रायबरेली: जिला एवं सत्र न्यायालय में एक ऐसे दोषी को सजा सुनाई है. जिसने अपना धर्म और नाम बदलकर एक युवती को अपने प्रेम जाल में फंसाकर शादी का वादा किया, फिर उसके साथ दुष्कर्म करता रहा. पीठासीन अधिकारी (एचजेएस) विद्या शंकर पांडे ने आजम आलम को 10 साल के कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.
सहायक शासकीय अधिवक्ता दिनेश बहादुर सिंह ने बताया कि वर्ष 2021 में लालगंज की रहने वाली एक युवती बस यात्रा कर रही थी. इस दौरान एक शख्स मिला, जिसने अपने आप को हिंदू बताया और कहा कि वह डॉक्टर है. पीड़िता ने बताया कि उसकी मां बीमार रहती है. इस पर युवक ने कहा कि उसकी मां का इलाज कर देगा. इस बात का फायदा उठाकर युवक उसके घर आने जाने लगा. एक दिन उसने उसके अकेलेपन का फायदा उठाते हुए उसके साथ दुष्कर्म किया. इस बीच उसने वीडियो भी बना लिया था. जिसके जरिये ब्लैकमेल करके दुष्कर्म करता रहा. शादी का झांसा दकर 3 साल तक रेप करता रहा. उसने उसे जान से मारने की धमकी दी तब उसने कड़ा रुख अपनाया. बाद में पता चला कि शख्स हिंदू नहीं बल्कि मुस्लिम है और उसका नाम आजम आलम है. वह गंदी गली, अलीपुर जिला रायबरेली का रहने वाला है.
प्रताड़ना से तंग आकर होकर पीड़िता ने 20 जुलाई 2021 को लालगंज थाने में तहरीर दी थी. जिस पर मुकदमा दर्ज कर चार्जशीट कोर्ट में पेश की गई थी. फास्ट ट्रैक कोर्ट में न्यायाधीश द्वारा आजम आलम को 10 वर्ष का कारावास की सजा सुनाई गई है. साथ ही 20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है.
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