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रेलमंत्री कल कोटा रेल मंडल में करेंगे कवच अपग्रेड वर्जन का निरीक्षण, देखेंगे रेड सिग्नल में कैसे रुकती है ट्रेन - Kavach Upgrade Version Inspection

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

Kavach Upgrade Version Inspection, केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव रविवार को कोटा रेल मंडल के दौरे पर आ रहे हैं. वो स्पेशल ट्रेन से जयपुर पहुंचेंगे और फिर वहां से सवाई माधोपुर जाएंगे, जहां कवच के अपग्रेडेड वर्जन 4.0 की टेस्टिंग और ट्रायल रन में शामिल होंगे. शाम 4 बजे सवाई माधोपुर से बूंदी जिले के इंद्रगढ़ सुमेरगंजमंडी रेलवे स्टेशन पहुंचेगे.

Kavach Upgrade Version Inspection
कवच अपग्रेड वर्जन का निरीक्षण (ETV BHARAT KOTA)

कोटा : केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव मंगलवार को कोटा रेल मंडल के दौरे पर आ रहे हैं. वो स्पेशल ट्रेन से जयपुर पहुंचेंगे. वहां से सवाई माधोपुर आएंगे, जहां कवच के अपग्रेडेड वर्जन 4.0 की टेस्टिंग और ट्रायल रन में शामिल होंगे. शाम 4 बजे सवाई माधोपुर से बूंदी जिले के इंद्रगढ़ सुमेरगंजमंडी रेलवे स्टेशन पहुंचेगे. इस ट्रायल रन के दौरान पश्चिम मध्य रेल की महाप्रबंधक शोभना बंदोपाध्याय और कोटा डीआरएम मनीष तिवारी सहित कई अधिकारी मौजूद रहेंगे.

कोटा रेल मंडल के वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक रोहित मालवीय ने बताया कि मिशन रफ्तार 160 किमी प्रति घंटा परियोजना के तहत नागदा-मथुरा खंड के मध्य कुल 545 किमी की दूरी 2665.14 करोड़ की लागत से किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट में कवच सुरक्षा दृष्टिकोण से सबसे अहम है. कवच लागू होने के बाद ट्रेन चालकों की मानवीय भूल से सिग्नल को अनदेखा कर होने वाली सुरक्षा चूक की दुर्घटनाओं से हमेशा के लिए निजात मिल जाएगी.

इसे भी पढ़ें - नवरात्रा में इंद्रगढ़ स्टेशन पर रुकेगी 4 एक्सप्रेस ट्रेनें, आसानी से होंगे बिजासन माता के दर्शन - Shardiya Navratri 2024

भारतीय रेल पर सबसे पहले पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा डिवीजन में 16 सितंबर को कोटा-सवाई माधोपुर के बीच 108 किलोमीटर के खंड पर भारत की स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली कवच संस्करण 4.0 को स्थापित किया गया है. इसी का ट्रायल किया जा रहा है.

ये होगा कवच की ट्रायल रन में परीक्षण : इस कवच प्रणाली का लोको ट्रायल रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव कर रहे हैं. इस कवच प्रणाली के निरीक्षण के दौरान सवाई माधोपुर-इंदरगढ़ सुमेरगंजमंडी सेक्शन के 36 किमी में कवच का निरीक्षण और लोको परीक्षण के तहत समपार फाटक पर ऑटो व्हिसलिंग, ब्लॉक सेक्शन में लोको ओवर स्पीड पर कवच कार्यप्रणाली, रेड सिग्नल की स्थिति में पासिंग एट डेंजर रोकथाम, स्थाई गति प्रतिबन्ध निगरानी, लूप लाइन स्पीड कंट्रोल टेस्ट व रेल खण्ड के सभी सिग्नलों को लोको कवच स्क्रीन पर मॉनिटरिंग की जांच शामिल है.

इस तरह से फुली ऑटोमेटिक सेफ्टी का काम करता है कवच : रोहित मालवीय ने बताया कि कवच फुली ऑटोमेटिक ट्रेन सेफ्टी और टकराव रोकने की क्षमता प्रदान करता है. सिग्नल पासिंग एट डेंजर स्थिति को रोकता है. जरूरत के अनुसार स्वचालित गति प्रतिबंध लागू करता है. आमने-सामने, पीछे से और साइड से टकराव की स्थिति में ट्रेनों का ऑटोमेटिक रूप से पता लगाता है. लोको पायलट को इन-कैब सिग्नलिंग भी देता है, जिससे कोहरे में ट्रेन संचालन संभव होता है. कवच सिस्टम ड्राइवर मशीन का इंटरफेस है. इस मशीन इंटरफेस के मुख्य कार्य सिग्नलिंग जानकारी प्रदर्शित करना, स्पीड और ब्रेकिंग स्थिति दिखाना है.

