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प्रयागराज कुंभ के पहले जगमगाते दिखेंगे धार्मिक स्थल, पर्यटन विभाग की ओर से लगाई जा रही फसाड लाइटें

महाकुंभ को लेकर शहर के पौराणिक महत्व वाले प्रसिद्ध मंदिरों, प्राचीन और ऐतिहासिक इमारतों को लाइटों से सजाया जा रहा है.

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जगमगाते दिखेंगे प्रयागराज के धार्मिक स्थल (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

प्रयागराज: धर्म और आस्था की नगरी संगम नगरी में महाकुंभ को देखते हुए शहर को चमकाया जा रहा है. इसमें कई काम धरातल पर दिखने भी लगे है. महाकुंभ को लेकर शहर की पौराणिक महत्व वाले प्रसिद्ध मंदिरों, प्राचीन और ऐतिहासिक इमारतों को भी बेहतर ढंग से प्रदर्शित करने के लिए पर्यटन विभाग की ओर से फसाड लाइटें लगाई जा रही हैं. फसाड लाइट लगाने के लिए करीब एक करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है. इनके लगने के बाद रात के समय इन इमारतों और मंदिरों की शोभा अलग ही अंदाज में दिखने लगेगी.

मंदिर की पुरानी इमारतें और ब्रिज की खूबसूरती रात में देखते ही बनेगी. महाकुंभ में आने वाले पर्यटक और श्रद्धालु भी संगम नगरी की शोभा का आनंद उठा सके इसके लिए, सिविल लाइंस स्थित करीब दो सौ साल पुराने पत्थरगिरजाघर, अमिताभ बच्चन स्पोर्टस कॉम्पलेक्स, शास्त्रीपुल, नया यमुना पुल के साथ ही अलोपशंकरी मंदिर, शंकर विमान मंडपम, नागवासुकी मंदिर, श्रृंग्वेरपुर में स्थित श्रृंगी ऋषि मंदिर, श्री हनुमत निकेतन मंदिर सिविल लाइंस सहित 20 से अधिक मंदिरों को शामिल किया गया है.

जिला पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह ने दी जानकारी (ETV BHARAT)

इसे भी पढ़े-महाकुंभ से पहले काशी में जुटे संत, कुटुंब प्रबोधन के साथ धर्मांतरण और लव जिहाद पर किया मंथन

जिला पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह ने बताया, कि पर्यटन विभाग की तरफ से शहर के प्राचीन और पौराणिक महत्व वाले मंदिरों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित कर रात के समय खूबसूरती लाने के लिए फसाड लाइट्स लगाई जा रही है. महाकुंभ को दिव्य, भव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसके तहत शहर के प्रमुख मंदिरों को अलौकिक स्वरूप देने के लिए नव्य प्रयोग के रूप में फसाड लाइट का काम किया जा रहा है. इसमें कुंभ मेला क्षेत्र के अंदर और बाहर के प्रमुख प्राचीन मंदिरों को शामिल किया गया है.

फिलहाल, महाकुंभ को लेकर बन रहे प्रोजेक्ट में फसाड लाइट लगाने की जिम्मेदारी पहले प्रयागराज विकास प्राधिकरण यानी पीडीए के ऊपर थी. लेकिन, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज जाकर धरातल पर विकास कार्यों का निरीक्षण किया, तो सबसे ज्यादा पिछड़ा काम प्रयागराज विकास प्राधिकरण का ही निकला. इसके बाद लाइट लगाने की जिम्मेदारी को परिवर्तन करते हुए शासन की तरफ से इसको पर्यटन विभाग को दे दिया गया है.

यह भी पढ़े-महाकुंभ 2025 में बनेंगे 4 वर्ल्ड रिकॉर्ड; IIT कानपुर की टीम सुरक्षा व्यवस्था पर करेगी खास काम

प्रयागराज: धर्म और आस्था की नगरी संगम नगरी में महाकुंभ को देखते हुए शहर को चमकाया जा रहा है. इसमें कई काम धरातल पर दिखने भी लगे है. महाकुंभ को लेकर शहर की पौराणिक महत्व वाले प्रसिद्ध मंदिरों, प्राचीन और ऐतिहासिक इमारतों को भी बेहतर ढंग से प्रदर्शित करने के लिए पर्यटन विभाग की ओर से फसाड लाइटें लगाई जा रही हैं. फसाड लाइट लगाने के लिए करीब एक करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है. इनके लगने के बाद रात के समय इन इमारतों और मंदिरों की शोभा अलग ही अंदाज में दिखने लगेगी.

मंदिर की पुरानी इमारतें और ब्रिज की खूबसूरती रात में देखते ही बनेगी. महाकुंभ में आने वाले पर्यटक और श्रद्धालु भी संगम नगरी की शोभा का आनंद उठा सके इसके लिए, सिविल लाइंस स्थित करीब दो सौ साल पुराने पत्थरगिरजाघर, अमिताभ बच्चन स्पोर्टस कॉम्पलेक्स, शास्त्रीपुल, नया यमुना पुल के साथ ही अलोपशंकरी मंदिर, शंकर विमान मंडपम, नागवासुकी मंदिर, श्रृंग्वेरपुर में स्थित श्रृंगी ऋषि मंदिर, श्री हनुमत निकेतन मंदिर सिविल लाइंस सहित 20 से अधिक मंदिरों को शामिल किया गया है.

जिला पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह ने दी जानकारी (ETV BHARAT)

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जिला पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह ने बताया, कि पर्यटन विभाग की तरफ से शहर के प्राचीन और पौराणिक महत्व वाले मंदिरों को पर्यटन की दृष्टि से विकसित कर रात के समय खूबसूरती लाने के लिए फसाड लाइट्स लगाई जा रही है. महाकुंभ को दिव्य, भव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसके तहत शहर के प्रमुख मंदिरों को अलौकिक स्वरूप देने के लिए नव्य प्रयोग के रूप में फसाड लाइट का काम किया जा रहा है. इसमें कुंभ मेला क्षेत्र के अंदर और बाहर के प्रमुख प्राचीन मंदिरों को शामिल किया गया है.

फिलहाल, महाकुंभ को लेकर बन रहे प्रोजेक्ट में फसाड लाइट लगाने की जिम्मेदारी पहले प्रयागराज विकास प्राधिकरण यानी पीडीए के ऊपर थी. लेकिन, जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज जाकर धरातल पर विकास कार्यों का निरीक्षण किया, तो सबसे ज्यादा पिछड़ा काम प्रयागराज विकास प्राधिकरण का ही निकला. इसके बाद लाइट लगाने की जिम्मेदारी को परिवर्तन करते हुए शासन की तरफ से इसको पर्यटन विभाग को दे दिया गया है.

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