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मथुरा के समधी टेकलाल ने 2004 में झामुमो को दिलायी थी गिरिडीह सीट, क्या इस बार होगा कमाल - lok sabha election 2024 - LOK SABHA ELECTION 2024

Giridih Lok Sabha seat. गिरिडीह लोकसभा सीट पर एनडीए का मुकाबला झामुमो से रहा है. 2004 में जीत के बाद झामुमो इस सीट पर फतह हासिल नहीं कर सका है. इस बार झामुमो ने टुंडी विधायक मथुरा महतो को उम्मीदवार बनाया है. मथुरा महतो क्षेत्र के लोकप्रिय नेता हैं. यहां इनका मुकाबला एनडीए के चंद्रप्रकाश चौधरी से है.

Political journey of JMM Giridih Lok Sabha candidate Mathura Mahato
Political journey of JMM Giridih Lok Sabha candidate Mathura Mahato
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Apr 5, 2024, 10:15 AM IST

Updated : Apr 5, 2024, 10:26 AM IST

गिरिडीह लोकसभा सीट का इतिहास

गिरिडीहः वर्ष 1991 के बाद 2004 में गिरिडीह लोकसभा सीट पर झामुमो की जीत हुई थी. इसके बाद के तीन आम चुनाव में झामुमो दूसरे स्थान पर रहा. इस बार मथुरा प्रसाद महतो को झामुमो ने टिकट दिया है. टुंडी विधानसभा से तीन बार चुने गए मथुरा के मैदान में आने से यहां एनडीए - इंडिया ब्लॉक की लड़ाई दिलचस्प हो गई है. वैसे हम बात करते हैं मथुरा महतो के राजनीतिक सफर की. एक जनवरी 1967 को जन्मे मथुरा प्रसाद महतो झारखंड मुक्ति मोर्चा के कद्दावर नेता हैं. राजनीति के धुरंधर माने जाने वाले मथुरा महतो की पकड़ गिरिडीह संसदीय क्षेत्र में काफी बेहतर मानी जाती है.

2000 में महज 154 मतों से हुए थे पराजित

मथुरा महतो टुंडी विधानसभा क्षेत्र के मजबूत नेता हैं. इस सीट पर वर्ष 2000 में हुए विधानसभा चुनाव में वे झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार रहे थे. इस चुनाव में उनकी टक्कर राजद नेता सबा अहमद से हुई थी. इस चुनाव में सबा और मथुरा की टक्कर की चर्चा आज भी होती है. 2000 के इस चुनाव में राजद के सबा को 25079 ( 24.34%) मत मिला था. जबकि मथुरा को 24925 ( 24.19%) मत मिला था. इस चुनाव में मथुरा महज 154 मत सें पराजित हुए थे.

2005 में सबा को दी करारी शिकस्त

2000 के चुनाव में चंद वोट से हारने के बाद भी मथुरा लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहे. 2005 के विधानसभा चुनाव में झामुमो ने मथुरा को फिर से उम्मीदवार बनाया. इस बार के चुनाव में मथुरा को जनता का खूब प्यार मिला. 2000 के मुकाबले इस चुनाव में मथुरा को 13.65 प्रतिशत मत अधिक मिला. इस चुनाव में मथुरा को 52112 ( 37.84%) मत मिला. जबकि निकटतम प्रतिद्वंदी राजद के सबा अहमद को 26175 ( 19.01%) मत मिला. मथुरा ने सबा को 25937 मतों से पराजित किया.

2009 में काटें की टक्कर में जीते मथुरा

2009 के विधानसभा चुनाव में फिर से टुंडी सीट पर झामुमो ने मथुरा को अपना उम्मीदवार बनाया. इस चुनाव में मथुरा के सामने फिर से सबा अहमद खड़े थे. सबा इस बार झारखंड विकास मोर्चा (प्रा) के उम्मीदवार थे. पार्टी बदलने के बाद भी सबा को पराजय ही नसीब हुआ. हालांकि दोनों के बीच कांटे की टक्कर वाले इस चुनाव में मथुरा को 40787 ( 30.04% ) मत मिला. जबकि निकटतम प्रतिद्वंदी सबा को 39869 ( 29.36%) मत मिला. इस चुनाव में मथुरा महज 918 मत से ही जीत सके.

