जयपुर. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के 67 साल के इतिहास में पहली बार स्थापना दिवस मनाया गया. राज्यपाल कलराज मिश्र ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की, जबकि पूर्व लोकपाल सदस्य अर्चना रामासुंदरम बतौर मुख्य वक्ता कार्यक्रम में शिरकत की. उन्होंने भ्रष्टाचार के बढ़ते कारण और उनके निवारण तथा भ्रष्टाचार रोकने के लिए कानूनों को लेकर प्रशिक्षु आरएएस अधिकारियों, आरपीएस अधिकारियों और एसआई से संवाद किया. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजस्थान को समृद्ध, संपन्न और भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाने के लिए सबको मिलकर प्रयास करने का आह्वान किया.
राज्यपाल ने प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ शून्य-सहिष्णुता (जीरो टॉलरेंस) की सख्त नीति अपनाते हुए भ्रष्टाचार मुक्त समाज के लिए समन्वित प्रयास किए जाने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि कहीं भी किसी स्तर पर भ्रष्टाचार होना पाया जाता है, तो त्वरित उसकी शिकायत की जाए. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो प्रयास करे कि अपराधी किसी स्तर पर बचे नहीं. उन्होंने कहा कि पुख्ता सबूत इस तरह से जुटाए जाएं कि अपराधी को किसी स्तर पर साक्ष्य के अभाव का लाभ नहीं मिले. राज्यपाल ने इस मौके पर एसीबी द्वारा प्रकाशित स्थापना दिवस पोस्टर 'शून्य-सहिष्णुता (जीरो टॉलरेंस) नीति अपनाते भ्रष्टाचार मुक्त समाज निर्माण' का लोकार्पण किया. उन्होंने संविधान की उद्देशिका का वाचन करवाया और मूल कर्तव्य पढ़कर सुनाए. एसीबी की एडीजी स्मिता श्रीवास्तव ने सबका आभार जताया.
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व्यूह रचना बनाना जरूरी : राज्यपाल ने कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को भ्रष्टाचार रोकने के लिए कोई ऐसी व्यूह रचना बनाने की आवश्यकता है कि एक बार कोई पकड़ा जाए, तो फिर कानूनन वह किसी स्तर पर छूटे नहीं. उन्होंने भ्रष्टाचार से जुड़े विभिन्न प्रकरणों की चर्चा करते हुए कहा कि सार्वजनिक सेवा में अपने पद, रुतबे का दुरुपयोग और अधिकारी के रूप में प्राप्त जानकारी का दुरुपयोग किया जाता है, तो वह भी भ्रष्ट आचरण में ही आएगा. उन्होंने कहा कि लोगों को एसीबी लगातार जागरूक करे कि कहीं कोई रिश्वत की मांग करता है या कहीं किसी प्रकार का भ्रष्टाचार होता देखे तो उसकी सूचना दी जाए. इस सूचना पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई भी होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार से लड़ना हम सबकी साझा जिम्मेदारी है.
भ्रष्टाचार रोकने को तुरंत निर्णय लें अधिकारी : इस अवसर पर मुख्य सचिव सुधाश पंत ने कहा कि अधिकारियों को निर्णय तुरंत लेना चाहिए और तत्काल उसके क्रियान्वयन को भी सुनिश्चित किया जाए. इससे भ्रष्टाचार को काफी हद तक होने से रोका जा सकता है. उन्होंने केंद्र सरकार के लाभान्वित को सीधे राशि ट्रांसफर योजना की चर्चा करते हुए कहा कि इससे 22 हजार करोड़ की केंद्र को और 5 हजार करोड़ की बचत राज्य सरकार को हुई है. उन्होंने फाइल निपटान के स्तर को कम किए जाने पर भी जोर दिया. उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री के स्तर पर यह निर्णय लिया गया कि राज्य में सरकारी कार्य में देरी नहीं हो. इसके लिए फाइल निपटान के समय को सभी स्तरों पर कम किया गया है.
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विजिलेंस शाखाएं भी निभाएं प्रभावी भूमिका : पुलिस महानिदेशक उत्कल रंजन साहू ने कहा कि लगभग सभी जिला मुख्यालयों पर भ्रष्टाचार निरोधक कार्यालय प्रभावी कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों में कार्यरत अधिकारी और विजिलेंस शाखाएं भ्रष्टाचार मुक्त राज्य में अपनी सहभागिता निभाएं. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक रवि प्रकाश मेहरड़ा ने कहा कि भ्रष्टाचार राष्ट्र और राज्य की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है. उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र के बाद राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधी सर्वाधिक कार्रवाई की जाती है. एसीबी का उद्देश्य है कि पीड़ित व्यक्ति तक सुगम पहुंच हो और प्रभावी कार्रवाई हो. उन्होंने टोल फ्री नंबर की चर्चा करते हुए कहा कि एसीबी में शिकायत पर त्वरित कार्रवाई की जाती है.