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छात्रों में रीडिंग स्किल विकसित करने के लिए प्रखर राजस्थान अभियान का आगाज - Prakhar Rajasthan campaign

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 9, 2024, 6:24 PM IST

राज्य परियोजना निदेशक अविचल चतुर्वेदी ने सोमवार को जयपुर के करतारपुरा स्थित एक स्कूल से प्रखर राजस्थान अभियान का आगाज किया है. यह अभियान गांधी जयंती तक चलेगा. यह अभियान प्रदेश के सभी विद्यालयों में शुरू हो गया है.

PRAKHAR RAJASTHAN CAMPAIGN
प्रखर राजस्थान अभियान का आगाज (ETV Bharat kuchamancity/Jaipur)

जयपुर: स्कूली छात्रों में रीडिंग स्किल विकसित करने के लिए सोमवार को प्रखर राजस्थान अभियान का आगाज हुआ. गांधी जयंती यानी 2 अक्टूबर तक चलने वाले इस अभियान में छात्रों में पढ़ने-लिखने के बेसिक ऑपरेशन को विकसित करने और उनको कक्षा के स्तर के अनुरूप लाने के लिए प्रदेश के सभी विद्यालयों में इस अभियान की शुरुआत की गई है. जयपुर में राज्य परियोजना निदेशक अविचल चतुर्वेदी ने शुभारंभ किया तो वहीं कुचामनसिटी में राजस्व राज्य मंत्री विजय सिंह चौधरी ने अभियान का आगाज किया. इस मौके पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि अभियान के तहत प्रदेश के 65 हजार विद्यालयों के लगभग 80 लाख बच्चों को किताबों की रीडिंग करवाई जाएगी.

भारत सरकार के निपुण मिशन का हिस्सा प्रखर राजस्थान अभियान के तहत कक्षा एक से आठवीं तक के विद्यार्थियों में बुनियादी साक्षरता को बढ़ावा देने की कवायद शुरू की गई है. राज्य परियोजना निदेशक अविचल चतुर्वेदी ने जयपुर के करतारपुरा स्थित एक स्कूल में अभियान की शुरुआत कराई और छात्रों को पढ़ने का तरीका भी बताया. इस दौरान उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में एक महत्वपूर्ण टारगेट बुनियादी साक्षरता है, जिसके तहत प्राइमरी क्लासेज के स्टूडेंट्स में पढ़ने की रुचि विकसित करना है. उनमें पढ़ाई की आदत डालने से तात्पर्य केवल स्कूली किताबों को पढ़ने से नहीं है, ये किताबें तो छात्र रेगुलर पढ़ते ही हैं, लेकिन इसके अलावा छात्रों की पढ़ने की रुचि बढ़ेगी तो इससे पाठ्यक्रम को पढ़ने में भी आसानी होगी और मस्तिष्क के विकास में भी बहुत प्रभाव पड़ेगा.

इसे भी पढ़ें : अब स्कूलों में निखारेंगे बच्चे की रीडिंग स्किल, आज से शुरू होगा प्रखर अभियान - reading skills of children

उन्होंने कहा कि अलग-अलग तरह की कहानी, अखबार और पढ़ने के साधनों के अवलोकन से बच्चों के मस्तिष्क का अच्छा विकास होता है. इसी के अंतर्गत यह अभियान पूरे राजस्थान में लॉन्च किया गया है. इसका उद्देश्य यही है कि पढ़ने के प्रति बच्चों में रुचि बढ़े, पुस्तकालय का सदुपयोग हो और वहां जो भी किताबें राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जाती हैं, वो बच्चों तक पहुंचे.

उन्होंने स्पष्ट किया कि यह अभियान सिर्फ जागरूकता पैदा करने के लिए है, क्योंकि पहली बार कालांश में एक रीडिंग पीरियड भी शामिल किया गया है, उसका सदुपयोग करना बहुत जरूरी है. कभी-कभी ऐसा हो सकता है कि सिलेबस पूरा करने के लिए पाठ्यक्रम की किताबें रीडिंग पीरियड में पढ़ ली जाए, लेकिन इसका असल उद्देश्य बच्चों में पढ़ने के प्रति रुचि विकसित करना और जो बच्चे पीछे छूट जाते हैं, उनमें अपने कक्षा के स्तर का पठन कौशल विकसित हो.

