जयपुर. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी को आज से ठीक एक साल पहले 23 मार्च को राजस्थान भाजपा की कमान सौंपी गई थी. पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने जोशी को कमान तब सौंपी जब प्रदेश बीजेपी में गुटबाजी हावी थी और आठ महीने बाद राजस्थान विधानसभा के चुनाव भी थे. शांत स्वभाव से दिखने वाले सीपी जोशी ने पहले तो परिस्थितियां को समझा और चुनौतियों को स्वीकार किया. उसके बाद महज एक साल के कार्यकाल में पार्टी की न केवल गुटबाजी खत्म की, बल्कि बीजेपी को विपक्ष से सत्ता में पहुंचाने का काम भी किया. जोशी के कार्यकाल के एक साल पूरे होने पर पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश भी और उत्साह भी दिखा. यही वजह है कि भाजपा युवा मोर्चा की अन्य संगठनों की ओर से प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर होली से पहले ही होली मनाई गई.
गुटबाजी को दूर कर सत्ता तक पहुंचाया : राजस्थान भाजपा की पतवार थामते ही सीपी जोशी के सामने काफी चुनौतियां थीं. पहले आठ महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव और दूसरी गुटों में बंटी पार्टी. जोशी ने कमान संभालते ही सबसे पहले गुटबाजी को खत्म करने पर काम किया. सीपी जोशी ने न केवल पार्टी में पनपी गुटबाजी को दूर किया, बल्कि भाजपा को सत्ता में लाने का संघर्ष भी शुरू किया. शालीन और सौम्य व्यवहार के धनी सीपी जोशी पार्टी में गुटबाजी के केंद्र में रहे नेताओं से न केवल मिले, बल्कि पार्टी के कार्यक्रमों में सभी को पूरी तवज्जो दी.
जोशी अपने सहज स्वभाव और 'सबका साथ' विजन के साथ आगे बढ़े और मरुधरा में चुनावी वैतरणी को पार करते हुए कमल खिला दिया. सीपी जोशी के नेतृत्व में बीजेपी ने परिवर्तन यात्राएं निकालकर पार्टी के पक्ष में एक माहौल पैदा किया. प्रचार की रणनीति और आला नेताओं की सभाओं, चुनावी प्रबंधन में कौशल रणनीति के साथ कांग्रेस को चुनौती दी. चुनावी प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद सीपी जोशी को न केवल अपने साथ रखा, बल्कि सभाओं के बीच खुले वाहन में भी अपने साथ सवार रखा. इतना ही नहीं, एक कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने जोशी की पीठ भी थपथपाई.
पूनिया की जगह संभाली कमान : दरअसल, बीजेपी आलाकमान ने 23 मार्च 2023 को सतीश पूनिया को हटाकर जोशी को राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया था. 27 मार्च को पदभार संभालने के दौरान ही सीपी जोशी ने मंच से कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र फूंक दिया. पार्टी में गुटबाजी को खत्म करने के लिए जोशी ने पदभार के दौरान मंच से ही कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि अब नारे सीपी जोशी के नहीं सिर्फ पीएम मोदी और भाजपा के नारों के साथ मोदी सरकार की उपलब्धियों के सहारे चुनावी रण में उतरेंगे. साथ ही जोशी ने संकल्प लिया की प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद ही साफा पहनेंगे.
नतीजा यह रहा कि 3 दिसंबर 2023 राजस्थान में कांग्रेस की गहलोत सरकार को उखाड़ कर 115 सीटों के साथ कमल खिला दिया. हालांकि, जोशी के सामने पिछली कांग्रेस सरकार को सत्ता से उखाड़ फेंक कर भाजपा को सत्ता में काबिज करना मुश्किल चुनौती थी, वो भी तब जब अशोक गहलोत सरकार ने फ्री की घोषणाएं करके सत्ता में रहने की कोशिश की. जोशी के नेतृत्व में भाजपा ने इस चुनौती को भी स्वीकार किया और पार्टी विपक्ष से सत्ता में आ गई.
कुशल संगठनात्मक कार्यशैली : सीपी जोशी के नेतृत्व में राजस्थान में भाजपा की सरकार बनते ही भजनलाल शर्मा प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. सियासी समीकरण ऐसे बने की सत्ता और संगठन के प्रमुख पदों पर एक ही वर्ग से आने पर सीपी जोशी को बदलने की अटकलें जोर पकड़ने लगी. चर्चा बनी लोकसभा चुनाव से पहले संगठन में बदलाव होगा. इसकी वजह भी थी प्रदेश अध्यक्ष जोशी के स्वयं लोकसभा का चुनाव लड़ना, लेकिन सीपी जोशी की कुशल संगठनात्मक कार्यशैली से पीएम मोदी और अमित शाह खासे प्रभावित हैं, जिसके चलते प्रदेश में लोकसभा चुनाव भी जोशी के नेतृत्व में लड़ने का निणर्य लिया गया. हाल ही में सीपी जोशी ने अपनी टीम की घोषणा से साफ संकेत दिया कि 2024 का लोकसभा चुनाव का रण सीपी जोशी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा.
राजस्थान मिशन 25 : विधानसभा चुनावों की जीत के साथ ही जोशी लोकसभा चुनावों के रण में उतर चुके हैं. राजस्थान में सत्ता और संगठन एक साथ कदम बढ़ाते हुए मिशन 25 को पूरा करने में लगे हैं. जोशी के एक साल पूरे होने पर कार्यकर्ताओं में भी उत्साह है. बड़ी बात है कि पिछले एक महीने में जोशी ने अपनी कुशल राजनितिक दक्षता से कांग्रेस के कई बड़े नेताओं को भाजपा में शामिल कराने में कामयाब भी रहे. जोशी के इस खास दिन को यादगार बनाने के लिए युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अंकित चेची के नेतृत्व में पार्टी मुख्यालय पर जश्न मनाया गया. होली से पहले पार्टी ऑफिस में होली खेली गई. युवा मोर्चा की तरफ से हुए इस कार्यक्रम से सीपी जोशी भी खासा उत्साहित दिखे. जोशी ने सभी के इस प्यार पर आभार जताया और 25 सीटों पर पिछली बार से अधिक मार्जिन के साथ जीत के संकल्प को दोहराया.