2014 में नजदीकी मुकाबला, हारे मथुरा

2014 के विधानसभा चुनाव में झामुमो ने फिर से मथुरा को ही उम्मीदवार बनाया. यह चुनाव काफी रोचक रहा. इस चुनाव में मथुरा के सामने पुराने प्रतिद्वंदी सबा अहमद फिर से जेवीएम ( प्रा ) की टिकट पर मुकाबले के लिए उतरे. तो आजसू पार्टी ने दिग्गज नेता राजकिशोर महतो को मैदान में उतारा. तीनों के बीच मुकाबला काफी रोचक रहा लेकिन अंत में जीत आजसू के राजकिशोर को मिली. इस चुनाव में राजकिशोर को 55466 ( 31.41% ), मथुरा को 54340 ( 30.78 % ) तो सबा को 45229 ( 25.62% ) मत मिला. इस चुनाव में राजकिशोर ने मथुरा को 1126 मत से पराजित किया.

2019 में बीजेपी को दी पटखनी

2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमो ने पुनः मथुरा महतो को उम्मीदवार बनाया. इस बार मथुरा को अपार जन समर्थन मिला. इस चुनाव में मथुरा की टक्कर बीजेपी के विक्रम पांडेय (पूर्व सांसद रवींद्र पांडेय के पुत्र) से हुई. हालांकि मथुरा ने विक्रम को करारी शिकस्त दी. इस चुनाव में मथुरा को 72552 ( 37.49% ) मत तो निकटतम प्रतिद्वंदी विक्रम को 46893 ( 24.23% ) मत मिला. मथुरा ने विक्रम को 25659 मत से पराजित किया. इसके साथ ही टुंडी से मथुरा तीसरी बार विधायक बने.

गिरिडीह लोकसभा पर दो बार झामुमो ने दर्ज की है जीत

अब हम गिरिडीह लोकसभा सीट की बात करें तो इस सीट पर पहली दफा झामुमो ने 1991 में जीत दर्ज की थी. 1991 में झामुमो की टिकट पर बिनोद बिहारी महतो ने जीत दर्ज की. इसके बाद जब बिहार से झारखंड अलग हो गया तो वर्ष 2004 में झामुमो के टेकलाल महतो ने जीत दर्ज की. 2009 में टेकलाल महतो हार गए. भाजपा के रवींद्र कुमार पांडेय ने उन्हें पराजित किया.

टेकलाल महतो के निधन के बाद 2014 में झामुमो ने इस सीट से जगरनाथ महतो को उम्मीदवार बनाया. हालांकि 2014 के चुनाव में भी झामुमो को हार का सामना करना पड़ा. इस चुनाव में भाजपा के रवींद्र कुमार पांडेय ने झामुमो के जगरनाथ महतो को हराया. इसी तरह 2019 के चुनाव में झामुमो ने फिर से जगरनाथ महतो को अपना उम्मीदवार घोषित किया. इस चुनाव में एनडीए की तरफ सें आजसू पार्टी नेता चंद्रप्रकाश चौधरी खड़े हुए. चंद्रप्रकाश ने जगरनाथ महतो को 248347 मतों से पराजित कर दिया. अब 2024 में झामुमो ने मथुरा को मैदान में उतारा है. इस बार भी यहां एनडीए की तरफ से चंद्रप्रकाश ही उम्मीदवार हैं. अब देखना होगा कि अपने समधी दिवंगत टेकलाल महतो की तरह क्या मथुरा गिरिडीह से निर्वाचित हो पाते हैं या नहीं.

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2000 में महज 154 मतों से हुए थे पराजित

मथुरा महतो टुंडी विधानसभा क्षेत्र के मजबूत नेता हैं. इस सीट पर वर्ष 2000 में हुए विधानसभा चुनाव में वे झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवार रहे थे. इस चुनाव में उनकी टक्कर राजद नेता सबा अहमद से हुई थी. इस चुनाव में सबा और मथुरा की टक्कर की चर्चा आज भी होती है. 2000 के इस चुनाव में राजद के सबा को 25079 ( 24.34%) मत मिला था. जबकि मथुरा को 24925 ( 24.19%) मत मिला था. इस चुनाव में मथुरा महज 154 मत सें पराजित हुए थे.

2005 में सबा को दी करारी शिकस्त

2000 के चुनाव में चंद वोट से हारने के बाद भी मथुरा लगातार क्षेत्र में सक्रिय रहे. 2005 के विधानसभा चुनाव में झामुमो ने मथुरा को फिर से उम्मीदवार बनाया. इस बार के चुनाव में मथुरा को जनता का खूब प्यार मिला. 2000 के मुकाबले इस चुनाव में मथुरा को 13.65 प्रतिशत मत अधिक मिला. इस चुनाव में मथुरा को 52112 ( 37.84%) मत मिला. जबकि निकटतम प्रतिद्वंदी राजद के सबा अहमद को 26175 ( 19.01%) मत मिला. मथुरा ने सबा को 25937 मतों से पराजित किया.

