रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में प्लेसमेंट कर्मचारियों ने विरोध प्रदर्शन किया. ये कर्मचारी नगरीय निकायों में काम करते हैं और अपनी मांगों को लेकर चार दिनों से बेमियादी हड़ताल पर हैं. जिससे प्रदेश के निकायों में कई कार्यों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है. प्रदेश के करीब 20 हजार प्लेसमेंट कर्मचारियों ने ठेका प्रक्रिया को समाप्त करने की मांग की है. ये कर्मचारी छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय प्लेसमेंट कर्मचारी महासंघ के बैनर तले विरोध प्रदर्शन का मोर्चा बुलंद किए हुए हैं.
तीन दिसंबर से जारी है प्रदेश स्तरीय प्रदर्शन: इन कर्मचारियों ने तीन दिसंबर से प्रदेश स्तर पर विरोध प्रदर्शन तेज कर दिया है. इससे पहले छत्तीसगढ़ के 17 जिलों में 19 वंबर से प्लेसमेंट कर्मचारियों का जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन चल रहा है. अधिकारी इन कर्मचारियों पर काम पर लौटने का दवाब बना रहे हैं. कर्मचारी अपनी मांगों पर अड़े हैं और वह लगातार ज्ञापन सौंपकर अपना प्रदर्शन कर रहे हैं. शुक्रवार को छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय प्लेसमेंट कर्मचारी महासंघ ने मुख्यमंत्री के नाम नगर निगम आयुक्त, महापौर और सभापति को ज्ञापन सौंपा है. इसके साथ ही प्लेसमेंट कर्मचारियों ने रायपुर नगर निगम के मुख्यालय में पहुंचकर विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी की है.
"नगरीय निकाय के प्लेसमेंट कर्मचारी लगभग 20 सालों से कार्यरत है. नगरीय निकाय में कर्मचारी 8 से लेकर 12 घंटे ड्यूटी करते हैं. बावजूद इसके इनते कम सैलरी दी जाती है. जिससे घर चलाना मुश्किल होता है. जबकि शासन की योजनाओं और प्रशासनिक स्तर के कार्य भी प्लेसमेट कर्मचारियों के माध्यम से किया जाता है. इसमें महतारी वंदन योजना, निर्वाचन का कार्य, जनगणना का कार्य और जातिगत सर्वे का कार्य शामिल है. हमारी मांगें पूरी नहीं हुई है. जिससे कर्मचारियों ने हड़ताल की है.- खेमूलाल निषाद, प्रदेश अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय प्लेसमेंट कर्मचारी महासंघ
प्लेसमेंट कर्मचारियों की हड़ताल का असर: प्लेसमेंट कर्मचारियों की हड़ताल का असर कई सेवाओं पर पड़ रहा है. साफ सफाई व्यवस्था सहित अन्य काम बुरी तरह से प्रभावित हो रहा है. नगरीय निकाय में ठेकेदार के माध्यम से वेतन का भुगतान होता है. प्लेसमेंट कर्मचारियों की मांग है कि ऐसे में ठेका पद्धति को बंद किया जाए और सीधे विभाग से कर्मचारियों को वेतन दिया जाए. इस तरह की व्यवस्था जल संसाधन विभाग, पीएचई और पीडब्ल्यूडी विभाग में चल रही है. सूबे में कुल 184 नगरीय निकाय, 14 नगर निगम, 50 नगर पालिका और 120 नगर पंचायत है. इनमें करीब 20 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं. इस सूरत में अगर इनकी हड़ताल लंभी चली तो साफ सफाई सहित कई कार्यों पर बुरा असर पड़ सकता है.