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उत्तराखंड भू-कानून पर बड़ा ऐलान, 2017 के कानूनों की होगी समीक्षा, जानें किस पर होगी कार्रवाई - land law in Uttarakhand

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 2 hours ago

Updated : 1 hours ago

Uttarakhand Latest News, Dehradun Latest News, Uttarakhand Land Law: उत्तराखंड में भी हिमाचल प्रदेश की तर्ज पर सख्त भू-कानून लागू करने की मांग लंबे समय से हो रही है. अब इस दिशा में सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है. ऐसे में सख्त भू-कानून के प्रावधानों को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में प्रेसवार्ता की.

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सीएम धामी का ऐलान (ETV Bharat)

देहरादून: उत्तराखंड में लंबे समय से सख्त भू-कानून की मांग की जा रही है, जिसको लेकर अब उत्तराखंड की धामी सरकार भी हरकत में आ गई है. शुक्रवार 27 सितंबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में भू-कानून को लेकर सचिवालय में प्रेस वार्ता की और कई अहम जानकारियां दी.

गलत तरीके से जमीन लेने वालों पर होगी कार्रवाई: मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में एक कानून प्रचलित है, जिसमें नगर निकाय क्षेत्र से बाहर क्षेत्र में 250 वर्ग मीटर भूमि कोई भी बाहरी व्यक्ति बिना अनुमति के खरीद सकता है. प्रदेश में पहले से ही इस तरह का प्रावधान बना हुआ है. लेकिन संज्ञान में आया है कि इस कानून के बनने के बाद तमाम लोगों ने अपने ही परिवार के सदस्यों के अलग-अलग नाम से जमीन खरीद ली है. ऐसे में जिन उद्देश्यों से नगर निगम क्षेत्र से बाहर 250 मीटर जमीन खरीदने का प्रावधान किया गया था, वो उसके अंतर्गत नहीं आता है. लिहाजा इस तरह से जितनी भी जमीन नगर निगम क्षेत्र से बाहर खरीदी गई है, उन सभी जमीनों का विवरण तैयार कराया जा रहा है. लिहाजा ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. सीएम ने कहा कि जितनी भी जमीन इस तरह से खरीदी हुई निकलेगी, उन सभी जमीनों को राज्य सरकार में निहित किया जाएगा.

भू-कानून पर सीएम धामी की प्रेस कॉन्फ्रेंस. (ETV Bharat)

साल 2017 में किए गए थे बड़े बदलाव: सीएम ने कहा कि, ये भी संज्ञान में आया है कि साल 2017 में भू- कानून में जो बदलाव किए गए थे, उसके परिणाम सकारात्मक नहीं आए हैं. क्योंकि साल 2017 में किए गए बदलाव के अनुसार जो अनुमति शासन स्तर पर दी जानी थी, उसको बदलकर जिला स्तर पर कर दिया गया था.

साल 2017 के प्रावधानों को किया जा सकता है खत्म: साथ ही 12.5 एकड़ जो इसकी अधिकतम सीमा थी, वो खत्म कर दी गई थी. लिहाजा इन प्रावधानों की भी समीक्षा की जाएगी. अगर जरूरत पड़ी तो साल 2017 में भू कानून में किए गए नए प्रावधानों को समाप्त भी किया जा सकता है. ताकि इन प्रावधानों के माध्यम से जो बे-रोकटोक जमीनों की खरीद फरोख्त और दुरुपयोग किया गया है और उसको रोका जाए.

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भू-कानून पर सीएम धामी का बड़ा ऐलान (ETV Bharat)

जमीनों के खरीदारों का विवरण किया जा रहा तैयार: साथ ही प्रदेश के भीतर जिन लोगों ने जिस उद्देश्य से भूमि खरीदी है, अगर वह उसे उद्देश्य के आधार पर उपयोग नहीं कर रहे हैं, ऐसी जमीनों का भी विवरण तैयार किया जा रहा है. लिहाजा, ऐसे लोगों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी. साथ ही ऐसी जमीनें भी राज्य सरकार में निहित की जाएंगी.

राज्य सरकार की प्राथमिकता प्रदेश में निवेश की: सीएम ने कहा कि उत्तराखंड का मूल स्वरूप बनाने के उद्देश्य से उठाए जा रहे इन सभी कदमों से किसी भी ऐसे व्यक्ति को परेशान होने की जरूरत नहीं है, जो प्रदेश में निवेश करना चाहते हैं और उद्योग लगाना चाहते हैं. क्योंकि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि प्रदेश में तमाम क्षेत्रों में निवेश किया जाए.

बजट सत्र में भू-कानून में बदलाव कर सकती है धामी सरकार: सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार भू-कानून और मूल निवास जैसे मुद्दे को लेकर बेहद संवेदनशील है. लिहाजा अगले बजट सत्र के दौरान प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप प्रदेश में भू-कानून लागू किया जाएगा. प्रदेश में सख्त भू कानून लागू किए जाने को लेकर प्रारूप तैयार करने के लिए कमेटी का गठन पहले ही किया जा चुका है. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित यह कमेटी भू-कानून का प्रारूप तैयार कर रही है.

इसके अनुरूप एक भू-कानून लाने को लेकर काम किया जा रहा है. साथ ही कहा कि मार्च 2021 और इससे लंबे समय से चले आ रहे तमाम मामले ऐसे थे, जिन मामलों पर फैसले नहीं हो पा रहे थे, उन सभी मामलों पर फैसले लिए गए हैं. इसी तरह भू कानून के मुद्दे का समाधान भी भाजपा सरकार ही करेगी. सबकी भावनाओं और सभी पक्षों से बातचीत करने, अनेक विषयों के विशेषज्ञों के साथ बातचीत करने के साथ निर्णय लिया जाएगा.

