कोटा. शहर के कुन्हाड़ी थाना इलाके से दो स्टूडेंट के पलायन का मामला सामने आया था. दोनों ही स्टूडेंट कोटा में कोचिंग करने के लिए आए थे, जिनमें एक नाबालिक लड़की थी और दूसरा 19 वर्षीय छात्र था. दोनों अलग-अलग तारीखों में लापता हुए थे, जिन्हें कुन्हाड़ी थाना पुलिस ने तलाश कर परिजनों को सुपुर्द कर दिया है. इनमें छात्रा अपनी मां की डांट से नाराज होकर मुंबई चली गई थी, जबकि छात्र पढ़ाई में मन नहीं लगने के चलते बेंगलुरु चला गया था. दोनों की गुमशुदगी कुनारी थाने में अलग-अलग दिन दर्ज हुई थी.
कुन्हाड़ी थाना अधिकारी अरविंद भारद्वाज ने बताया कि झारखंड निवासी टुनी कुमारी ने 5 जुलाई को थाने पर उपस्थित होकर सूचना दी थी कि कोटा में अपने तीन बच्चों को वह कोचिंग करवा रही है और कमला उद्यान में किराए से रहती है. उनमें से 16 वर्षीय बड़ी लड़की दसवीं में पढ़ रही थी, वह 5 जुलाई को शाम 4 बजे के बाद लापता हो गई है. इसके संबंध में कोई सूचना नहीं मिल पा रही है. ऐसे में इस मामले में जांच पड़ताल शुरू की गई. लापता छात्रा के भाई-बहनों ने बताया कि मां ने उसे डांट दिया था, जिसके बाद ही वह नाराज होकर चली गई. इस मामले में सीसीटीवी कैमरों को खंगाला गया, तब वह रेलवे जंक्शन के कैमरे के फुटेज में मुंबई की ट्रेन में बैठती नजर आई. इसके बाद पुलिस ने उसे मुंबई के अंधेरी से सकुशल दस्तयाब कर लिया.
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सीआई भारद्वाज ने बताया कि वहीं, दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के महोलिया निवासी धुम्र पाल सिंह ने 2 जुलाई को सूचना अपने 19 वर्षीय बेटा भरत की गुमशुदगी दर्ज कराई थी. उन्होंने बताया था कि भरत पीजी में रहता है. वह सुबह 7 बजे वह पीजी को छोड़कर कहीं चला गया है. इस मामले में तकनीकी अनुसंधान और सीसीटीवी फुटेज चेक करने पर उसका रूट पीजी की तरफ से रेलवे जंक्शन की तरफ आया. ऐसे में जब जांच पड़ताल की गई तो सामने आया कि वह बेंगलुरु चला गया है, जहां से उसे पुलिस ने दस्तयाब कर लिया है. उसने पूछताछ में बताया है कि पढ़ाई में मन नहीं लगने के चलते घरवालों को बिना बताए ही वह पलायन कर गया था.