उदयपुर : राजस्थान के उदयपुर जिले के पॉपल्टी गांव में दूषित पानी पीने से बीमार पड़े लोगों में से रविवार को एक और व्यक्ति की इलाज के दौरान मौत हो गई. अब तक इस घटना में चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि बड़ी संख्या में लोगों का इलाज चल रहा है. सीएमएचओ डॉ. शंकर एच. बामनिया ने बताया कि दूषित जल के पीने से पेट में दर्द के साथ उल्टी-दस्त के मरीज पाए गए. मेडिकल सर्वे टीम ने घर-घर सर्वे कर बीमार व्यक्तियों का पता लगाया और सीएचसी में भर्ती करवाया है. गंभीर रोगियों को महाराणा भूपाल चिकित्सालय रेफर किया गया है.
सीएमएचओ ने बताया कि गांव के एक 22 वर्षीय युवक जिसे पेट में दर्द के साथ उल्टी और दस्त हो रहे थे. सूचना पर मेडिकल टीम मौक पर पहुंची, लेकिन रेफर के दौरान उसकी मौत हो गई. मृतक के शव को सीएचसी नाई पर रखवाकर मेडिकल बोर्ड पोस्टमार्टम कराया गया. मौत के कारण का पता लगाने के लिए विसरा के सैंपल को जांच के लिए भेज दिया गया है.
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पांच टीमें लगाई गईं : डिप्टी सीएमएचओ डॉ. अंकित जैन, बीसीएमओ डॉ. पृथ्वीराज जिंगर के नेतृत्व में पॉपल्टी गांव में मेडिकल की 5 टीमें लगाई गई हैं. टीम ने घर-घर जाकर विजिट किया और सामान्य लक्षण वाले रोगियों का मेडिकल कैम्प में डॉ. हरीश गुर्जर द्वारा इलाज किया गया. गंभीर रोगियों को सीएचसी नाई के लिए रेफर किए गया, जहां उनका इलाज जारी है. गांव में दो बेस एम्बुलेंस के साथ एक एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस आपातकालीन स्तिथि से निपटने के लिए लगाई गई हैं. जिला कलेक्टर, स्थानीय विधायक फुलसिंह मीणा और सीएमएचओ ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नाई का निरीक्षण कर मौके का जायजा लिया.
उल्टी, दस्त और पेट दर्द की शिकायत : डॉ. बामनिया ने बताया कि गांव में 24 घंटे मेडिकल टीम मौजूद है, ताकि किसी भी आपातकालीन स्तिथि में चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जा सके. पेट दर्द, उल्टी, दस्त के कारणों का पता लगाने के लिए पानी का सैंपल और भर्ती मरीजों के वॉमिट्स और स्टूल के सैंपल जांच के लिए भेज दिए गए हैं.
सर्वे की टीम द्वारा जल के अन्य स्रोत जैसे कुआं, ट्यूबवेल, पनघट का ब्लीचिंग के द्वारा शुद्धीकरण किया गया है. जल के मुख्य स्रोत जहां से पानी पीने के कारण लोग बीमार हुए, उसे अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है. सर्वे में 5 मेडिकल टीमों द्वारा गांव के कुल 225 घरों का विजिट कर मौक पर ओआरएस, जिंक की गोली एवं अन्य दवाईयां दी गईं. वहीं, सर्वे के दौरान करीब 1575 लोगों की जांच की गई, जिसमें 32 लोग बीमार मिले, जिसमें से 17 गंभीर लोगों रेफर कर दिया गया. वहीं, 15 सामान्य रोगियों को मेडिकल कैम्प में प्राथमिक उपचार दिया गया. दूषित पानी पीने से अब तक 28 मरीज महाराणा भूपाल चिकित्सालय में भर्ती हैं, जिसमें 13 बच्चे शामिल हैं.