देहरादून: भारी बारिश से बीते दिनों केदारघाटी में भारी त्रासदी आई, जिसके बाद यात्रा प्रभावित हुई थी. लेकिन सरकार ने केदारनाथ यात्रा को शुरू कर दिया है. यात्री हेलीकॉप्टर से केदारनाथ की यात्रा कर सकते हैं. लेकिन पैदल मार्ग खुलने में थोड़ा वक्त लगेगा. भीमबली से लिंनचोली तक मचे तांडव में आधा दर्जन से ज्यादा जगहों पर रास्ते का नामोनिशान मिट गया है. जहां दोबारा रास्ता बनाने के लिए तमाम तकनीकी प्रयास किए जा रहे हैं.
दरअसल, केदारनाथ आने वाले यात्री ज्यादा पैदल मार्ग से धाम पहुंचते हैं. लेकिन 31 जुलाई की रात भारी बारिश से यात्रा मार्ग पर जगह-जगह भूस्खलन होने से मार्ग क्षतिग्रस्त हो गए. कई जगहों पर मार्ग के नामोनिशान तक मिट गए. इन जगहों पर लैंडस्लाइड के बाद खड़ी चट्टान दिखाई दे रही हैं. लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि केदारनाथ मार्ग पर करीब 10 जगह पर मार्ग बनाने के लिए चट्टान काट कर वैकल्पिक मार्ग बनाना पड़ेगा. लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज पांडे ने बताया कि हालातों को देखते हुए विभाग द्वारा 10 फोल्डिंग ब्रिज का आर्डर पहले ही दे दिया गया है और इन ब्रिज को बनाने की तैयारी भी हो चुकी है. पंकज पांडे ने मौके पर जाकर जायजा लिया और कहा कि अगले 1 सप्ताह के भीतर केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग को दुरुस्त कर दिया जाएगा.
वहीं केदारनाथ धाम में दोबारा पैदल यात्रा शुरू करने को लेकर के लोक निर्माण विभाग मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि एजेंसियां लगातार कार्य कर रही है. केदारनाथ धाम के लिए गौरीकुंड तक जाने वाले सड़क मार्ग और गौरीकुंड से ऊपर धाम तक जाने वाले पैदल मार्ग के पुनर्निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है. उन्होंने कहा कि देवी आपदा की वजह से मोटर मार्ग और पैदल मार्ग दोनों को काफी ज्यादा क्षति पहुंची है. कई जगहों पर लैंडस्लाइड के बाद खड़ी चट्टानें बन गई हैं. इन जगहों पर तकनीकियों का इस्तेमाल किया जाएगा. वैली ब्रिज और फोल्डिंग ब्रिज का विकल्प देखा जाएगा और जो जहां पर फिट बैठेगी उसे हिसाब से ब्रिज लगाए जाएंगे. उन्होंने बताया कि जल्द से जल्द केदारनाथ धाम की यात्रा वापस अपने स्वरूप में आ जाएगी. जिसके लिए सरकार जुटी हुई है.
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