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महाकुंभ क्षेत्र में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच स्थापित हुई निरंजनी और आनंद अखाड़े की धर्म ध्वजा - MAHAKUMBH 2025

4 और 6 जनवरी को निकलेगी दोनों अखाड़ों की पेशवाई

महाकुंभ क्षेत्र में स्थापित हुई दो अखाड़ों की धर्म ध्वजा.
महाकुंभ क्षेत्र में स्थापित हुई दो अखाड़ों की धर्म ध्वजा. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 30, 2024, 6:33 PM IST

प्रयागराज : संगम नगरी में महाकुंम्भ मेले की शुरुआत से पहले अखाड़ों की धर्म ध्वजा की स्थापना करने का क्रम जारी है. इसी कड़ी में सोमवार को संन्यासियों के प्रमुख अखाड़ों में से एक श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के महाकुंम्भ मेला शिविर में धर्म ध्जवा की स्थापना की गई. विधि विधान के साथ वैदिक मंत्रोच्चार के बीच निरंजनी अखाड़े के संतों-महंतों की मौजूदगी में धर्मध्वजा स्थापित की गई. 52 हाथ लंबी धर्मध्वजा की स्थापना में हाईड्रा की मदद भी ली गई. इसी तरह आनंद अखाड़े में भी धर्म ध्वजा स्थापित की गई.

महाकुंभ क्षेत्र में स्थापित हुई निरंजनी अखाड़े की धर्म ध्वजा. (Video Credit; ETV Bharat)

महाकुम्भ मेले अखाड़ों की तरफ से धर्म ध्वजा स्थापित की जा रही है. इसी कड़ी में श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी में सोमवार को सोमवती अमावस्या के पावन पर्व पर शुभ मुहूर्त के बीच धर्म ध्वजा की स्थापना की गई. त्रिवेणी मार्ग पर अखाड़ा सेक्टर में निरंजनी अखाड़े की छावनी में धर्म ध्वजा की पूजा अर्चना के बाद स्थापना करने में हाइड्रा की मदद ली गई. स्थापित करते समय नागा संन्यासियों ने चार अनियों को तानकर धर्म ध्वजा स्थापित की. धर्म ध्वजा स्थापित होने के बाद अखाड़े के में पूजा, आरती भोग का क्रम शुरू हो जाएगा. धर्म ध्वजा की स्थापना में निरंजनी अखाड़े के संत महंत के साथ ही दूसरे अखाड़ों के महंत संत और पदाधिकारी भी शामिल हुए थे.

महाकुंभ क्षेत्र में स्थापित हुई आनंद अखाड़े की धर्म ध्वजा. (Video Credit; ETV Bharat)

नागा संन्यासी करेंगे धर्म ध्वजा की पूजा आरती : निरंजनी अखाड़े की परंपरा के मुताबिक धर्म ध्वजा स्थापना के कार्यक्रम में अखाड़े के मुखिया और वरिष्ठ संत महंत शामिल नहीं होते हैं. अखाड़े में धर्म ध्वजा की स्थापना के साथ ही वहां पर उसकी पूजा अर्चना शुरू हो जाएगी. इसके साथ ही धर्म ध्वजा की पूजा आरती की जिम्मेदारी अखाड़े के नागा संत और कोतवाल के अलावा दूसरे पदाधिकारी के हाथ में रहेगी. जबकि अखाड़े में ध्वजा स्थापना और पूजा अर्चना के बाद ही अखाड़े के महंत और श्री महंत द्वारा धर्म ध्वजा देखने की परंपरा है. अखाड़े के कोठारी कुलदीप गिरी ने बताया कि वैदिक परंपरा के मुताबिक धर्म ध्वजा की स्थापना की गr है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि 4 जनवरी को निरंजनी अखाड़े की छावनी प्रवेश यात्रा पेशवाई निकाली जाएगी. महाकुंभ मेला क्षेत्र में छावनी प्रवेश शोभायात्रा के निकलने के साथ अखाड़े के संत महात्मा मेला शिविर में आकर रहने लगेंगे. इसके साथ ही शिविर में बनी कुटिया में नागा संन्यासी रहकर धूनी रमाएंगे.

आनंद अखाड़े में हुई धर्म ध्वजा की स्थापना: सोमवती अमावस्या के दिन एक तरफ जहां श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी ने धर्म ध्वजा की स्थापना की है. वहीं दूसरी तरफ तपोनिधि श्री पंचायती आनंद अखाड़े में भी धर्म ध्वजा की स्थापना की गई. अखाड़े के महामंडलेश्वर और मंडलेश्वर की मौजूदगी में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच धर्म ध्वजा का पूजन किया गया. इसके साथ ही चार अनियों की मदद से धर्म ध्वजा स्थापित की गई. इसी के साथ अखाड़े के ईष्ट देव भगवान सूर्य की स्थापना की जाएगी. धर्म ध्वजा स्थापित होने के बाद अखाड़े में सभी प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान शुरू कर दिए जाएंगे. इसके साथ ही आनंद अखाड़े की तरफ से 6 जनवरी को छावनी प्रवेश शोभायात्रा महाकुंभ मेला क्षेत्र में प्रवेश करेगी. छावनी प्रवेश के साथ ही आनंद अखाड़े के नागा और दूसरे साधु सन्यासी मेला शिविर में आ जाएंगे.