छात्रों के लिए इस अभियान को शुरू करने का उद्देश्य :

  1. विद्यार्थियों में रीडिंग स्किल फ्लुएंसी डवलप करना
  2. रीडिंग स्किल के माध्यम से अवधारणाओं पर समझ विकसित करना
  3. रीडिंग स्किल के कॉन्सेप्ट समझने के लिए मोटिवेशनल साबित होगा ये अभियान
  4. अनुकूल वातावरण का निर्माण करना
  5. रीडिंग स्किल के लिए उपलब्ध पुस्तकों, संसाधनों के अधिकतम उपयोग के अवसर प्रदान करना
  6. स्थानीय भाषा में रोचक कहानियां, गीत आदि को क्लासरूम एक्टिविटी में शामिल करने के अवसर प्रदान करना

इसे भी पढ़ें : AIIMS व IIT के 62 फीसदी पासआउट विदेश चले जाते हैं, राष्ट्रभाव पैदा कर इन्हें देश में रोकें: प्रो कैलाश सोडाणी - Create Nationalism in Students

दिलावर बोले- निपुण मेले का होगा आयोजन : बता दें कि इस अभियान के तहत प्रदेश के 65 हजार विद्यालयों के लगभग 80 लाख बच्चों को किताबों की रीडिंग करवाई जाएगी. इस संबंध में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि वर्तमान में निजी स्कूलों की अपेक्षा राजकीय विद्यालयों में शिक्षा का स्तर तो बढ़ा ही है, बल्कि बच्चों को अच्छे संस्कार और ज्ञान का बोध भी करवाया जा रहा है. अभियान के तहत 2 अक्टूबर तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसके तहत हिन्दी दिवस मनाया जाएगा. स्थानीय भाषा में कविता और कहानी सुनाने सहित निपुण मेले आदि का आयोजन होगा.

कुचामनसिटी जिले में भी राजस्व, सैनिक कल्याण और उपनिवेशन विभाग के राज्य मंत्री विजय सिंह चौधरी ने राजकीय जवाहर उच्च माध्यमिक विद्यालय में इस अभियान का आगाज किया. इस मौके पर मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी जगदीश राय और प्रधानाचार्य मंजू चौधरी भी मौजूद रहे. राजस्व राज्य मंत्री ने कहा कि यह शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश सरकार का नवाचार है, जिसकी शुरुआत आज से हुई है और ये 2 अक्टूबर तक चलेगा. मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी जगदीश राय ने बताया कि प्रखर राजस्थान अभियान का संचालन विद्यालय में विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध सभी सामग्री का पूर्ण उपयोग करते हुए किया जाएगा.

जयपुर: स्कूली छात्रों में रीडिंग स्किल विकसित करने के लिए सोमवार को प्रखर राजस्थान अभियान का आगाज हुआ. गांधी जयंती यानी 2 अक्टूबर तक चलने वाले इस अभियान में छात्रों में पढ़ने-लिखने के बेसिक ऑपरेशन को विकसित करने और उनको कक्षा के स्तर के अनुरूप लाने के लिए प्रदेश के सभी विद्यालयों में इस अभियान की शुरुआत की गई है. जयपुर में राज्य परियोजना निदेशक अविचल चतुर्वेदी ने शुभारंभ किया तो वहीं कुचामनसिटी में राजस्व राज्य मंत्री विजय सिंह चौधरी ने अभियान का आगाज किया. इस मौके पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि अभियान के तहत प्रदेश के 65 हजार विद्यालयों के लगभग 80 लाख बच्चों को किताबों की रीडिंग करवाई जाएगी.

