प्रयागराज/लखनऊ : विश्व के सबसे बड़े धार्मिक मेले महाकुंभ की शुरुआत में कुछ ही दिन बचे हैं. मेले का रंग अभी से दिखने लगा है. इसी कड़ी में गुरुवार को सबसे बड़े महामृत्युंजय यंत्र का भूमि पूजन किया गया. विधि-विधान से पूजा अर्चना की गई. त्रिवेणी संगम की पावन धरा पर स्थापित होने वाले विश्व के प्रथम भव्य महामृत्युंजय यंत्र अलौकिक यंत्र होगा. शिव महामृत्युंजय मंत्र के 52 अक्षरों के आधार पर इसका आकर बनाया गया है. अभी इसका निर्माण चल रहा है.
इस यंत्र की चौड़ाई 52 फीट तथा लंबाई 52 फुट होने के साथ-साथ इसकी ऊंचाई भी 52 फुट है. 151 प्रकांड पंडितों द्वारा 8 लाख महामृत्युंजय मंत्रों से अभिमंत्रित यह यंत्र पूरे विश्व में सकारात्मक वातावरण का संचार करेगा. सिद्ध महामृत्युंजय यंत्र संस्थान की चेयरपर्सन सद्गुरु मां ऊषा तथा स्वामी सहजानंद सरस्वती पीठाधीश्वर सहित सैकड़ों की संख्या में लोग मौजूद रहे.
संस्थान द्वारा बताया गया कि अभी तक महामृत्युंजय यंत्र 2- D स्वरूप में मिलता है वर्तमान में 3- D महामृत्युंजय यंत्र की विधि अनुसार स्थापना की जा रही है. वह स्वरूप सिद्ध महामृत्युंजय अंतर्राष्ट्रीय योग एवं ज्योतिष अनुसंधान केंद्र ने वर्षों के अनुसंधान के बाद तैयार किया है. अनुसंधान केंद्र द्वारा तैयार महामृत्युंजय यंत्र के वर्तमान में 3- D स्वरूप पर हर तरह के आध्यात्मिक एवं वैज्ञानिक पक्ष को ध्यान में रखा गया है.
आपको बता दें कि 2025 महा कुंभ का पहला स्नान 13 जनवरी पास पूर्णिमा के स्नान से शुरू होगा लेकिन अभी से ही तमाम संस्थाओं ने अपना शिविर लगाना शुरू कर दिया है. संस्था का दावा है इतना बड़ा महा मृत्युंजय यंत्र कहीं नहीं लगाया गया था. इस महाकुंभ में इस मृत्युंजय यंत्र का लोग दर्शन कर पाएंगे. महाकुंभ 2025 में देश-विदेश के कोने-कोने से आने वाले 40 करोड़ श्रद्धालुओं के लिए यह आकर्षण का केंद्र बनेगा.
महाकुम्भ के लिए 05 एकड़ में यूपी स्टेट पवेलियन की स्थापना की जाएगी : प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा महाकुंभ-2025 में लगभग 05 एकड़ में उत्तर प्रदेश स्टेट पवेलियन की स्थापना की जाएगी. पर्यटक यहां प्रदेश के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों सहित अन्य आकर्षणों की झलक देख सकेंगे. हस्तशिल्प बाजार और सांस्कृतिक कार्यक्रम सहित कई अन्य आयोजन भी होंगे. पवेलियन में लोकप्रिय एवं प्रसिद्ध हस्तशिल्प बाजार सजाई जाएगी. इसके अलावा धार्मिक स्थलों की झांकी भी प्रस्तुत की जाएगी. यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने देते हुए बताया कि प्रत्येक क्षेत्र में उत्तर प्रदेश की अपनी विशिष्टता है. लखनऊ में जयवीर सिंह ने बताया कि प्रत्येक जिले की वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) के लिए 75 स्टॉल लगाए जाएंगे. सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए तीन मंच बनाए जाएंगे. खान-पान के 20 से अधिक स्टॉल लगेंगे, जहां स्थानीय के साथ-साथ विभिन्न प्रांतों के व्यंजन उपलब्ध कराए जाएंगे.
महाकुम्भ में शंकर महादेवन, साधना सरगम, सुरेश वाडकर की प्रस्तुति : महाकुम्भ-2025 आस्था एवं अध्यात्म को एक सूत्र में पिरोने के साथ ही विभिन्न संस्कृतियों के संगम का केन्द्र भी होगा. महाकुम्भ में पूरे देश के प्रसिद्ध कलाकार व सिनेमा की मशहूर हस्तियां इसमें अपना कला का प्रदर्शन करेगी. मेला क्षेत्र में 10 हजार दर्शकों की क्षमता वाले गंगा पंडाल में संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार, संस्कृति विभाग यूपी एवं स्वायत्तशासी संस्थान, विभिन्न जोनल कल्चरल सेंटर एवं केन्द्रीय संगीता नाटक अकादमी के सौजन्य से पद्मश्री, पद्मभूषण, पद्मविभूषण एवं ख्याति प्राप्त कलाकार अपनी कला का रंग बिखेरेंगे.
जयवीर सिंह ने बताया कि संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार एवं संस्कृति विभाग द्वारा ख्याति प्राप्त कलाकारों की डेट वाइस प्रस्तुतियों के कैलेण्डर जारी कर दिये गये हैं. प्रसिद्ध पार्श्वगायक शंकर महादेवन 26 जनवरी को अपने सुरों की महफिल सजाएंगे. गणतंत्र दिवस के अवसर पर साधना सरगम अपनी कला का प्रदर्शन करेंगी. इसके अलावा 02 फरवरी को उषा उथुप, 08 फरवरी को कविता कृष्णमूर्ति तथा फिल्मी दुनिया के जाने माने गायक सुरेश वाडकर, 09 फरवरी को सोनल मान सिंह, उसी दिन तथा हरिहरन 10 फरवरी को अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे.
पर्यटन मंत्री ने बताया कि 17 फरवरी को नितिन मुकेश तथा 19 फरवरी को श्वेता मोहन संस्कृति और दक्षिण भारतीय भाषाओं में भक्ति गीत प्रस्तुत करेंगी. 23 फरवरी को कैलाश खेर के गीतों का दर्शक आनंद ले सकेंगे. उन्होंने बताया कि महाकुम्भ प्रयागराज में प्रदेश के अन्य विधाओं के कलाकारों द्वारा भी विभिन्न मंचों पर प्रस्तुतियां दी जायेगी.
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