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मीरा कुमार के बेटे और फिल्म अभिनेत्री नेहा शर्मा के पिता हो सकते हैं कांग्रेस उम्मीदवार, अन्य सीटों पर ये हैं रेस में - lok sabha election 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

काफी जद्दोजहद के बाद महागठबंधन में सीट शेयरिंग का फार्मूला सुलझ गया. कांग्रेस के खाते में 9 सीट आयी है. अब कांग्रेस पार्टी इन 9 लोकसभा क्षेत्र के लिए उम्मीदवारों के चयन के लिए माथापच्ची कर रही है. सूत्रों के अनुसार इन सीटों पर प्रत्याशियों के नाम लगभग तय हो गये हैं. जिन नामों पर चर्चा चल रही उनके बारे में हम आपको विस्तार से बताने जा रहे हैं.

महागठबंधन
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Mar 31, 2024, 3:56 PM IST

कांग्रेस के संभावित प्रत्याशी.

पटनाः लोकसभा चुनाव 2024 के लिए महागठबंधन में सीटों का बंटवारा हो गया. कांग्रेस के हिस्से में मुजफ्फरपुर, किशनगंज, भागलपुर, समस्तीपुर, पश्चिम चंपारण, पटना साहिब, सासाराम, महाराजगंज और कटिहार की सीट मिली है. अब कांग्रेस पार्टी के सामने उम्मीदवारों के चयन की सबसे बड़ी चुनौती है. कई नेता टिकट की रेस में अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. ईटीवी भारत के पास जो जानकारी है उसमें अधिकांश सीटों पर प्रत्याशी के नाम पर सहमति बनती दिख रही है.

टिकट की रेस में आगेः ईटीवी भारत के पास संभावित उम्मीदवारों की सूची है. पार्टी सूत्रों के अनुसार किशनगंज से मो जावेद, कटिहार से तारिक अनवर, मुजफ्फरपुर से विजेंद्र चौधरी, भागलपुर से अजीत शर्मा, समस्तीपुर से वीके रवि, पश्चिम चंपारण से शाश्वत केदार, महाराजगंज से आकाश कुमार सिंह,
पटना साहिब से अभिजीत अंशुल और सासाराम से मनोज भारती अभी प्रत्याशी की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं.

उम्मीदवारों का परिचयः

मो जावेदः मो जावेद इस बार फिर से किशनगंज से चुनाव लड़ेंगे. 2019 के चुनाव में वह महागठबंधन से जीतने वाले इकलौते सांसद थे. मोहम्मद जावेद इससे पहले तीन बार किशनगंज विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं.

तारिक अनवरः तारिक अनवर की गिनती कांग्रेस के सीनियर लीडर में की जाती है. बिहार यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष राष्ट्रीय यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष के साथ-साथ बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. तारिक अनवर कटिहार से पांच बार लोकसभा के सदस्य चुने जा चुके हैं.

विजेंद्र चौधरीः विजेंद्र चौधरी की गिनती मुजफ्फरपुर के बड़े नेताओं में होती है. वह चार बार मुजफ्फरपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं. वह दो बार मुजफ्फरपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन दोनों बार उनकी हार हुई थी. वह एक बार फिर से कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान पर उतर सकते हैं.

अजीत शर्माः अजीत शर्मा भागलपुर विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीन बार से विधायक रहे हैं. अजीत शर्मा बिहार विधानसभा में कांग्रेस के विधायक दल के नेता रह चुके हैं. इस बार हुआ भागलपुर से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. सूत्रों के अनुसार पहले भागलपुर का टिकट अजीत शर्मा की बेटी अभिनेत्री नेहा शर्मा को ऑफर किया गया था. नेहा ने चुनाव लड़ने से इंकार दिया, उसके बाद से अजीत शर्मा इस रेस में सबसे आगे हैं.

बीके रविः बीके रवि पूर्व आईपीएस अधिकारी है. वे तमिलनाडु के पूर्व डीजीपी रह चुके हैं. इस बार कांग्रेस उनको समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बना सकती है. बीके रवि मूल रूप से बिहार के सहरसा के रहने वाले हैं. 1989 बैच के आईपीएस बीके रवि तमिलनाडु में डीजीपी रह चुके हैं.

