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'स्मार्ट मीटर का विरोध वही कर रहे, जो बिजली चोरी में हैं लिप्त'- मंत्री जयंत राज का राजद व कांग्रेस पर हमला - Politics on smart meter

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 3 hours ago

Jayant Raj : स्मार्ट मीटर के खिलाफ विपक्ष हमलावर है. आरजेडी ने 1 अक्टूबर को पूरे बिहार में आंदोलन किया. आरजेडी के बाद कांग्रेस ने भी स्मार्ट मीटर के खिलाफ जन आंदोलन शुरू किया. प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने सीएम नीतीश के गृह जिले नालंदा से इसकी शुरुआत की. नीतीश कुमार के मंत्री जयंत राज ने विपक्ष के इस आंदोलन पर बड़ा बयान दिया है. पढ़ें, विस्तार से.

Jayant Raj
मंत्री जयंत राज. (ETV Bharat)

पटनाः बिहार में इन दिनों स्मार्ट मीटर को लेकर राजनीति गरमायी हुई है. राजद और कांग्रेस पार्टी दोनों ही स्मार्ट मीटर लगाने का काम रोकने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रही है. इनका आरोप है कि स्मार्ट मीटर में अधिक बिल आ रहा है. सरकार जबरदस्ती स्मार्ट मीटर लगवा रही है. साथ ही भ्रष्टाचार के भी आरोप लगा रहे हैं. जदयू और भाजपा सरकार का बचाव कर रही है. जदयू कोटे के मंत्री जयंत राज ने कह कि जो जो बिजली की चोरी करते हैं वहीं इसका विरोध कर रहे हैं.

"स्मार्ट मीटर लोगों की सुविधा के लिए है. स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिजली चोरी नहीं हो पा रही है. गरीब लोग तो डेढ़ सौ 200 रुपया अपना बिजली बिल दे ही देते हैं. परेशानी उन लोगों को हो रही है, जो चोरी से बिजली का उपयोग करते थे."- जयंत राज, भवन निर्माण मंत्री

मंत्री जयंत राज. (ETV Bharat)

स्मार्ट मीटर लगाने के फायदे बतायेः भवन निर्माण मंत्री जयंत राज ने कहा सरकार बिजली पर सब्सिडी दे रही है. सब्सिडी की राशि भी जनता की है. यदि चोरी से बिजली का उपयोग करना छोड़ दें तो वह राशि दूसरे कामों में खर्च हो सकती है. जयंत राज ने कहा कि स्मार्ट मीटर लगने से लोगों को कई तरह की सुविधा हुई है. लोग अपने हिसाब से बिजली का उपयोग कर सकते हैं. जितनी जरूरत है उतना ही बिजली का उपयोग करेंगे. इससे बिजली की बर्बादी भी कम होती है.

2025 तक स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्यः बता दें कि विपक्ष की घेराबंदी के बाद 27 सितंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऊर्जा विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की थी. तब विपक्ष पर स्मार्ट मीटर को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया था. साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिया था कि लोगों को स्मार्ट मीटर के फायदे को लेकर जागरूक किया जाए. तब ऊर्जा विभाग के सचिव ने बताया था कि 2 करोड़ से अधिक बिजली के उपभोक्ता हैं. उसमें से 50 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लगा चुका है. 2025 तक स्मार्ट मीटर लगा देना है.

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पटनाः बिहार में इन दिनों स्मार्ट मीटर को लेकर राजनीति गरमायी हुई है. राजद और कांग्रेस पार्टी दोनों ही स्मार्ट मीटर लगाने का काम रोकने के लिए विरोध प्रदर्शन कर रही है. इनका आरोप है कि स्मार्ट मीटर में अधिक बिल आ रहा है. सरकार जबरदस्ती स्मार्ट मीटर लगवा रही है. साथ ही भ्रष्टाचार के भी आरोप लगा रहे हैं. जदयू और भाजपा सरकार का बचाव कर रही है. जदयू कोटे के मंत्री जयंत राज ने कह कि जो जो बिजली की चोरी करते हैं वहीं इसका विरोध कर रहे हैं.

"स्मार्ट मीटर लोगों की सुविधा के लिए है. स्मार्ट मीटर लगने के बाद बिजली चोरी नहीं हो पा रही है. गरीब लोग तो डेढ़ सौ 200 रुपया अपना बिजली बिल दे ही देते हैं. परेशानी उन लोगों को हो रही है, जो चोरी से बिजली का उपयोग करते थे."- जयंत राज, भवन निर्माण मंत्री

मंत्री जयंत राज. (ETV Bharat)

स्मार्ट मीटर लगाने के फायदे बतायेः भवन निर्माण मंत्री जयंत राज ने कहा सरकार बिजली पर सब्सिडी दे रही है. सब्सिडी की राशि भी जनता की है. यदि चोरी से बिजली का उपयोग करना छोड़ दें तो वह राशि दूसरे कामों में खर्च हो सकती है. जयंत राज ने कहा कि स्मार्ट मीटर लगने से लोगों को कई तरह की सुविधा हुई है. लोग अपने हिसाब से बिजली का उपयोग कर सकते हैं. जितनी जरूरत है उतना ही बिजली का उपयोग करेंगे. इससे बिजली की बर्बादी भी कम होती है.

2025 तक स्मार्ट मीटर लगाने का लक्ष्यः बता दें कि विपक्ष की घेराबंदी के बाद 27 सितंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ऊर्जा विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की थी. तब विपक्ष पर स्मार्ट मीटर को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया था. साथ ही अधिकारियों को निर्देश दिया था कि लोगों को स्मार्ट मीटर के फायदे को लेकर जागरूक किया जाए. तब ऊर्जा विभाग के सचिव ने बताया था कि 2 करोड़ से अधिक बिजली के उपभोक्ता हैं. उसमें से 50 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लगा चुका है. 2025 तक स्मार्ट मीटर लगा देना है.

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