कवच 4.0 की खासियत

  • कवच स्पीड पर कंट्रोल करता है. इसमें तय की गई स्पीड से ट्रेन 2 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा पर चलती है. इसे सेंसर के जरिए चालक को और स्पीड की जानकारी अलार्म के जरिए मिल जाएगी.
  • ट्रेन की गति अनुमत सीमा से 5 किमी घंटा अधिक है तो सामान्य ब्रेकिंग होगा.
  • ट्रेन की गति अनुमत सीमा से 7 किमी घंटा अधिक है तो पूरी तरह ब्रेकिंग सिस्टम काम करेगा.
  • ट्रेन की गति अनुमत सीमा से 9 किमी घंटा अधिक है तो आपातकालीन ब्रेक लागू होगा.

कोटा : केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव मंगलवार को कोटा रेल मंडल के दौरे पर आ रहे हैं. वो स्पेशल ट्रेन से जयपुर पहुंचेंगे. वहां से सवाई माधोपुर आएंगे, जहां कवच के अपग्रेडेड वर्जन 4.0 की टेस्टिंग और ट्रायल रन में शामिल होंगे. शाम 4 बजे सवाई माधोपुर से बूंदी जिले के इंद्रगढ़ सुमेरगंजमंडी रेलवे स्टेशन पहुंचेगे. इस ट्रायल रन के दौरान पश्चिम मध्य रेल की महाप्रबंधक शोभना बंदोपाध्याय और कोटा डीआरएम मनीष तिवारी सहित कई अधिकारी मौजूद रहेंगे.

कोटा रेल मंडल के वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक रोहित मालवीय ने बताया कि मिशन रफ्तार 160 किमी प्रति घंटा परियोजना के तहत नागदा-मथुरा खंड के मध्य कुल 545 किमी की दूरी 2665.14 करोड़ की लागत से किया जा रहा है. इस प्रोजेक्ट में कवच सुरक्षा दृष्टिकोण से सबसे अहम है. कवच लागू होने के बाद ट्रेन चालकों की मानवीय भूल से सिग्नल को अनदेखा कर होने वाली सुरक्षा चूक की दुर्घटनाओं से हमेशा के लिए निजात मिल जाएगी.

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भारतीय रेल पर सबसे पहले पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा डिवीजन में 16 सितंबर को कोटा-सवाई माधोपुर के बीच 108 किलोमीटर के खंड पर भारत की स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली कवच संस्करण 4.0 को स्थापित किया गया है. इसी का ट्रायल किया जा रहा है.

ये होगा कवच की ट्रायल रन में परीक्षण : इस कवच प्रणाली का लोको ट्रायल रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव कर रहे हैं. इस कवच प्रणाली के निरीक्षण के दौरान सवाई माधोपुर-इंदरगढ़ सुमेरगंजमंडी सेक्शन के 36 किमी में कवच का निरीक्षण और लोको परीक्षण के तहत समपार फाटक पर ऑटो व्हिसलिंग, ब्लॉक सेक्शन में लोको ओवर स्पीड पर कवच कार्यप्रणाली, रेड सिग्नल की स्थिति में पासिंग एट डेंजर रोकथाम, स्थाई गति प्रतिबन्ध निगरानी, लूप लाइन स्पीड कंट्रोल टेस्ट व रेल खण्ड के सभी सिग्नलों को लोको कवच स्क्रीन पर मॉनिटरिंग की जांच शामिल है.

इस तरह से फुली ऑटोमेटिक सेफ्टी का काम करता है कवच : रोहित मालवीय ने बताया कि कवच फुली ऑटोमेटिक ट्रेन सेफ्टी और टकराव रोकने की क्षमता प्रदान करता है. सिग्नल पासिंग एट डेंजर स्थिति को रोकता है. जरूरत के अनुसार स्वचालित गति प्रतिबंध लागू करता है. आमने-सामने, पीछे से और साइड से टकराव की स्थिति में ट्रेनों का ऑटोमेटिक रूप से पता लगाता है. लोको पायलट को इन-कैब सिग्नलिंग भी देता है, जिससे कोहरे में ट्रेन संचालन संभव होता है. कवच सिस्टम ड्राइवर मशीन का इंटरफेस है. इस मशीन इंटरफेस के मुख्य कार्य सिग्नलिंग जानकारी प्रदर्शित करना, स्पीड और ब्रेकिंग स्थिति दिखाना है.

कवच 4.0 की खासियत

  • कवच स्पीड पर कंट्रोल करता है. इसमें तय की गई स्पीड से ट्रेन 2 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा पर चलती है. इसे सेंसर के जरिए चालक को और स्पीड की जानकारी अलार्म के जरिए मिल जाएगी.
  • ट्रेन की गति अनुमत सीमा से 5 किमी घंटा अधिक है तो सामान्य ब्रेकिंग होगा.
  • ट्रेन की गति अनुमत सीमा से 7 किमी घंटा अधिक है तो पूरी तरह ब्रेकिंग सिस्टम काम करेगा.
  • ट्रेन की गति अनुमत सीमा से 9 किमी घंटा अधिक है तो आपातकालीन ब्रेक लागू होगा.
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