शाश्वत केदारः शाश्वत केदार बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री केदार पांडेय के पोता हैं. इनके पिता मनोज पांडेय भी लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं. पिछली बार शाश्वत केदार ने वाल्मीकि नगर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था.

आकाश कुमार सिंहः आकाश कुमार सिंह बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के पुत्र हैं. आकाश कुमार सिंह 2019 लोकसभा का चुनाव उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी के टिकट पर पूर्वी चंपारण से चुनाव लड़ा था. तब उपेंद्र कुशवाहा महागठबंधन के साथ थे.

अभिजीत अंशुलः अभिजीत अंशुल को राजनीति विरासत में मिली है. वह देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम के नाती हैं. उनकी मां मीरा कुमार कांग्रेस की सांसद रह चुकी हैं, और देश की पहली महिला लोकसभा अध्यक्ष रही है.

मनोज भारतीः मनोज भारती की गिनती राहुल गांधी के करीबी नेताओं में की जाती है. राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा में उन्हें संवाद समिति का सदस्य बनाया गया था. वह राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में साथ रहे थे.

"कांग्रेस को गिनती के लिए 9 सीट दी गई है. किशनगंज और कटिहार दो ऐसी सीट हैं जो कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है. जहां पर इस बार भी कांग्रेस की संभावना नजर आ रही है. लेकिन इस बार कुछ ऐसी सीट कांग्रेस के खाते में गई है जहां कांग्रेस लंबे वक्त से चुनाव नहीं लड़ी है."- डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

परंपरागत सीट छीन ली गयीः डॉ संजय कुमार का कहना है कि 1989 भागलपुर दंगे के बाद कांग्रेस कभी वहां से चुनाव नहीं लड़ी है. बेतिया लोकसभा क्षेत्र में भी कांग्रेस बहुत दिनों के बाद चुनावी मैदान में उतरेगी. 2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की परंपरागत सीट उनसे छीन ली गई. औरंगाबाद, बाल्मीकि नगर, मोतीहारी की सीट कांग्रेस को नहीं दी गई. डॉ संजय कुमार का कहना है कि जातीय समीकरण और संगठन की मजबूती के हिसाब से आरजेडी अधिकांश सीट अपने खाते में ले ली.

इसे भी पढ़ेंः सीट तो बंट गया लेकिन नहीं सुलझा विवाद, एक सीट पर राजद और कांग्रेस दोनों के नेता दावेदार, किसे मिलेगी जीत? - Purnea Lok Sabha Seat Controversy

इसे भी पढ़ेंः पप्पू यादव को तेजस्वी की दो टूक- 'हमारा पार्टी से गठबंधन से हुआ है, किसी एक व्यक्ति से नहीं' - LOK SABHA ELECTION 2024

इसे भी पढ़ेंः 'पूर्णिया नहीं छोड़ूंगा' पप्पू यादव की ऐसी क्या जिद, इस दिन कर सकते हैं नामांकन - Pappu Yadav

कांग्रेस के संभावित प्रत्याशी.

पटनाः लोकसभा चुनाव 2024 के लिए महागठबंधन में सीटों का बंटवारा हो गया. कांग्रेस के हिस्से में मुजफ्फरपुर, किशनगंज, भागलपुर, समस्तीपुर, पश्चिम चंपारण, पटना साहिब, सासाराम, महाराजगंज और कटिहार की सीट मिली है. अब कांग्रेस पार्टी के सामने उम्मीदवारों के चयन की सबसे बड़ी चुनौती है. कई नेता टिकट की रेस में अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. ईटीवी भारत के पास जो जानकारी है उसमें अधिकांश सीटों पर प्रत्याशी के नाम पर सहमति बनती दिख रही है.

टिकट की रेस में आगेः ईटीवी भारत के पास संभावित उम्मीदवारों की सूची है. पार्टी सूत्रों के अनुसार किशनगंज से मो जावेद, कटिहार से तारिक अनवर, मुजफ्फरपुर से विजेंद्र चौधरी, भागलपुर से अजीत शर्मा, समस्तीपुर से वीके रवि, पश्चिम चंपारण से शाश्वत केदार, महाराजगंज से आकाश कुमार सिंह,
पटना साहिब से अभिजीत अंशुल और सासाराम से मनोज भारती अभी प्रत्याशी की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं.

