रुड़की: अपने विवादियों बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले यति नरसिंहानंद सरस्वती फिर से चर्चाओं में है. इस बार नरसिंहानंद सरस्वती पर धर्म विशेष की भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा है. इस मामले में नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ यूपी के गाजियाबाद के सिहानीगेट थाने में एफआईआर भी दर्ज हुई है. वहीं नरसिंहानंद सरस्वती के इस बयान का असर उत्तराखंड में भी देखा गया है. हरिद्वार जिले के रुड़की में नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ लोगों ने विरोध-प्रदर्शन किया.
शुक्रवार को रुड़की और पिरान कलियर में बड़ी संख्या में लोग एकत्र हुए. इस दौरान उन्होंने नरसिंहानंद सरस्वती के बयान का निंदा की और अपना रोष व्यक्त करते हुए नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ प्रदर्शन भी किया. प्रदर्शनकारियों ने नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ पुलिस को तहरीर भी दी है.
रुड़की में एआईएमआईएम के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर नय्यर काजमी और मौलाना अरशद कासमी ने नरसिंहानंद सरस्वती पर सौहार्दपूर्ण वातावरण को बिगड़ने का आरोप भी लगाया है. दोनों का कहना है कि नरसिंहानंद सरस्वती के बयान से लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं. इसलिए नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए.
क्या है पूरा मामला: दरअसल, 29 सितंबर 2024 को गायिजाबाद के लोहियानगर स्थित हिंदी भवन में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में डासना मंदिर के महंत नरसिंहानंद सरस्वती भी शामिल हुए थे. कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान नरसिंहानंद सरस्वती ने कुछ विवादित टिप्पणी की थी, जिसके बाद से ही ये पूरा विवाद खड़ा हो गया.
2022 में हेट स्पीच मामले में जेल भी जा चुके नरसिंहानंद: बता दें कि साल 2022 में हरिद्वार धर्म संसद के दौरान भी नरसिंहानंद सरस्वती ने विवादित बयान दिया था. नरसिंहानंद सरस्वती के उस बयान के पूरे देश में विरोध हुआ था. इस मामले में नरसिंहानंद सरस्वती के साथ-साथ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (वसीम रिजवी) को जेल भी जाना पड़ा था.
पढ़ें--
- महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने मौलाना अरशद मदनी को बताया दुनिया का सबसे बड़ा जिहादी, बोले-योगी बनें पीएम, यही दिल की इच्छा
- यूसीसी को यति नरसिंहानंद ने बताया चुनावी नौटंकी, भाजपा को घेरा, फ्रांस हिंसा पर कही ये बात
- हरिद्वार धर्म संसद विवादित बयान: AISA और CPI का दिल्ली में उत्तराखंड भवन के बाहर प्रदर्शन