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देहरादून: उत्तराखंड में लंबे समय से सख्त भू-कानून की मांग की जा रही है, जिसको लेकर अब उत्तराखंड की धामी सरकार भी हरकत में आ गई है. शुक्रवार 27 सितंबर को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में भू-कानून को लेकर सचिवालय में प्रेस वार्ता की और कई अहम जानकारियां दी.

गलत तरीके से जमीन लेने वालों पर होगी कार्रवाई: मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में एक कानून प्रचलित है, जिसमें नगर निकाय क्षेत्र से बाहर क्षेत्र में 250 वर्ग मीटर भूमि कोई भी बाहरी व्यक्ति बिना अनुमति के खरीद सकता है. प्रदेश में पहले से ही इस तरह का प्रावधान बना हुआ है. लेकिन संज्ञान में आया है कि इस कानून के बनने के बाद तमाम लोगों ने अपने ही परिवार के सदस्यों के अलग-अलग नाम से जमीन खरीद ली है. ऐसे में जिन उद्देश्यों से नगर निगम क्षेत्र से बाहर 250 मीटर जमीन खरीदने का प्रावधान किया गया था, वो उसके अंतर्गत नहीं आता है. लिहाजा इस तरह से जितनी भी जमीन नगर निगम क्षेत्र से बाहर खरीदी गई है, उन सभी जमीनों का विवरण तैयार कराया जा रहा है. लिहाजा ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. सीएम ने कहा कि जितनी भी जमीन इस तरह से खरीदी हुई निकलेगी, उन सभी जमीनों को राज्य सरकार में निहित किया जाएगा.

भू-कानून पर सीएम धामी की प्रेस कॉन्फ्रेंस. (ETV Bharat)

साल 2017 में किए गए थे बड़े बदलाव: सीएम ने कहा कि, ये भी संज्ञान में आया है कि साल 2017 में भू- कानून में जो बदलाव किए गए थे, उसके परिणाम सकारात्मक नहीं आए हैं. क्योंकि साल 2017 में किए गए बदलाव के अनुसार जो अनुमति शासन स्तर पर दी जानी थी, उसको बदलकर जिला स्तर पर कर दिया गया था.

साल 2017 के प्रावधानों को किया जा सकता है खत्म: साथ ही 12.5 एकड़ जो इसकी अधिकतम सीमा थी, वो खत्म कर दी गई थी. लिहाजा इन प्रावधानों की भी समीक्षा की जाएगी. अगर जरूरत पड़ी तो साल 2017 में भू कानून में किए गए नए प्रावधानों को समाप्त भी किया जा सकता है. ताकि इन प्रावधानों के माध्यम से जो बे-रोकटोक जमीनों की खरीद फरोख्त और दुरुपयोग किया गया है और उसको रोका जाए.

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भू-कानून पर सीएम धामी का बड़ा ऐलान (ETV Bharat)

जमीनों के खरीदारों का विवरण किया जा रहा तैयार: साथ ही प्रदेश के भीतर जिन लोगों ने जिस उद्देश्य से भूमि खरीदी है, अगर वह उसे उद्देश्य के आधार पर उपयोग नहीं कर रहे हैं, ऐसी जमीनों का भी विवरण तैयार किया जा रहा है. लिहाजा, ऐसे लोगों के खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी. साथ ही ऐसी जमीनें भी राज्य सरकार में निहित की जाएंगी.

राज्य सरकार की प्राथमिकता प्रदेश में निवेश की: सीएम ने कहा कि उत्तराखंड का मूल स्वरूप बनाने के उद्देश्य से उठाए जा रहे इन सभी कदमों से किसी भी ऐसे व्यक्ति को परेशान होने की जरूरत नहीं है, जो प्रदेश में निवेश करना चाहते हैं और उद्योग लगाना चाहते हैं. क्योंकि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि प्रदेश में तमाम क्षेत्रों में निवेश किया जाए.

बजट सत्र में भू-कानून में बदलाव कर सकती है धामी सरकार: सीएम धामी ने कहा कि उत्तराखंड सरकार भू-कानून और मूल निवास जैसे मुद्दे को लेकर बेहद संवेदनशील है. लिहाजा अगले बजट सत्र के दौरान प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियों के अनुरूप प्रदेश में भू-कानून लागू किया जाएगा. प्रदेश में सख्त भू कानून लागू किए जाने को लेकर प्रारूप तैयार करने के लिए कमेटी का गठन पहले ही किया जा चुका है. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित यह कमेटी भू-कानून का प्रारूप तैयार कर रही है.

इसके अनुरूप एक भू-कानून लाने को लेकर काम किया जा रहा है. साथ ही कहा कि मार्च 2021 और इससे लंबे समय से चले आ रहे तमाम मामले ऐसे थे, जिन मामलों पर फैसले नहीं हो पा रहे थे, उन सभी मामलों पर फैसले लिए गए हैं. इसी तरह भू कानून के मुद्दे का समाधान भी भाजपा सरकार ही करेगी. सबकी भावनाओं और सभी पक्षों से बातचीत करने, अनेक विषयों के विशेषज्ञों के साथ बातचीत करने के साथ निर्णय लिया जाएगा.

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