ETV Bharat / state

रायसेन में भागवताचार्य पं.इंद्रेश उपाध्याय ने कहा हर अच्छी चीज का विरोध होना जरूरी, CAA पर भी दिया बयान

Raisen Indresh Upadhyay : सुप्रसिद्ध कथावाचक आचार्य पंडित इंद्रेश उपाध्याय ने कहा कि सनातन धर्म तो पहले से ही है. इसका प्रचार प्रसार नहीं किया जा रहा है बल्कि लोग इसे भूल चुके हैं इसलिए इसे लोगों को याद दिला रहे हैं.

bhagwatcharya indresh upadhyay
सुप्रसिद्ध कथावाचक आचार्य पंडित इंद्रेश उपाध्याय
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 17, 2024, 10:46 PM IST

भागवताचार्य पं.इंद्रेश उपाध्याय ने कहा हर अच्छी चीज का विरोध होना जरूरी

रायसेन। सुप्रसिद्ध भागवत कथावाचक वृंदावन वाले आचार्य पंडित इंद्रेश उपाध्याय अल्प समय के लिए रायसेन पहुंचे. इस दौरान बड़ी संख्या में उनके अनुयायियों ने उनका स्वागत किया. भागवत आचार्य ने CAA और सनातन का विरोध करने वाली पॉलिटिकल पार्टियों को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि अच्छी चीजों का विरोध होते रहना चाहिए. यदि विरोध नहीं हुआ तो तय मानिए कि वह अच्छी चीज नहीं है.

विदिशा मे श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव

वटेश्वर धाम की 25वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में प्रतिवर्षानुसार वटेश्वर भागवत सेवा संस्थान के तत्वावधान में विदिशा में श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव का भव्य आयोजन किया जा रहा है. इस बीच अल्प समय के लिए रायसेन शहर से गुजरते हुए आचार्य पं.इंद्रेश उपाध्याय रायसेन शहर के रहने वाले उनके अनुयायी शैलेंद्र शर्मा के आवास पर पहुंचे. जहां पर बड़ी संख्या में उनके प्रशंसकों ने फूलमाला पहनाकर भागवत आचार्य का स्वागत किया.

सनातन धर्म पर बोले भागवत आचार्य

पंडित इंद्रेश उपाध्याय ने सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि "जो चीज पहले से है उसका प्रचार प्रसार नहीं किया जाता. हम लोगों को बता रहे हैं कि हम सनातनी हैं. प्रचार उसका किया जाता है जो नई चीज लाई जाती है. हम बस विस्मृत हो गए हैं, लोगों को अपने सनातन को लेकर हम दोबारा जागरुक कर रहे हैं".

सनातन की भ्रांतियां पर बोले आचार्य

सनातन धर्म को लेकर लोगों के बीच फैल रही भ्रांतियां के सवाल पर भागवत आचार्य ने कहा कि "मैं इस पर कुछ नहीं कहना चाहता. जब राम जी आए थे तब भी ऐसे लोग थे, जब भगवान कृष्ण आए तब भी ऐसे लोग थे, अब हम मानव हैं तो ऐसे लोग तो ज्यादा होंगे ही. सनातन धर्म पर प्रश्न उठाना अनादि काल से चला आ रहा है इसमें कोई बड़ी बात नहीं है".

ये भी पढ़ें:

MP:बागेश्वर सरकार की कथा में 95 ईसाई बने सनातनी, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कराई घर वापसी

MP Chhatarpur: श्रीमद् भागवत कथा के बाद भंडारा, दोना पत्तल उठाने के लिए अधिकतम बोली 15 हजार

CAA के विरोध पर आचार्य ने ये कहा

CAA पर जब भागवत आचार्य से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि "विरोध कब नहीं हुआ जब राम मंदिर बन रहा था तब भी विरोध हुआ था. जब मानव हित के काम होते हैं तब भी विरोध होता है. दरअसल विरोध होता ही उस चीज का है जो वास्तविकता में अच्छा होने वाला होता है. अगर आपने कोई अच्छा काम किया है और अगर उसका विरोध नहीं हुआ तो वह अच्छा काम हुआ ही नहीं. श्रेष्ठ व्यक्ति का ही हमेशा विरोध होता है".

भागवताचार्य पं.इंद्रेश उपाध्याय ने कहा हर अच्छी चीज का विरोध होना जरूरी

रायसेन। सुप्रसिद्ध भागवत कथावाचक वृंदावन वाले आचार्य पंडित इंद्रेश उपाध्याय अल्प समय के लिए रायसेन पहुंचे. इस दौरान बड़ी संख्या में उनके अनुयायियों ने उनका स्वागत किया. भागवत आचार्य ने CAA और सनातन का विरोध करने वाली पॉलिटिकल पार्टियों को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा कि अच्छी चीजों का विरोध होते रहना चाहिए. यदि विरोध नहीं हुआ तो तय मानिए कि वह अच्छी चीज नहीं है.

विदिशा मे श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव

वटेश्वर धाम की 25वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में प्रतिवर्षानुसार वटेश्वर भागवत सेवा संस्थान के तत्वावधान में विदिशा में श्रीमद्भागवत कथा महोत्सव का भव्य आयोजन किया जा रहा है. इस बीच अल्प समय के लिए रायसेन शहर से गुजरते हुए आचार्य पं.इंद्रेश उपाध्याय रायसेन शहर के रहने वाले उनके अनुयायी शैलेंद्र शर्मा के आवास पर पहुंचे. जहां पर बड़ी संख्या में उनके प्रशंसकों ने फूलमाला पहनाकर भागवत आचार्य का स्वागत किया.

सनातन धर्म पर बोले भागवत आचार्य

पंडित इंद्रेश उपाध्याय ने सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि "जो चीज पहले से है उसका प्रचार प्रसार नहीं किया जाता. हम लोगों को बता रहे हैं कि हम सनातनी हैं. प्रचार उसका किया जाता है जो नई चीज लाई जाती है. हम बस विस्मृत हो गए हैं, लोगों को अपने सनातन को लेकर हम दोबारा जागरुक कर रहे हैं".

सनातन की भ्रांतियां पर बोले आचार्य

सनातन धर्म को लेकर लोगों के बीच फैल रही भ्रांतियां के सवाल पर भागवत आचार्य ने कहा कि "मैं इस पर कुछ नहीं कहना चाहता. जब राम जी आए थे तब भी ऐसे लोग थे, जब भगवान कृष्ण आए तब भी ऐसे लोग थे, अब हम मानव हैं तो ऐसे लोग तो ज्यादा होंगे ही. सनातन धर्म पर प्रश्न उठाना अनादि काल से चला आ रहा है इसमें कोई बड़ी बात नहीं है".

ये भी पढ़ें:

MP:बागेश्वर सरकार की कथा में 95 ईसाई बने सनातनी, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कराई घर वापसी

MP Chhatarpur: श्रीमद् भागवत कथा के बाद भंडारा, दोना पत्तल उठाने के लिए अधिकतम बोली 15 हजार

CAA के विरोध पर आचार्य ने ये कहा

CAA पर जब भागवत आचार्य से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि "विरोध कब नहीं हुआ जब राम मंदिर बन रहा था तब भी विरोध हुआ था. जब मानव हित के काम होते हैं तब भी विरोध होता है. दरअसल विरोध होता ही उस चीज का है जो वास्तविकता में अच्छा होने वाला होता है. अगर आपने कोई अच्छा काम किया है और अगर उसका विरोध नहीं हुआ तो वह अच्छा काम हुआ ही नहीं. श्रेष्ठ व्यक्ति का ही हमेशा विरोध होता है".

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.