2009 में काटें की टक्कर में जीते मथुरा

2009 के विधानसभा चुनाव में फिर से टुंडी सीट पर झामुमो ने मथुरा को अपना उम्मीदवार बनाया. इस चुनाव में मथुरा के सामने फिर से सबा अहमद खड़े थे. सबा इस बार झारखंड विकास मोर्चा (प्रा) के उम्मीदवार थे. पार्टी बदलने के बाद भी सबा को पराजय ही नसीब हुआ. हालांकि दोनों के बीच कांटे की टक्कर वाले इस चुनाव में मथुरा को 40787 ( 30.04% ) मत मिला. जबकि निकटतम प्रतिद्वंदी सबा को 39869 ( 29.36%) मत मिला. इस चुनाव में मथुरा महज 918 मत से ही जीत सके.

2014 में नजदीकी मुकाबला, हारे मथुरा

2014 के विधानसभा चुनाव में झामुमो ने फिर से मथुरा को ही उम्मीदवार बनाया. यह चुनाव काफी रोचक रहा. इस चुनाव में मथुरा के सामने पुराने प्रतिद्वंदी सबा अहमद फिर से जेवीएम ( प्रा ) की टिकट पर मुकाबले के लिए उतरे. तो आजसू पार्टी ने दिग्गज नेता राजकिशोर महतो को मैदान में उतारा. तीनों के बीच मुकाबला काफी रोचक रहा लेकिन अंत में जीत आजसू के राजकिशोर को मिली. इस चुनाव में राजकिशोर को 55466 ( 31.41% ), मथुरा को 54340 ( 30.78 % ) तो सबा को 45229 ( 25.62% ) मत मिला. इस चुनाव में राजकिशोर ने मथुरा को 1126 मत से पराजित किया.

2019 में बीजेपी को दी पटखनी

2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमो ने पुनः मथुरा महतो को उम्मीदवार बनाया. इस बार मथुरा को अपार जन समर्थन मिला. इस चुनाव में मथुरा की टक्कर बीजेपी के विक्रम पांडेय (पूर्व सांसद रवींद्र पांडेय के पुत्र) से हुई. हालांकि मथुरा ने विक्रम को करारी शिकस्त दी. इस चुनाव में मथुरा को 72552 ( 37.49% ) मत तो निकटतम प्रतिद्वंदी विक्रम को 46893 ( 24.23% ) मत मिला. मथुरा ने विक्रम को 25659 मत से पराजित किया. इसके साथ ही टुंडी से मथुरा तीसरी बार विधायक बने.

गिरिडीह लोकसभा पर दो बार झामुमो ने दर्ज की है जीत

अब हम गिरिडीह लोकसभा सीट की बात करें तो इस सीट पर पहली दफा झामुमो ने 1991 में जीत दर्ज की थी. 1991 में झामुमो की टिकट पर बिनोद बिहारी महतो ने जीत दर्ज की. इसके बाद जब बिहार से झारखंड अलग हो गया तो वर्ष 2004 में झामुमो के टेकलाल महतो ने जीत दर्ज की. 2009 में टेकलाल महतो हार गए. भाजपा के रवींद्र कुमार पांडेय ने उन्हें पराजित किया.

टेकलाल महतो के निधन के बाद 2014 में झामुमो ने इस सीट से जगरनाथ महतो को उम्मीदवार बनाया. हालांकि 2014 के चुनाव में भी झामुमो को हार का सामना करना पड़ा. इस चुनाव में भाजपा के रवींद्र कुमार पांडेय ने झामुमो के जगरनाथ महतो को हराया. इसी तरह 2019 के चुनाव में झामुमो ने फिर से जगरनाथ महतो को अपना उम्मीदवार घोषित किया. इस चुनाव में एनडीए की तरफ सें आजसू पार्टी नेता चंद्रप्रकाश चौधरी खड़े हुए. चंद्रप्रकाश ने जगरनाथ महतो को 248347 मतों से पराजित कर दिया. अब 2024 में झामुमो ने मथुरा को मैदान में उतारा है. इस बार भी यहां एनडीए की तरफ से चंद्रप्रकाश ही उम्मीदवार हैं. अब देखना होगा कि अपने समधी दिवंगत टेकलाल महतो की तरह क्या मथुरा गिरिडीह से निर्वाचित हो पाते हैं या नहीं.

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Last Updated : Apr 5, 2024, 10:26 AM IST
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