आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने बीते साल सिटी इन्वेस्टमेंट टू इनोवेट, इंटीग्रेट एंड सस्टेन चैलेंज सिटीज 2.0 कार्यक्रम की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य शहरी स्तर पर एनवायरमेंट ओरिएंटेड इंप्रूवमेंट वर्क पर ध्यान देते हुए सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा देने वाले कंपटीशन बेस प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा देना था. इस संबंध में डीएलबी डायरेक्टर सुरेश ओला ने बताया कि इस चैलेंज के तहत देश की सभी 100 स्मार्ट सिटीज से प्रस्ताव मांगे गए थे. इनमें से 18 स्मार्ट सिटी का चयन किया जाना था.
परियोजना के लिए कम से कम ग्रांट 20 करोड़ और ज्यादा से ज्यादा 135 करोड़ ग्रांट मिलना था. इस लोन का 50 प्रतिशत केंद्र सरकार और 50 प्रतिशत राज्य सरकार की ओर से ब्याज चुकाया जाएगा. जबकि परियोजना लागत का 20 प्रतिशत स्मार्ट सिटी की ओर से वहन किया जाएगा. उन्होंने बताया कि चैलेंज में 84 स्मार्ट सिटीज़ ने भाग लिया, जिनका भारत सरकार की ओर से नियुक्त अपैक्स कमेटी ने 46 सिटीज को इंटरव्यू के लिए चयनित कर 9 फरवरी को आमंत्रित किया.
वहीं, सोमवार को केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने परिणाम जारी किया. इनमें अंतिम रुप से जयपुर और उदयपुर सहित 18 सिटीज को लोन ग्रांट के रूप में देने के लिए चयनित किया गया है. इसमें विशेष रुप से पोर्टेबल काॅम्पेक्टर युक्त ट्रांस्फर स्टेशन, कचरा प्रबंधन उपकरण की खरीद, सूचना प्रौद्योेगिकी का उपयोग करते हुए वैज्ञानिक लैंड फिल के कार्य किए जाएंगे.
वहीं, जयपुर का चयन सिटीज चैलेंज 2.0 में होने पर जयपुर स्मार्ट सिटी के सीईओ अभिषेक सुराणा ने कहा कि जयपुर स्मार्ट सिटी की ओर से कार्य की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर जल्द ही परियोजना का क्रियान्वयन किया जाएगा. इस कार्यक्रम के माध्यम से शहर को और ज्यादा साफ-सुथरा बनाने के लिए एनवायरमेंट फ्रेंडली वेस्ट मैनेजमेंट वर्क पर ध्यान देते हुए सर्कुलर इकोनॉमी को बढ़ावा दिया जा सकेगा.