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बिहार में फ्लोर टेस्ट से पहले विधायकों की घेराबंदी, आज से जेडीयू के 45 विधायकों पर रहेगी पार्टी की नजर

Nitish Kumar Floor Test : बिहार विधानसभा में 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट होना है. इससे बिहार की सियासत भी झारखंड की तरह दिख रही है. एक तरफ कांग्रेस अपने विधायकों को हैदराबाद ले गई है तो बीजेपी अपने विधायकों को गया घुमाने की तैयारी कर रही है. राजद का दावा है कि बिहार में खेला होकर रहेगा. पढ़िए पूरी खबर.

नीतीश कुमार फ्लोर टेस्ट
नीतीश कुमार फ्लोर टेस्ट
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 9, 2024, 9:38 PM IST

Updated : Feb 10, 2024, 7:37 AM IST

बिहार में फ्लोर टेस्ट

पटना: बिहार में एनडीए सरकार को 12 फरवरी को विधानसभा में बहुमत साबित करना है. इसे लेकर सियासत गरमा गई है. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नीतीश कुमार ने पाला बदलकर न केवल इंडिया गठबंधन को झटका दिया है बल्कि बिहार में राजद को भी बड़ा झटका दिया है. वहीं खेल बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने भी कर दिया है. उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव सामना करने की बात कही है. इसीलिए महागठबंधन खेमा अपनी रणनीति बना रहा है तो सत्ता पक्ष के दल भी सेंधमारी न हो जाए.

सेंधमारी का डर: जदयू के 45 विधायक हैं. राजद के तरफ से लगातार कहा जा रहा है खेला होगा. जदयू के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि विधायकों को प्रलोभन दिया जा रहा है. इसी को देखते हुए जदयू के तरफ से विधायकों को पटना बुला लिया गया है. सभी 45 विधायक 10 फरवरी से निगरानी में आ जाएंगे और 11 फरवरी देर शाम तक निगरानी में रहेंगे. उसके बाद 12 फरवरी को विधानसभा में जाएंगे और इसके लिए नीतीश कुमार के खास श्रवण कुमार और संजय गांधी को विशेष जिम्मेवारी दी गई है.

"जदयू की ओर से 48 घंटे का रणनीति तैयार की गई है, लेकिन जदयू के विधायक किसी तरह की निगरानी होने की बात से इनकार कर रहे हैं. हम लोगों को इस तरह का कोई इंस्ट्रक्शन नहीं है. हम लोग तो खुलेआम घूम रहे हैं." -अजय चौधरी, विधायक और प्रवक्ता जदयू

श्रवण कुमार के आवास पर भोज : श्रवण कुमार के आवास पर 10 फरवरी यानी शनिवार को भोज का आयोजन किया गया है. वहीं 11 फरवरी को विधानमंडल दल की बैठक विजय चौधरी के आवास पर बुलाई गई है. दोनों बैठकों में नीतीश कुमार मौजूद रहेंगे और जरूरत हुआ तो एक-एक कर सभी विधायकों से बात करेंगे. यदि कोई विधायक नहीं आए तो उन्हें मनाने की कोशिश भी होगी.

ये है दलों की स्थिति: बिहार विधानसभा में 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट होना है. एनडीए के पास 128 विधायक हैं. जिसमें भाजपा के 78 जदयू के 45 और जितना मांझी की पार्टी हम के चार और एक निर्दलीय विधायक का भी समर्थन है. वहीं दूसरी तरफ महागठबंधन के पास केवल 114 विधायक हैं. जिसमें राजद के 79 कांग्रेस के 19 और वामपंथी दलों के 16 विधायक हैं. एआइएमआइएम के भी एक विधायक हैं लेकिन इन दोनों गठबंधन से अलग है.

"बोधगया में कार्यशाला का आयोजन किया गया है. उसमें हम अपने विधायकों को लोकसभा का चुनाव कैसे जीते, गांव में विकास कैसे हो, विकसित भारत के कार्यक्रम को कैसे आगे चलाना है. उसको लेकर सभी विधायकों को ट्रेनिंग देंगे. केंद्रीय टीम के सदस्य भी मौजूद रहेंगे. बीजेपी में कोई इधर-उधर होने वाला नहीं है. भ्रष्ट्राचारी यहां नहीं है. भ्रष्ट्राचारी पार्टियों को लगता है कि हम खरीद लेंगे. खरीदने की बात आप भूल जाए. हम लोगों को सब पता है कि पैसा कहां से आता है और पैसा कहां गया है. एक-एक व्यक्ति को तेजस्वी यादव को पैसा लौटाना होगा". - सम्राट चौधरी, उपमुख्यमंत्री

10 को सभी राजद के विधायक पटना आएंगे: राजद के 79 विधायक हैं. विधानसभा में सबसे अधिक विधायकों वाली पार्टी है. आरजेडी के विधायकों पर नजर रखने के लिए लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव के खास लोग लगे हुए हैं. लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव पटना में लगातार बने हुए हैं. पिछले कुछ दिन से मीडिया से भी दूरी बना रखी है. अपनी रणनीति जाहिर नहीं कर रहे हैं. 12 तारीख को ही पता चलेगा कि राजद के तरफ से क्या कुछ खेला किया जाना है.