भारत सरकार के निपुण मिशन का हिस्सा प्रखर राजस्थान अभियान के तहत कक्षा एक से आठवीं तक के विद्यार्थियों में बुनियादी साक्षरता को बढ़ावा देने की कवायद शुरू की गई है. राज्य परियोजना निदेशक अविचल चतुर्वेदी ने जयपुर के करतारपुरा स्थित एक स्कूल में अभियान की शुरुआत कराई और छात्रों को पढ़ने का तरीका भी बताया. इस दौरान उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में एक महत्वपूर्ण टारगेट बुनियादी साक्षरता है, जिसके तहत प्राइमरी क्लासेज के स्टूडेंट्स में पढ़ने की रुचि विकसित करना है. उनमें पढ़ाई की आदत डालने से तात्पर्य केवल स्कूली किताबों को पढ़ने से नहीं है, ये किताबें तो छात्र रेगुलर पढ़ते ही हैं, लेकिन इसके अलावा छात्रों की पढ़ने की रुचि बढ़ेगी तो इससे पाठ्यक्रम को पढ़ने में भी आसानी होगी और मस्तिष्क के विकास में भी बहुत प्रभाव पड़ेगा.

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उन्होंने कहा कि अलग-अलग तरह की कहानी, अखबार और पढ़ने के साधनों के अवलोकन से बच्चों के मस्तिष्क का अच्छा विकास होता है. इसी के अंतर्गत यह अभियान पूरे राजस्थान में लॉन्च किया गया है. इसका उद्देश्य यही है कि पढ़ने के प्रति बच्चों में रुचि बढ़े, पुस्तकालय का सदुपयोग हो और वहां जो भी किताबें राज्य सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जाती हैं, वो बच्चों तक पहुंचे.

उन्होंने स्पष्ट किया कि यह अभियान सिर्फ जागरूकता पैदा करने के लिए है, क्योंकि पहली बार कालांश में एक रीडिंग पीरियड भी शामिल किया गया है, उसका सदुपयोग करना बहुत जरूरी है. कभी-कभी ऐसा हो सकता है कि सिलेबस पूरा करने के लिए पाठ्यक्रम की किताबें रीडिंग पीरियड में पढ़ ली जाए, लेकिन इसका असल उद्देश्य बच्चों में पढ़ने के प्रति रुचि विकसित करना और जो बच्चे पीछे छूट जाते हैं, उनमें अपने कक्षा के स्तर का पठन कौशल विकसित हो.

छात्रों के लिए इस अभियान को शुरू करने का उद्देश्य :

  1. विद्यार्थियों में रीडिंग स्किल फ्लुएंसी डवलप करना
  2. रीडिंग स्किल के माध्यम से अवधारणाओं पर समझ विकसित करना
  3. रीडिंग स्किल के कॉन्सेप्ट समझने के लिए मोटिवेशनल साबित होगा ये अभियान
  4. अनुकूल वातावरण का निर्माण करना
  5. रीडिंग स्किल के लिए उपलब्ध पुस्तकों, संसाधनों के अधिकतम उपयोग के अवसर प्रदान करना
  6. स्थानीय भाषा में रोचक कहानियां, गीत आदि को क्लासरूम एक्टिविटी में शामिल करने के अवसर प्रदान करना

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दिलावर बोले- निपुण मेले का होगा आयोजन : बता दें कि इस अभियान के तहत प्रदेश के 65 हजार विद्यालयों के लगभग 80 लाख बच्चों को किताबों की रीडिंग करवाई जाएगी. इस संबंध में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि वर्तमान में निजी स्कूलों की अपेक्षा राजकीय विद्यालयों में शिक्षा का स्तर तो बढ़ा ही है, बल्कि बच्चों को अच्छे संस्कार और ज्ञान का बोध भी करवाया जा रहा है. अभियान के तहत 2 अक्टूबर तक विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसके तहत हिन्दी दिवस मनाया जाएगा. स्थानीय भाषा में कविता और कहानी सुनाने सहित निपुण मेले आदि का आयोजन होगा.

कुचामनसिटी जिले में भी राजस्व, सैनिक कल्याण और उपनिवेशन विभाग के राज्य मंत्री विजय सिंह चौधरी ने राजकीय जवाहर उच्च माध्यमिक विद्यालय में इस अभियान का आगाज किया. इस मौके पर मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी जगदीश राय और प्रधानाचार्य मंजू चौधरी भी मौजूद रहे. राजस्व राज्य मंत्री ने कहा कि यह शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश सरकार का नवाचार है, जिसकी शुरुआत आज से हुई है और ये 2 अक्टूबर तक चलेगा. मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी जगदीश राय ने बताया कि प्रखर राजस्थान अभियान का संचालन विद्यालय में विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध सभी सामग्री का पूर्ण उपयोग करते हुए किया जाएगा.

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