कानपुर : शहर में रविवार को कमिश्नरेट पुलिस के आला अफसरों की अगुआई में कई थानों की फोर्स ने प्रेस क्लब से जुड़े 6 पत्रकारों के घरों पर छापा मारा. भारी संख्या में फोर्स देख आस-पास के लोगों के बीच दहशत का माहौल रहा. दरअसल, शहर के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र स्थित 1000 करोड़ रुपये की जमीन कब्जाने के मामले में कोतवाली पुलिस की ओर से आरोपी अवनीश दीक्षित को कई दिनों पहले जेल भेजा गया था. इसके बाद पुलिस की ओर से लगातार जांच जारी थी.
डीसीपी पूर्वी एसके सिंह ने बताया, कि पुलिस को जो डीवीआर मौके से मिली, उसमें पत्रकार रमन गुप्ता, अभिनव शुक्ला, नौशाद, फरहान व रियाज आरोपी अवनीश दीक्षित के साथ खड़े दिखाई दिए. ऐसे में पुलिस कुछ पत्रकारों को पहले कोतवाली लेकर आई, हालांकि कुछ घंटों तक पूछताछ के बाद पुलिस ने सभी को छोड़ दिया. डीसीपी पूर्वी एसके सिंह ने कहा, कि पुलिस इस गंभीर मामले में अब विवेचना का काम कर रही है. जल्द ही पुलिस की ओर से कोर्ट में सभी साक्ष्यों के साथ चार्जशीट दाखिल की जाएगी. पत्रकारों के घरों पर दबिश के दौरान कई एसीपी समेत थानों की फोर्स मौजूद रही.
गैंगस्टर एक्ट के तहत हो सकती कार्रवाई : कमिश्नरेट पुलिस के आला अफसरों ने बताया, कि कानपुर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित के खिलाफ पुलिस को जो साक्ष्य मिले हैं, वह कहीं न कहीं संगठित अपराध से भी जुड़े हैं. ऐसे में अब पुलिस की ओर से आरोपी अवनीश दीक्षित व उसके गिरोह में शामिल पत्रकारों व अन्य आरोपियों का चार्ट तैयार किया जा रहा है. पुलिस के पास जब मजबूत साक्ष्य होंगे, तो भविष्य में पुलिस की ओर से आरोपी अवनीश दीक्षित के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई हो सकती है.