अजमेर. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं में दसवीं कक्षा के हिंदी विषय के प्रश्न पत्रों में बड़ी अनियमितता सामने आई है. कई प्रश्न पत्र में क्रमांक ही अंकित नहीं हैं. जबकि कई में क्रमांक गायब हैं. वहीं कुछ में तो पेपर भी मिसिंग पाए गए हैं. कई प्रश्न पत्र सील पैक नहीं थे और प्रश्न पत्र भी अलग-अलग सीरीज के पाए गए हैं. हिंदी विषय से पहले अंग्रेजी विषय की परीक्षा में भी प्रश्न पत्रों पर क्रमांक नहीं पाए गए और पेपर भी खुले हुए थे. यह मामला बोर्ड सचिव तक पहुंच गया है. हालांकि बोर्ड सचिव कैलाश चंद शर्मा ने प्रश्न पत्र में किसी भी तरह की कोई गड़बड़ी होने से इनकार किया है. साथ ही त्रुटि संबंधी पत्र को वायरल करने वालों के खिलाफ भी बोर्ड की ओर से कार्रवाई करने की बात कही है.
अंग्रेजी और हिंदी विषय की परीक्षा में क्रमांक और पेपर मिसिंग मामले में अभी तक पेपर लीक का कोई भी प्रकरण सामने नहीं आया है. वहीं पेपर कम मिलने से भी किसी भी स्कूल में कोई परेशानी नहीं हुई है. हालांकि प्रत्येक परीक्षा केंद्रों पर विद्यार्थियों के अनुपात में पेपर अधिक दिए जाते हैं. यह अनियमितता किस स्तर पर हुई है, फिलहाल यह जांच का विषय है. प्रारंभिक तौर पर माना जा रहा है कि यह लापरवाही पेपर सप्लाई करने वाली एजेंसी की है. जिन परीक्षा केंद्र में प्रश्न पत्र में क्रमांक नहीं होने और पेपर मिसिंग के मामले सामने आए हैं, उन परीक्षा केंद्रों के केंद्र अधीक्षकों ने बोर्ड को त्रुटियों के बारे में पत्र लिखे हैं.
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त्रुटि संबंधित पत्र :
- देवली कला में 10वीं सामान्य ज्ञान में 6000547 की जगह 5856965 क्रमांक का पेपर प्राप्त हुआ है.
- कुशालपुर में दसवीं हिंदी के प्रश्न पत्रों की क्रम संख्या में त्रुटि है.
- पाली के बलाडा स्कूल में हिंदी विषय के पेपर का क्रमांक 1856378 का पेपर मिसिंग है.
इनका कहना है: बोर्ड के सचिव कैलाश शर्मा ने कहा कि 10वीं बोर्ड परीक्षा के हिंदी पेपर में क्रमांक गायब होने और पेपर मिसिंग के मामले में परीक्षार्थियों और अभिभावकों में असमंजस्य की स्थिति उत्पन्न हुई है. पेपर लीक की आशंका पर विराम लगाते हुए शर्मा ने कहा कि दसवीं कक्षा के अंग्रेजी और हिंदी विषय के पेपर में किसी तरह की कोई गड़बड़ी नहीं हुई है. हिंदी विषय का पेपर 12 मार्च को हुआ था. इसमें कुछ स्थानों पर सूचना मिली थी कि प्रश्न पत्र का सीरियल अलग आ गया है. यानी सीरियल नंबर के प्रश्न पत्र अलग-अलग हो गए. प्रिंटिंग और पैकिंग के दौरान असावधानी हुई है. इस प्रकरण की जांच करवाई जा रही है जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इससे परीक्षा के आयोजन पर कर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है.
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उन्होंने कहा कि प्रश्न पत्र की पैकिंग में लापरवाही का यह मामला लग रहा है. फिलहाल बोर्ड की प्राथमिकता परीक्षाएं निर्विघ्न, पारदर्शिता और संवेदनशील तरीके से पूरी करवाना है. परीक्षा पूर्ण होने के बाद प्रकरण की जांच कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि इस तरह के पत्र और सूचनाएं सार्वजनिक नहीं होनी चाहिए. जिन लोगों ने भी इन पत्र को सार्वजनिक किया है उनके विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी. इस तरह की सूचना को निदेशक गोपनीय को भेजी जानी चाहिए, ना कि व्हाट्सऐप पर वायरल करना चाहिए. इससे भ्रम और अफवाह की स्थिति उत्पन्न होती है.