चूरू. बीजपी सांसद राहुल कस्वां चूरू से टिकट नहीं मिलने से नाराज हैं. पार्टी ने राहुल का टिकट काटकर देवेंद्र झाझड़िया को बीजेपी की ओर से कैंडिडेट बनाया है. तभी से सांसद राहुल कस्वां पार्टी से नाराज चल रहे हैं. उनके कांग्रेस में जाने को लेकर भी लगातार अटकलें तेज हैं. शुक्रवार को राहुल कस्वां ने अपने सादुलपुर निवास स्थान पर शक्ति प्रदर्शन करते हुए एक बड़ी रैली की, इसमें उन्होंने अपनी आगामी रणनीति बताई.
राजगढ़ स्थित अपने आवास पर राहुल कस्वां ने शक्ति प्रदर्शन किया और पार्टी को बागी तेवर दिखाए. इस रैली के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि वे चूरू से भाजपा के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. राहुल कस्वां ने जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि आगे की डगर मुश्किल है, हमारे सामने कई चुनौतियां आएंगी, क्या आप उसके लिए तैयार हैं? राहुल ने कहा कि आपका फैसला मुझे पता लग गया है मुझे दो दिन का टाइम दो, मैं वादा करता हूं कि आपकी इच्छा पूरी करूंगा.
हार जीत के लिए नहीं लड़ा चुनाव: राहुल कस्वां ने कहा कि हमारा परिवार 1977 से राजनीति में है. 33 साल पहले भैरों सिंह शेखावत ने मेरे पिता को संसद में जाने का अवसर दिया, जबकि पहले वे सिर्फ सरपंच थे. उन्होंने कहा कि हमने हार-जीत के लिए चुनाव नहीं लड़े, बल्कि जनता के काम करवाने, सुख-दुख में साथ देने और विकास के लिए लड़े.
राठौड़ पर साधा निशाना : राहुल कस्वां ने राजेंद्र राठौड़ का नाम लिए बगैर कहा कि जो दूसरों को जयचंद बताते हैं, वे खुद जयचंदों से घिरे हुए हैं. बता दें कि चूरू की तारानगर सीट से भाजपा के दिग्गज नेता राजेंद्र राठौड़ विधानसभा चुनाव हार गए थे. चर्चा रही कि हार के पीछे सांसद राहुल कस्वां का हाथ है, इसी वजह से कस्वां की भाजपा ने अब टिकट काट दी.अपना दर्द व्यक्त करते हुए सांसद राहुल कास्वां ने सभा में सवाल पूछते हुए कहा कि क्या उनकी ईमानदारी, कड़ी मेहनत, समर्पण के बारे में कोई संदेह है या क्या वह दागी हैं?. "आखिर मेरा गुनाह क्या था ?' क्या मैं निष्ठावान नहीं था ? क्या मैं दागदार था ? क्या मैंने चूरू लोकसभा में काम करवाने में कोई कमी छोड़ दी थी ? प्रधानमंत्री जी की सभी योजनाओं के क्रियान्वयन में, मैं सबसे आगे था और क्या चाहिए था ? जब भी इस प्रश्न को मैंने पूछा, सभी निरुत्तर और निःशब्द रहे. कोई इसका उत्तर नही दे पा रहा. शायद मेरे अपने ही मुझे कुछ बता पाएं."