उम्मीदवारों का परिचयः

मो जावेदः मो जावेद इस बार फिर से किशनगंज से चुनाव लड़ेंगे. 2019 के चुनाव में वह महागठबंधन से जीतने वाले इकलौते सांसद थे. मोहम्मद जावेद इससे पहले तीन बार किशनगंज विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं.

तारिक अनवरः तारिक अनवर की गिनती कांग्रेस के सीनियर लीडर में की जाती है. बिहार यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष राष्ट्रीय यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष के साथ-साथ बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं. तारिक अनवर कटिहार से पांच बार लोकसभा के सदस्य चुने जा चुके हैं.

विजेंद्र चौधरीः विजेंद्र चौधरी की गिनती मुजफ्फरपुर के बड़े नेताओं में होती है. वह चार बार मुजफ्फरपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं. वह दो बार मुजफ्फरपुर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके हैं लेकिन दोनों बार उनकी हार हुई थी. वह एक बार फिर से कांग्रेस के टिकट पर चुनावी मैदान पर उतर सकते हैं.

अजीत शर्माः अजीत शर्मा भागलपुर विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीन बार से विधायक रहे हैं. अजीत शर्मा बिहार विधानसभा में कांग्रेस के विधायक दल के नेता रह चुके हैं. इस बार हुआ भागलपुर से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. सूत्रों के अनुसार पहले भागलपुर का टिकट अजीत शर्मा की बेटी अभिनेत्री नेहा शर्मा को ऑफर किया गया था. नेहा ने चुनाव लड़ने से इंकार दिया, उसके बाद से अजीत शर्मा इस रेस में सबसे आगे हैं.

बीके रविः बीके रवि पूर्व आईपीएस अधिकारी है. वे तमिलनाडु के पूर्व डीजीपी रह चुके हैं. इस बार कांग्रेस उनको समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र से अपना उम्मीदवार बना सकती है. बीके रवि मूल रूप से बिहार के सहरसा के रहने वाले हैं. 1989 बैच के आईपीएस बीके रवि तमिलनाडु में डीजीपी रह चुके हैं.

शाश्वत केदारः शाश्वत केदार बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री केदार पांडेय के पोता हैं. इनके पिता मनोज पांडेय भी लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं. पिछली बार शाश्वत केदार ने वाल्मीकि नगर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था.

आकाश कुमार सिंहः आकाश कुमार सिंह बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के पुत्र हैं. आकाश कुमार सिंह 2019 लोकसभा का चुनाव उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी के टिकट पर पूर्वी चंपारण से चुनाव लड़ा था. तब उपेंद्र कुशवाहा महागठबंधन के साथ थे.

अभिजीत अंशुलः अभिजीत अंशुल को राजनीति विरासत में मिली है. वह देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम के नाती हैं. उनकी मां मीरा कुमार कांग्रेस की सांसद रह चुकी हैं, और देश की पहली महिला लोकसभा अध्यक्ष रही है.

मनोज भारतीः मनोज भारती की गिनती राहुल गांधी के करीबी नेताओं में की जाती है. राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा में उन्हें संवाद समिति का सदस्य बनाया गया था. वह राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में साथ रहे थे.

"कांग्रेस को गिनती के लिए 9 सीट दी गई है. किशनगंज और कटिहार दो ऐसी सीट हैं जो कांग्रेस की परंपरागत सीट रही है. जहां पर इस बार भी कांग्रेस की संभावना नजर आ रही है. लेकिन इस बार कुछ ऐसी सीट कांग्रेस के खाते में गई है जहां कांग्रेस लंबे वक्त से चुनाव नहीं लड़ी है."- डॉ संजय कुमार, राजनीतिक विश्लेषक

परंपरागत सीट छीन ली गयीः डॉ संजय कुमार का कहना है कि 1989 भागलपुर दंगे के बाद कांग्रेस कभी वहां से चुनाव नहीं लड़ी है. बेतिया लोकसभा क्षेत्र में भी कांग्रेस बहुत दिनों के बाद चुनावी मैदान में उतरेगी. 2024 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की परंपरागत सीट उनसे छीन ली गई. औरंगाबाद, बाल्मीकि नगर, मोतीहारी की सीट कांग्रेस को नहीं दी गई. डॉ संजय कुमार का कहना है कि जातीय समीकरण और संगठन की मजबूती के हिसाब से आरजेडी अधिकांश सीट अपने खाते में ले ली.

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