दुमकाः स्वास्थ्य विभाग की लचर व्यवस्था से गोपीकांदर प्रखंड की एक पहाड़िया गर्भवती महिला की मौत हो गई है. मृतका की पहचान प्रखंड क्षेत्र के कुंडापहाड़ी गांव निवासी प्रिसिंका महारानी के रूप में की गई है.
अस्पताल-अस्पताल घूमती रही, पर नहीं हुआ इलाज
जानकारी के अनुसार गर्भवती महिला की हालत बिगड़ने पर परिजन पहले उसे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले गए, लेकिन वहां इलाज नहीं हो सका. फिर परिजन महिला को लेकर गोपीकांदर सीएचसी पहुंचे, लेकिन वहां चिकित्सक नहीं थे. इस कारण महिला को फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर कर दिया गया. परिजन किसी तरह जब फूलो झानो मेडिकल कॉलेज पहुंचे तो वहां से भी चिकित्सक ने महिला को रेफर कर दिया. इस दौरान रास्ते में ही महिला ने दम तोड़ दिया.
दुर्गापुर स्वास्थ्य केन्द्र में भी नहीं हुआ इलाज
जानकारी के अनुसार गोपीकांदर प्रखंड के कुंडापहाड़ी गांव के पहाड़िया टोला निवसी प्रिसिंका महारानी आठ माह की गर्भवती थी. दो दिन पूर्व शनिवार शाम को उसे दर्द का अहसास हुआ तो उसने परिजनों को जानकारी दी. वह मायके में थी. प्रिसिंका के पिता मंगला देहरी ने उसे नजदीक के दुर्गापुर गांव स्थित स्वास्थ्य केन्द्र ले गए, लेकिन उसे इलाज नहीं मिल पाया.
गोपीकांदर सीएचसी में डॉक्टर थे नदारद
इसके बाद रविवार को महिला को गोपीकांदर सीएचसी ले जाने का प्रयास किया गया, लेकिन सूचना देने के बावजूद एंबुलेंस नहीं पहुंची. वहीं बेटी की हालत खराब होता देखकर पिता ने किसी तरह रुपये का बंदोबस्त कर ऑटो मंगवाया और बेटी को गोपीकांदर सीएचसी लेकर पहुंचे. लेकिन अस्पताल में मात्र दो एएनएम ही मौजूद थीं. इस कारण बगैर किसी इलाज के महिला को रेफर कर दिया गया.
पीजेएमसीएच में भी नहीं हुआ इलाज
इस दौरान काफी समय बीत गया था. फिर काफी प्रयास के बाद दुमका से एंबुलेंस मंगाया गया और रविवार की शाम को प्रिंसिका को लेकर परिजन फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल पहुंचे. पिता के अनुसार पीजेएमसीएच में भी बेटी का इलाज नहीं किया गया और चिकित्सक ने उसे बाहर ले जाने की बात कही. गर्भवती बेटी को दूसरी जगह ले जाने के लिए वह अस्पताल से बाहर निकले ही थे कि इसी क्रम में उसकी मौत हो गई.
गर्भवती होने के बाद मायके में रहती थी प्रिसिंका
प्रिसिंका की शादी काठीकुंड थाना क्षेत्र के निझोर गांव के धर्मेंद्र देहरी के साथ एक साल पहले हुई थी. गर्भवती होने के बाद से दोनों पति-पत्नी कुंडापहाड़ी गांव में ही रहने लगे. दोनों मजदूरी कर जीवन-यापन करते थे.
सिविल सर्जन ने चिकित्सक को किया शो-कॉज
मामले में दुमका सिविल सर्जन डॉ. बच्चा प्रसाद सिंह ने कहा कि जिस डॉक्टर सुमित आनंद की उस वक्त सीएचसी गोपीकांदर में ड्यूटी थी, वे ड्यूटी पर मौजूद नहीं थे. वे रहते तो तुरंत रेफर कर सकते थे. काठीकुंड में सिजेरियन ऑपरेशन की व्यवस्था थी. हमें जब जानकारी मिली थी तो काठीकुंड से एंबुलेंस भिजवाया था. ऐसे में डॉ सुमित से शो-कॉज किया जाएगा. वहां के चिकित्सा प्रभारी से भी मंत्वय मांगा गया है.
ये भी पढ़ें-
गर्भवती महिला की मौत के बाद शव लेकर थाना पहुंचे परिजन, आरोपी पक्ष के लोगों की कर दी चप्पल से पिटाई