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बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं की सलामती के लिए अजमेर दरगाह में मांगी दुआ - Prayers For Hindus at Ajmer Dargah

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 16, 2024, 8:01 PM IST

Updated : Aug 16, 2024, 10:42 PM IST

बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में शुक्रवार को अजमेर दरगाह में दुआ मांगी गई. इस दौरान अपील की गई कि सभी समुदाय के लोग हिन्दुओं के साथ खड़े हों और उनकी सलामती की दुआ करें.

Prayers For Hindus at Ajmer Dargah
अजमेर दरगाह में मांगी दुआ (ETV Bharat Ajmer)
अजमेर दरगाह में हिन्दुओं के लिए मांगी दुआ, हुई ये अपील (ETV Bharat Ajmer)

अजमेर: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में अजमेर दोपहर तक बंद रखा गया. सकल हिंदू समाज ने मौन जुलूस निकालकर विरोध किया. वहीं अजमेर में विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू की सलामती के लिए दुआएं की गई. अंजुमन सैयद जादगान कमेटी की ओर से सैयद गुलाम किबरिया के नेतृत्व में खादिम समुदाय ने सामूहिक दुआ का कार्यक्रम रखा.

कार्यक्रम में अंजुमन सैयद जादगान के अध्यक्ष सैयद गुलाम किबरिया ने खादिम समुदाय की ओर से बांग्लादेश के हिंदुओं और अल्पसंख्यक समाज के लोगों की हिफाजत और अमन-चैन कायम होने की दुआ की. दरगाह में खादिम सैयद अफशान चिश्ती ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन अल्पसंख्यक हैं. जहां बहुसंख्यकों में शामिल फिरके की ओर से उन पर अत्याचार किया जा रहा है, जो निंदनीय है.

पढ़ें: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में बंद, हिंदू समाज ने निकाली रैली - Ajmer closed in protest

उन्होंने कहा कि हम भारत के मुसलमान से अपील करते हैं कि वह भी बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदुओं के लिए खड़े हों एवं उनकी सलामती के लिए आवाज उठाएं और दुआ करें. कार्यक्रम में चिश्ती फाउंडेशन के संस्थापक सैयद सलमान चिश्ती ने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज की शिक्षाएं, अमन और भाईचारे को बढ़ाने का काम करती हैं. ख्वाजा गरीब नवाज के दर से हम सभी बांग्लादेश में जो दरगाहे हैं, उनसे भी गुजारिश करते हैं कि वह भी अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचार का खुलकर विरोध करें और पीड़ित अल्पसंख्यकों का समर्थन करें.

अजमेर दरगाह में हिन्दुओं के लिए मांगी दुआ, हुई ये अपील (ETV Bharat Ajmer)

अजमेर: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में अजमेर दोपहर तक बंद रखा गया. सकल हिंदू समाज ने मौन जुलूस निकालकर विरोध किया. वहीं अजमेर में विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू की सलामती के लिए दुआएं की गई. अंजुमन सैयद जादगान कमेटी की ओर से सैयद गुलाम किबरिया के नेतृत्व में खादिम समुदाय ने सामूहिक दुआ का कार्यक्रम रखा.

कार्यक्रम में अंजुमन सैयद जादगान के अध्यक्ष सैयद गुलाम किबरिया ने खादिम समुदाय की ओर से बांग्लादेश के हिंदुओं और अल्पसंख्यक समाज के लोगों की हिफाजत और अमन-चैन कायम होने की दुआ की. दरगाह में खादिम सैयद अफशान चिश्ती ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन अल्पसंख्यक हैं. जहां बहुसंख्यकों में शामिल फिरके की ओर से उन पर अत्याचार किया जा रहा है, जो निंदनीय है.

पढ़ें: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में बंद, हिंदू समाज ने निकाली रैली - Ajmer closed in protest

उन्होंने कहा कि हम भारत के मुसलमान से अपील करते हैं कि वह भी बांग्लादेश के अल्पसंख्यक हिंदुओं के लिए खड़े हों एवं उनकी सलामती के लिए आवाज उठाएं और दुआ करें. कार्यक्रम में चिश्ती फाउंडेशन के संस्थापक सैयद सलमान चिश्ती ने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज की शिक्षाएं, अमन और भाईचारे को बढ़ाने का काम करती हैं. ख्वाजा गरीब नवाज के दर से हम सभी बांग्लादेश में जो दरगाहे हैं, उनसे भी गुजारिश करते हैं कि वह भी अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचार का खुलकर विरोध करें और पीड़ित अल्पसंख्यकों का समर्थन करें.

Last Updated : Aug 16, 2024, 10:42 PM IST
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