रुद्रप्रयाग: केदारनाथ यात्रा के दौरान परिजनों से बिछड़े अपनों को पुलिस तत्परता से मिलाने का कार्य कर रही है. इसी क्रम में पुलिस ने परिजनों से बिछड़े 6 वर्षीय बच्चे को उसके परिवार से मिलाने का काम किया है. अपने बेटे को पाकर परिजनों ने पुलिस का आभार व्यक्त किया.
परिजनों से बिछड़ा 6 वर्षीय बच्चा: बता दें कि हल्द्वानी का एक परिवार केदारनाथ धाम आया था. परिवार ने 6 वर्षीय आरव (वैभव) को नेपाली कंडी वाले के साथ भेज दिया था और खुद पैदल चल जा रहे थे, तभी आरव अपने परिजनों से बिछड़ गया है. परिजनों ने इस संबंध में केदारनाथ धाम में तैनात पुलिस को सूचना दी. सूचना मिलने के बाद केदारनाथ चौकी प्रभारी ने पुलिस कार्मिकों की 4 टीमें बनाई और बच्चे को खोज लिया और आरव को बेस कैंप स्थित पुलिस चौकी केदारनाथ लाया गया.
घोड़ा मालिक कर रहे मनमानी: वहीं, दूसरी ओर भीलवाड़ा, राजस्थान निवासी रतनलाल गर्ग ने चौकी भीमबली पर आकर बताया कि उन्होंने सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम तक छोड़ने के लिए 3 घोड़े किए थे. घोड़ा मालिक द्वारा उनसे 3 व्यक्तियों का किराया 18,000 रुपए और प्रीपेड काउंटर से 3,200 रुपए के हिसाब से तीन पर्ची अलग -अलग कटवाई गई थी. घोड़ा मालिक द्वारा यात्रियों से 8,400 रुपए अतिरिक्त लिए गए, जिस पर यात्रियों द्वारा विरोध किया गया, लेकिन उन्हें उनका पैसा वापस नहीं किया गया. साथ ही घोड़ा हॉकर्स द्वारा यात्रियों से भीमबली पहुंचने पर अतिरिक्त पैसों की मांग की गई.
भीमबली पुलिस की यात्रियों ने की सराहना: भीमबली पुलिस द्वारा तुरंत संज्ञान लेते हुए घोड़ा हॉकर्स को चौकी बुलाया गया और घोड़ा मालिक से संपर्क कर यात्रियों से ली गई अतिरिक्त धनराशि 8,400 को वापस कराया गया. यात्री और उसके परिवार द्वारा भीमबली पुलिस के इस कार्य की सराहना की गई है. वहीं, पुलिस द्वारा घोड़ा संचालक को सख्त हिदायत देकर इन घोड़ों के यात्रा मार्ग पर संचालन के लिए बने लाइसेंस के निरस्तीकरण की रिपोर्ट प्रेषित की गई है.
ये भी पढ़ें-