"आरजेडी के तरफ से भी लालू प्रसाद और तेजस्वी ने खास लोगों को निगरानी के लिए लगाया है. कोई नई बात नहीं है राजद और कांग्रेस के विधायक डरे हुए नहीं है, ना ही परेशान है परेशान तो वे लोग हैं."- भूदेव चौधरी, विधायक आरजेडी

"महागठबंधन के लोग कहीं इधर-उधर जाने वाले नहीं हैं. डरे और परेशान तो बीजेपी और जदयू के लोग हैं. इसलिए तो बोधगया बीजेपी के विधायकों को भेजा जा रहा है. नीतीश जी का पसीना छूट रहा है पटना से दिल्ली और दिल्ली से पटना कर रहे हैं."-सत्येंद्र यादव, विधायक, सीपीआई एम

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बिहार में फ्लोर टेस्ट

पटना: बिहार में एनडीए सरकार को 12 फरवरी को विधानसभा में बहुमत साबित करना है. इसे लेकर सियासत गरमा गई है. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नीतीश कुमार ने पाला बदलकर न केवल इंडिया गठबंधन को झटका दिया है बल्कि बिहार में राजद को भी बड़ा झटका दिया है. वहीं खेल बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने भी कर दिया है. उन्होंने अविश्वास प्रस्ताव सामना करने की बात कही है. इसीलिए महागठबंधन खेमा अपनी रणनीति बना रहा है तो सत्ता पक्ष के दल भी सेंधमारी न हो जाए.

सेंधमारी का डर: जदयू के 45 विधायक हैं. राजद के तरफ से लगातार कहा जा रहा है खेला होगा. जदयू के मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि विधायकों को प्रलोभन दिया जा रहा है. इसी को देखते हुए जदयू के तरफ से विधायकों को पटना बुला लिया गया है. सभी 45 विधायक 10 फरवरी से निगरानी में आ जाएंगे और 11 फरवरी देर शाम तक निगरानी में रहेंगे. उसके बाद 12 फरवरी को विधानसभा में जाएंगे और इसके लिए नीतीश कुमार के खास श्रवण कुमार और संजय गांधी को विशेष जिम्मेवारी दी गई है.

"जदयू की ओर से 48 घंटे का रणनीति तैयार की गई है, लेकिन जदयू के विधायक किसी तरह की निगरानी होने की बात से इनकार कर रहे हैं. हम लोगों को इस तरह का कोई इंस्ट्रक्शन नहीं है. हम लोग तो खुलेआम घूम रहे हैं." -अजय चौधरी, विधायक और प्रवक्ता जदयू

श्रवण कुमार के आवास पर भोज : श्रवण कुमार के आवास पर 10 फरवरी यानी शनिवार को भोज का आयोजन किया गया है. वहीं 11 फरवरी को विधानमंडल दल की बैठक विजय चौधरी के आवास पर बुलाई गई है. दोनों बैठकों में नीतीश कुमार मौजूद रहेंगे और जरूरत हुआ तो एक-एक कर सभी विधायकों से बात करेंगे. यदि कोई विधायक नहीं आए तो उन्हें मनाने की कोशिश भी होगी.

ये है दलों की स्थिति: बिहार विधानसभा में 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट होना है. एनडीए के पास 128 विधायक हैं. जिसमें भाजपा के 78 जदयू के 45 और जितना मांझी की पार्टी हम के चार और एक निर्दलीय विधायक का भी समर्थन है. वहीं दूसरी तरफ महागठबंधन के पास केवल 114 विधायक हैं. जिसमें राजद के 79 कांग्रेस के 19 और वामपंथी दलों के 16 विधायक हैं. एआइएमआइएम के भी एक विधायक हैं लेकिन इन दोनों गठबंधन से अलग है.

"बोधगया में कार्यशाला का आयोजन किया गया है. उसमें हम अपने विधायकों को लोकसभा का चुनाव कैसे जीते, गांव में विकास कैसे हो, विकसित भारत के कार्यक्रम को कैसे आगे चलाना है. उसको लेकर सभी विधायकों को ट्रेनिंग देंगे. केंद्रीय टीम के सदस्य भी मौजूद रहेंगे. बीजेपी में कोई इधर-उधर होने वाला नहीं है. भ्रष्ट्राचारी यहां नहीं है. भ्रष्ट्राचारी पार्टियों को लगता है कि हम खरीद लेंगे. खरीदने की बात आप भूल जाए. हम लोगों को सब पता है कि पैसा कहां से आता है और पैसा कहां गया है. एक-एक व्यक्ति को तेजस्वी यादव को पैसा लौटाना होगा". - सम्राट चौधरी, उपमुख्यमंत्री

10 को सभी राजद के विधायक पटना आएंगे: राजद के 79 विधायक हैं. विधानसभा में सबसे अधिक विधायकों वाली पार्टी है. आरजेडी के विधायकों पर नजर रखने के लिए लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव के खास लोग लगे हुए हैं. लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव पटना में लगातार बने हुए हैं. पिछले कुछ दिन से मीडिया से भी दूरी बना रखी है. अपनी रणनीति जाहिर नहीं कर रहे हैं. 12 तारीख को ही पता चलेगा कि राजद के तरफ से क्या कुछ खेला किया जाना है.

"आरजेडी के तरफ से भी लालू प्रसाद और तेजस्वी ने खास लोगों को निगरानी के लिए लगाया है. कोई नई बात नहीं है राजद और कांग्रेस के विधायक डरे हुए नहीं है, ना ही परेशान है परेशान तो वे लोग हैं."- भूदेव चौधरी, विधायक आरजेडी

"महागठबंधन के लोग कहीं इधर-उधर जाने वाले नहीं हैं. डरे और परेशान तो बीजेपी और जदयू के लोग हैं. इसलिए तो बोधगया बीजेपी के विधायकों को भेजा जा रहा है. नीतीश जी का पसीना छूट रहा है पटना से दिल्ली और दिल्ली से पटना कर रहे हैं."-सत्येंद्र यादव, विधायक, सीपीआई एम

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Last Updated : Feb 10, 2024, 7:37 AM IST
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