नई दिल्ली: इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (IGI) के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने सोमवार को बताया कि वीजा या पासपोर्ट धोखाधड़ी करने के बाद विदेश भाग गए या लापता एजेंटों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (LOCs) जारी करने की संख्या पिछले साल की तुलना में 2024 में दोगुनी हो गई है.
दिल्ली में IGI एयरपोर्ट की पुलिस उपायुक्त उषा रंगनानी ने जारी किए गए लुकआउट सर्कुलर के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि विदेश भाग गए या लापता एजेंटों के खिलाफ करीब 121 लुकआउट सर्कुलर जारी किए गए हैं, ताकि विदेश भागने की कोशिश करने वाले एजेंटों को ट्रैक करके पकड़ा जा सके. यह 2023 की इसी अवधि की तुलना में 100 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है.
वीजा-ऑन-अराइवल नीतियों का फायदा उठाया
IGI एयरपोर्ट के डीसीपी ने कहा, "सीमाओं और हवाई अड्डों पर अपराधियों को रोकने और इमिग्रेशन इंटेग्रिटी को मजबूत करने में लुकआउट सर्कुलर महत्वपूर्ण हैं." उन्होंने कहा कि इसी तरह इस साल कम से कम 16 एजेंटों को गिरफ्तार किया गया है जो 'डंकी रूट' फ्रॉड में शामिल थे. वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि धोखेबाजों ने यात्रियों को कई देशों के माध्यम से अवैध रूप से भेजने के लिए वीजा-ऑन-अराइवल नीतियों का फायदा उठाया.
एफआईआर नंबर 329/24 का हवाला देते हुए रंगनानी ने कहा कि यात्रियों को दुबई, निकारागुआ, क्यूबा और मैक्सिको से होते हुए अमेरिका पहुंचाया गया. इस कष्टदायक यात्रा के दौरान यात्रियों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा. कई बार उन्हें भूख और नींद की कमी का सामना करना पड़ा. मामले में कार्रवाई के दौरान पुलिस ने हरियाणा से दो एजेंटों को गिरफ्तार किया.
गिरफ्तारियों में 107 प्रतिशत की बढ़ोतरी
2024 में भारत भर में ट्रैवल एजेंटों और अवैध इमिग्रेशन के सूत्रधारों सहित कुल 203 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 2023 में यह संख्या 98 थी. गिरफ्तारियों में 107 प्रतिशत की यह वृद्धि रणनीति में निर्णायक बदलाव को दर्शाती है, जिसमें अवैध सिंडिकेट को खत्म करने, हाई-प्रोफाइल एजेंटों को लक्षित करने और इमिग्रेशन फ्रॉड के मूल कारणों को संबोधित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है.
डीसीपी ने कहा, "विदेशी नागरिकों ने फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके असली भारतीय पासपोर्ट प्राप्त किए, विदेश में भारतीय पासपोर्ट की विश्वसनीयता का फायदा उठाया. यह तरीका विशेष रूप से बांग्लादेश और म्यांमार जैसे देशों के नागरिकों के बीच प्रचलित है." विभिन्न मामलों में आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने विभिन्न राज्यों और देशों से एजेंटों को गिरफ्तार किया है, जिनमें पंजाब के 70), हरियाणा के 32, दिल्ली से 25, उत्तर प्रदेश से 25, पश्चिम बंगाल से 17, महाराष्ट्र से 8, गुजरात के 7, राजस्थान के 4, तमिलनाडु के 3, केरल के 3, बिहार से 2, तेलंगाना से 1, ओडिशा , उत्तराखंड , आंध्र प्रदेश, बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार का 1 नागरिक शामिल है.
फर्जी वीजा रैकेट
2024 में कम से कम 71 एजेंटों को गिरफ्तार किया गया है. एजेंटों ने असली वीजा से मिलते-जुलते जाली वीजा बनाए, यात्रियों और आव्रजन अधिकारियों को धोखा दिया.बता दें कि यात्रियों को अक्सर आव्रजन चेक पोस्ट या एयरलाइन काउंटर पर पकड़ा जाता है.
कॉपी और आईडेंटिटी फ्रॉड
एजेंटों ने यात्रियों को पासपोर्ट होल्डर्स जैसा दिखने के लिए रीअसेबंल किए या समान दिखने वाले पासपोर्ट का इस्तेमाल किया, इस साल इन मामलों में शामिल 31 एजेंटों को पकड़ा गया.
फर्जी भारतीय पासपोर्ट वाले विदेशी नागरिक
इस साल, फर्जी पासपोर्ट वाले विदेशी नागरिकों के मामलों में करीब 23 एजेंट पकड़े गए. फर्जी एजेंटों ने यात्रियों को ब्लैक लिस्ट में होने के बावजूद स्वतंत्र रूप से यात्रा करने की अनुमति देने के लिए पासपोर्ट के पन्नों में बदलाव किया या उन्हें बदल दिया. इस साल ऐसे मामलों में करीब 23 एजेंटों को गिरफ्तार किया गया है.
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