यह भी पढ़ें : प्रयागराज में स्थापित होगा विश्व का सबसे बड़ा महामृत्युंजय यंत्र, भूमि पूजन, 5 एकड़ में बनेगा यूपी स्टेट पवेलियन - GROUND WORSHIP MAHAMRITYUNJAYYANTRA

प्रयागराज : संगम नगरी में महाकुंम्भ मेले की शुरुआत से पहले अखाड़ों की धर्म ध्वजा की स्थापना करने का क्रम जारी है. इसी कड़ी में सोमवार को संन्यासियों के प्रमुख अखाड़ों में से एक श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के महाकुंम्भ मेला शिविर में धर्म ध्जवा की स्थापना की गई. विधि विधान के साथ वैदिक मंत्रोच्चार के बीच निरंजनी अखाड़े के संतों-महंतों की मौजूदगी में धर्मध्वजा स्थापित की गई. 52 हाथ लंबी धर्मध्वजा की स्थापना में हाईड्रा की मदद भी ली गई. इसी तरह आनंद अखाड़े में भी धर्म ध्वजा स्थापित की गई.

महाकुंभ क्षेत्र में स्थापित हुई निरंजनी अखाड़े की धर्म ध्वजा. (Video Credit; ETV Bharat)

महाकुम्भ मेले अखाड़ों की तरफ से धर्म ध्वजा स्थापित की जा रही है. इसी कड़ी में श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी में सोमवार को सोमवती अमावस्या के पावन पर्व पर शुभ मुहूर्त के बीच धर्म ध्वजा की स्थापना की गई. त्रिवेणी मार्ग पर अखाड़ा सेक्टर में निरंजनी अखाड़े की छावनी में धर्म ध्वजा की पूजा अर्चना के बाद स्थापना करने में हाइड्रा की मदद ली गई. स्थापित करते समय नागा संन्यासियों ने चार अनियों को तानकर धर्म ध्वजा स्थापित की. धर्म ध्वजा स्थापित होने के बाद अखाड़े के में पूजा, आरती भोग का क्रम शुरू हो जाएगा. धर्म ध्वजा की स्थापना में निरंजनी अखाड़े के संत महंत के साथ ही दूसरे अखाड़ों के महंत संत और पदाधिकारी भी शामिल हुए थे.

महाकुंभ क्षेत्र में स्थापित हुई आनंद अखाड़े की धर्म ध्वजा. (Video Credit; ETV Bharat)

नागा संन्यासी करेंगे धर्म ध्वजा की पूजा आरती : निरंजनी अखाड़े की परंपरा के मुताबिक धर्म ध्वजा स्थापना के कार्यक्रम में अखाड़े के मुखिया और वरिष्ठ संत महंत शामिल नहीं होते हैं. अखाड़े में धर्म ध्वजा की स्थापना के साथ ही वहां पर उसकी पूजा अर्चना शुरू हो जाएगी. इसके साथ ही धर्म ध्वजा की पूजा आरती की जिम्मेदारी अखाड़े के नागा संत और कोतवाल के अलावा दूसरे पदाधिकारी के हाथ में रहेगी. जबकि अखाड़े में ध्वजा स्थापना और पूजा अर्चना के बाद ही अखाड़े के महंत और श्री महंत द्वारा धर्म ध्वजा देखने की परंपरा है. अखाड़े के कोठारी कुलदीप गिरी ने बताया कि वैदिक परंपरा के मुताबिक धर्म ध्वजा की स्थापना की गr है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि 4 जनवरी को निरंजनी अखाड़े की छावनी प्रवेश यात्रा पेशवाई निकाली जाएगी. महाकुंभ मेला क्षेत्र में छावनी प्रवेश शोभायात्रा के निकलने के साथ अखाड़े के संत महात्मा मेला शिविर में आकर रहने लगेंगे. इसके साथ ही शिविर में बनी कुटिया में नागा संन्यासी रहकर धूनी रमाएंगे.

आनंद अखाड़े में हुई धर्म ध्वजा की स्थापना: सोमवती अमावस्या के दिन एक तरफ जहां श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी ने धर्म ध्वजा की स्थापना की है. वहीं दूसरी तरफ तपोनिधि श्री पंचायती आनंद अखाड़े में भी धर्म ध्वजा की स्थापना की गई. अखाड़े के महामंडलेश्वर और मंडलेश्वर की मौजूदगी में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच धर्म ध्वजा का पूजन किया गया. इसके साथ ही चार अनियों की मदद से धर्म ध्वजा स्थापित की गई. इसी के साथ अखाड़े के ईष्ट देव भगवान सूर्य की स्थापना की जाएगी. धर्म ध्वजा स्थापित होने के बाद अखाड़े में सभी प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान शुरू कर दिए जाएंगे. इसके साथ ही आनंद अखाड़े की तरफ से 6 जनवरी को छावनी प्रवेश शोभायात्रा महाकुंभ मेला क्षेत्र में प्रवेश करेगी. छावनी प्रवेश के साथ ही आनंद अखाड़े के नागा और दूसरे साधु सन्यासी मेला शिविर में आ जाएंगे.

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