प्रयागराज : जिले में जनवरी 2025 में महाकुंभ मेला लगेगा. उससे पहले देश के चार हिस्सों में ज्ञान महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा. कुंभ में फरवरी माह में ज्ञान महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा. यहां देश भर में शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने वालों का महाकुंभ लगेगा. इसमें नई शिक्षा नीति के तहत ऐसी शिक्षा प्रदान करने पर मंथन किया जाएगा. इससे देश के भौतिक विकास के साथ ही नैतिक विकास, सांस्कृतिक विकास, शिक्षा आदि पर चर्चा की जाएगी.
प्रयागराज में लगने वाले महाकुंभ 2025 के पहले देश के चार राज्यों में ज्ञानकुंभ का आयोजन होने जा रहा है. इसके बाद फरवरी में प्रयागराज में ज्ञान महाकुम्भ का आयोजन होगा. फिललाल, ज्ञान कुंभ की शुरुआत उत्तराखंड के हरिद्वार से होगी जहां पर 1 और 2 अक्टूबर को ज्ञान कुंभ का आयोजन किया जाएगा. उसके बाद बिहार के नालंदा में दूसरा ज्ञान कुंभ का आयोजन किया जाएगा. जहां पर 16 से लेकर 18 अक्टूबर तक ज्ञान कुंभ चलेगा.
इसी तरह से तीसरा ज्ञान कुंभ पांडिचेरी में 21 से 23 नवंबर तक आयोजित होगा. चौथा ज्ञान कुंभ 30 नवम्बर और 1 दिसम्बर को गुजरात के अहमदाबाद में होगा. इस चार ज्ञान कुंभ के बाद संगम नगरी प्रयागराज में आयोजित महाकुम्भ में 6 से 8 फरवरी तक तीन दिवसीय ज्ञान महाकुंभ का आयोजन होगा. जबकि, महाकुंभ में एक महीने तक विभिन्न कार्यक्रम होते रहेंगे.
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ज्ञान कुंभ में किन विषयों पर होगी चर्चा : शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास और केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के गंगा नाथ झा परिसर की तरफ से प्रयागराज में ज्ञान महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा. इसकी तैयारियों को लेकर दो दिनों तक विस्तार से चर्चा कर रणनीति बनायी गयी. कार्यक्रम में बताया गया, कि प्रयागराज में ज्ञान महाकुंभ के आयोजन से पहले देश के 4 हिस्सों में ज्ञानकुंभ आयोजन किया जाएगा. उत्तराखंड, बिहार, पांडिचेरी और गुजरात में लगने वाले ज्ञानकुंभ के दौरान भारत को विश्वगुरु बनाने और युवाओं को शिक्षा के साथ ही उनके चरित्र निर्माण, व्यक्तित्व विकास, संस्कारवान और आत्मनिर्भर बनाने के लिए दी जाने वाली शिक्षा पर विस्तार से चर्चा की जाएगी.
7 से 9 फरवरी को प्रयागराज में होगा ज्ञान महाकुंम्भ : चार राज्यों में ज्ञान कुंम्भ होने के बाद, प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में ज्ञान महाकुंभ का आयोजन किया जाएगा. 7 से 9 फरवरी तक चलने वाले ज्ञान महाकुंभ में शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े हुए सभी प्रकार के लोगों को बुलाया जाएगा. जिसमें निजी क्षेत्र में कार्य करने वालों के साथ ही सरकारी क्षेत्र में कार्य करने वाले लोग भी आएंगे. साथ ही शिक्षा शिक्षण संस्थान चलाने वाले अन्य लोगों के अलावा साधु संत महात्माओं को भी इस कार्यक्रम में बुलाया जाएगा. केंद्र सरकार के साथ ही राज्य सरकारों के शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव को भी ज्ञान महाकुंभ में बुलाया जाएगा. कार्यक्रम में देश भर के सरकारी निजी और केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपतियों को भी आमंत्रित किया जाएगा.
सभी को सुलभ होनी चाहिए शिक्षा : ज्ञान कुंभ और ज्ञान महाकुंभ के दौरान गरीब और कमजोर व्यक्ति के परिवार के बच्चे धनाभाव में शिक्षा से वंचित न हो, उसके लिए भी चर्चा की जाएगी. सभी को शिक्षा सुलभ करवाने के लिए सक्षम व्यक्तियों से आगे आने की अपील की जाएगी. इसके साथ ही इस ज्ञान महाकुंभ में इस बात पर भी चर्चा की जाएगी, कि लोग शिक्षा को व्यवसाय न समझकर बल्कि उसे सेवा भाव का कार्य समझें.
शिक्षा ऐसी हो, जहां हर आदमी की पहुंच हो. कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों को इस बात के लिए प्रेरित किया जाएगा कि वह अपने शिक्षण संस्थानों के द्वारा ऐसी व्यवस्था करें, जिससे समाज के सबसे पिछड़े पायदान के व्यक्ति को भी शिक्षा सुलभ हो सके.धन के अभाव की वजह से कोई भी नागरिक शिक्षा से वंचित न हो, इसके लिए सभी को मिलजुल कर काम करने के लिए प्रेरित किया जाएगा.