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आलू की इस धरती से आई बुरी खबर, किसानों के साथ जनता टेंशन में; आखिर भाव में क्या 'खेल' होने जा रहा? - potato price today - POTATO PRICE TODAY

घाटे के बावजूद किसानों ने कर्ज लेकर आलू की फलस पर दांव लगाया था. किसानों को उसका दाम भी अच्छा मिल रहा है. लेकिन, इस बार भाव अच्छा होने के बावजूद भी किसान खुश नहीं है. पीछले तीन सालों से किसानों का घाटा हो रहा है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 27, 2024, 12:14 PM IST

कोल्ड स्टोरेज मलिक जुगल किशोर मिश्रा और किसान ने दी जानकारी

फर्रुखाबाद: जिले में बड़े पैमाने पर आलू की पैदावार की जाती है. यहां विभिन्न प्रजातियों के आलू पैदा होते हैं. जिले में पिछले वर्ष करीब 43200 हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू की पैदावार हुई थी. इसमें औसत तीन सौ से चार सौ कुंतल प्रति हेक्टेयर उत्पादन हुआ था. हालांकि इस बार उत्पादन कम होने की आशंका जताई जा रही है. वजय यह है कि जिस वक्त आलू की कंद बनती है उस वक्त तापमान ज्यादा था. इससे उत्पादन में 10 से 15% तक गिरावट आई है.इसी कारण जनपद में बने कोल्ड स्टोरेज का भंडारण पूर्ण नहीं हो सका है.

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वही आलू कम पैदावर होने की वजह से किसानों को आलू का भाव अच्छा मिल रहा है. आलू के भाव में और बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही है. लेकिन, विगत 3 वर्षों से किसानों को आलू का भाव अच्छा नहीं मिल रहा था.किसानों के मुताबिक वह घाटे में है. किसानों पर कर्ज बढ़ता ही जा रहा है. 3 साल बाद आलू के भाव में उछाल आई है. लेकिन इससे फिर भी किसानों कर्ज नहीं भरा जाएगा.

इसे भी पढ़े-VIDEO, जब खेत में बैठकर खुद फसल काटने लगे डीएम, किसानों से कही ये बात - Crop Cutting In Farrukhabad

कोल्ड स्टोरेज मलिक जुगल किशोर मिश्रा ने ईटीवी भारत को बताया, कि विगत तीन वर्षों से आलू की फसल से किसानों को घाटा हो रहा है. उन्हें फसल का वाजिब दाम नहीं मिल पा रहा है. डीएपी, यूरिया आदि का खादें महंगी हो गई हैं. जितनी आलू की फसल में खाद डालने थी उतनी खाद खेत में नहीं डाल पाई. ऊपर से मौसम की भी मार पड़ गई. जिन किसानों आलू खराब हो गया, उन्होंने जल्दी-जल्दी आलू की कच्ची फसल बेच दी. जब किसान की एक फसल से उम्मीद टूट जाती है, तो वह दूसरी फसल की तरफ ध्यान देने लगता है. फिर उसके बाद किसानों ने गेहूं और अन्य फसल की तैयारी कर ली. 40 से 50 परसेंट आलू किसानों ने खोदकर बहुत सस्ते और मदे दामों में बेच दिया था जो किसानों का बचा हुआ आलू रह गया है उसी आलू का दाम किसानों को अच्छा मिल रहा है.

फर्रुखाबाद जनपद एक जमाने में 55 फीसदी यूपी के आलू की पूर्ति करता था. आसपास के जिलों के कोल्ड स्टोरेज का भंडारण जिले के आलू की पैदावार से होता था. इस बार जनपद के कोल्ड स्टोरेज नहीं भर पाए हैं.इस बार आलू 30 रुपये किलो बिक रहा है. आने वाले समय में वह 50 रुपये प्रति किलो बिकने की उम्मीद है. इसका प्रमुख कारण यह है कि आलू की कम पैदावार हुई है.



यह भी पढ़े-फर्रुखाबाद में किसानों ने की लोकसभा चुनाव बहिष्कार की घोषणा, ये है वजह - Farmers Boycott Voting

कोल्ड स्टोरेज मलिक जुगल किशोर मिश्रा और किसान ने दी जानकारी

फर्रुखाबाद: जिले में बड़े पैमाने पर आलू की पैदावार की जाती है. यहां विभिन्न प्रजातियों के आलू पैदा होते हैं. जिले में पिछले वर्ष करीब 43200 हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू की पैदावार हुई थी. इसमें औसत तीन सौ से चार सौ कुंतल प्रति हेक्टेयर उत्पादन हुआ था. हालांकि इस बार उत्पादन कम होने की आशंका जताई जा रही है. वजय यह है कि जिस वक्त आलू की कंद बनती है उस वक्त तापमान ज्यादा था. इससे उत्पादन में 10 से 15% तक गिरावट आई है.इसी कारण जनपद में बने कोल्ड स्टोरेज का भंडारण पूर्ण नहीं हो सका है.

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वही आलू कम पैदावर होने की वजह से किसानों को आलू का भाव अच्छा मिल रहा है. आलू के भाव में और बढ़ोतरी की आशंका जताई जा रही है. लेकिन, विगत 3 वर्षों से किसानों को आलू का भाव अच्छा नहीं मिल रहा था.किसानों के मुताबिक वह घाटे में है. किसानों पर कर्ज बढ़ता ही जा रहा है. 3 साल बाद आलू के भाव में उछाल आई है. लेकिन इससे फिर भी किसानों कर्ज नहीं भरा जाएगा.

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कोल्ड स्टोरेज मलिक जुगल किशोर मिश्रा ने ईटीवी भारत को बताया, कि विगत तीन वर्षों से आलू की फसल से किसानों को घाटा हो रहा है. उन्हें फसल का वाजिब दाम नहीं मिल पा रहा है. डीएपी, यूरिया आदि का खादें महंगी हो गई हैं. जितनी आलू की फसल में खाद डालने थी उतनी खाद खेत में नहीं डाल पाई. ऊपर से मौसम की भी मार पड़ गई. जिन किसानों आलू खराब हो गया, उन्होंने जल्दी-जल्दी आलू की कच्ची फसल बेच दी. जब किसान की एक फसल से उम्मीद टूट जाती है, तो वह दूसरी फसल की तरफ ध्यान देने लगता है. फिर उसके बाद किसानों ने गेहूं और अन्य फसल की तैयारी कर ली. 40 से 50 परसेंट आलू किसानों ने खोदकर बहुत सस्ते और मदे दामों में बेच दिया था जो किसानों का बचा हुआ आलू रह गया है उसी आलू का दाम किसानों को अच्छा मिल रहा है.

फर्रुखाबाद जनपद एक जमाने में 55 फीसदी यूपी के आलू की पूर्ति करता था. आसपास के जिलों के कोल्ड स्टोरेज का भंडारण जिले के आलू की पैदावार से होता था. इस बार जनपद के कोल्ड स्टोरेज नहीं भर पाए हैं.इस बार आलू 30 रुपये किलो बिक रहा है. आने वाले समय में वह 50 रुपये प्रति किलो बिकने की उम्मीद है. इसका प्रमुख कारण यह है कि आलू की कम पैदावार हुई है.



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