जयपुर : राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को प्रश्नकाल के दौरान अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति छात्रवृत्ति, प्रदूषित पानी योजना सहित कई मुद्दों पर विपक्ष ने सत्ता पक्ष को घेरा. वहीं, पेयजल आपूर्ति के सवाल पर सदन में जमकर हंगामा हुआ. मंत्री के जवाब के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार नोकझोंक हुई, जो विधानसभा अध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद शांत हुआ. साथ ही प्रश्नकाल में कन्या महाविद्यालय क्रमोन्नत करने, उम्मेद सागर बांध के जल संग्रहण क्षेत्र में अतिक्रमण, प्रदेश में नवीन कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं को लेकर भी सवाल उठे. इस पर संबंधित मंत्री ने कहा कि सरकार 2010 की पॉलिसी को अपडेट कर रही है, जिससे पानी, सड़क और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं को लेकर परेशान नहीं होना पड़ेगा.
सदन में हुआ हंगामा : दरअसल, प्रश्नकाल के दौरान विधायक विद्याधर सिंह ने फुलेरा विधानसभा क्षेत्र में मात्रा से कम पेयजल आपूर्ति को लेकर सवाल किया. इस मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2019 को हर घर 55 लीटर पानी देने की योजना की घोषणा की थी. इसके तहत फुलेरा विधानसभा क्षेत्र के ग्रामीणों को भी इसका लाभ मिलना चाहिए था, लेकिन जब से यह योजना शुरू हुई है, इससे कोई लाभान्वित नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि किसी ने भी नहीं देखा कि किस जगह से पानी लेनी है और कहां बपर फीटर प्लांट बनेगा.
उन्होंने कहा कि बिना योजना के पाइपलाइन डालने का काम किया, जबकि पूर्ववर्ती सरकार को इसकी प्लानिंग पर काम करना चाहिए था, लेकिन इस पर काम नहीं किया गया. इसकी वजह से ग्रामीणों को परेशानी उठानी पड़ रही है. वहीं, विपक्ष ने आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि पूर्ववर्ती सरकार को कोसने से कुछ नहीं होगा. आप क्या कर रहे हैं उसे बताने की जरूरत है. इस पर मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार में जो काम नहीं हुए हैं, उसके बारे में सुनना पड़ेगा. इस योजना को ERCP से जोड़ देते तो पांच साल बाद ही सही, लेकिन लोगों पर्याप्त पीने का पानी मिलता.
वहीं, मंत्री की टिप्पणी के बाद सदन में पक्ष-विपक्ष के सदस्यों के बीच नोकझोंक शुरू हो गई. आखिरकार विधासभा अध्यक्ष के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ. साथ ही मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने आश्वस्त किया कि 2025 तक हर उपभोक्ता को 55 लीटर पानी घर-घर में मिलेगा.
प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक रीटा चौधरी ने कन्या महाविद्यालय हेतमसर को स्नातकोत्तर में क्रमोन्नत करने का मुद्दा उठाया. इस पर उच्च शिक्षा मंत्री प्रेमचंद बैरवा ने जवाब देते हुए साफ किया कि अभी क्रमोन्नत करने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है. मंडावा से 15 किलोमीटर दूरी पर झुंझुनू में पीजी कन्या महाविद्यालय संचालित हो रहा है.
सदन में उठा SC-ST छात्रवृत्ति और प्रदूषित जल का मुद्दा : प्रश्नकाल में अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्रों के छात्रवृत्ति का मुद्दा उठा. विधायक गोरधन ने इसको लेकर सदन में सवाल किया. इस पर सामाजिक अधिकारिता मंत्री ने कहा कि एससी-एसटी छात्रों को मैट्रिक छात्रवृत्ति दी जा रही है. लंबित मामलों का भुगतान आवंटित बजट के आधार पर किया जाएगा. साथ ही सदन में भीलवाड़ा में कपड़ा उद्योगों की वजह से दूषित पानी का मुद्दा भी उठा. विधायक उदयलाल भडाना ने इस पर सवाल किया.
वहीं, इस पर पर्यावरण राज्य मंत्री संजय शर्मा ने कहा कि नदी नालों में प्रदूषण का जल छोड़ने से बंजर भूमि होने की शिकायत कृषि विभाग और प्रदूषण मंडल को नहीं मिली है. भीलवाड़ा की औद्योगिक क्षेत्र में प्रदूषित गंदा पानी छोड़ने वाले उद्योग को कलेक्टर की अध्यक्षता में चार सदस्य समिति बनाने की घोषणा की. इसमें प्रदूषण मंडल भीलवाड़ा के क्षेत्राधिकार उद्योग और कृषि विभाग के अधिकारी शामिल किए जाएंगे.
यह समिति सभी के सुझाव लगी और सुझाव के आधार पर रिपोर्ट तैयार करेगी. उधर, नगर पालिका भोपालगढ़ की ओर से कराए गए कार्यों में अनियमितता के मामलों को विधायक गीता बरवाड़ की ओर से उठाया गया. इस पर मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि जो कार्य अपूर्ण है, निर्धारित अवधि में काम नहीं किए जाने पर नोटिस दिया गया है. वहीं, जिन्होंने कार्य आदेश प्राप्ति के बाद निर्धारित अवधि में कार्य नहीं किए, उनके खिलाफ नियमों के अनुसार दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी.
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नई कॉलोनियों को लेकर अपडेट पॉलिसी : विधानसभा में बगरू विधायक कैलाश चौधरी ने प्रदेश में नई कॉलोनी में मूलभूत सुविधाओं को लेकर सवाल किया. इसके जवाब में मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि नई टाउनशिप पॉलिसी के अनुसार योजनाओं को अनुमोदित किया जाता है. अवैध कॉलोनी के संबंध में नगर निकायों को शिकायत कर कार्रवाई की जाती है. सरकारी भूमि पर कॉलोनी काटने की बात कही है. इसकी जानकारी करवा कर सरकारी भूमि पर कालोनी काटी गई है तो कॉलोनी को ध्वस्त करने के साथ-साथ कॉलोनी काटने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
पिछले सरकार में जितनी कॉलोनी काटी गई, उनमें रास्ते के निर्धारण नहीं होने के कारण परेशानी आ रही है. टाउनशिप पॉलिसी 2010 में परिवर्तन करने जा रहे हैं. साथ ही मंत्री खर्रा ने आश्वस्त दिया कि राज्य स्तर पर वेब पोर्टल बनाया जा रहा है, जिसमें विकास कार्य और अन्य विवरण को अपडेट किया जाएगा. ताकि राज्य सरकार को वास्तविक स्थिति की जानकारी हो सके.