पिथौरागढ़: सीमांत क्षेत्र में नाबालिग लड़के लड़कियों की शादी के मामले अक्सर आते रहते हैं. बाल विवाह को लेकर पुलिस समय-समय पर लोगों को जागरुक भी कर रहती है. इसके बावजूद भी पिथौरागढ़ जनपद से लगे सीमांत क्षेत्र में नाबालिग लड़कियों की शादी की घटनाएं सामने आती रहती हैं. एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट पिथौरागढ़ की तत्परता से एक नाबालिग लड़की और नाबालिग लड़के की हो रही शादी को रोका गया.
एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट पिथौरागढ़ को सूचना मिली कि थाना नाचनी क्षेत्रान्तर्गत एक नाबालिग लड़की और लड़के की शादी होने जा रही है. नाबालिग की शादी की तैयारी घर में चल रही है और बारात आ चुकी है. उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक पिथौरागढ़ रेखा यादव के निर्देश पर एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट एवं चाइल्ड हेल्प लाइन टीम मौके पर पहुंची, जहां पुलिस द्वारा पूरे मामले की जांच पड़ताल की गई तो दुल्हन बनी एक नाबालिग लड़की की शादी हो रही थी. पुलिस ने तुरंत शादी को रुकते हुए दोनों पक्षों को थाना नाचनी ले गई, जहां जांच पड़ताल की गई तो दोनों की जन्म और आधार कार्ड के अनुसार उम्र 18 साल से कम पाई गई.
जिस पर पुलिस टीम द्वारा चाइल्ड हेल्पलाइन के समक्ष दोनों पक्षों परिवारों की काउंसलिंग की गयी. साथ ही बाल विवाह से सम्बन्धित कानून के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि नाबालिग की शादी कराना कानूनन अपराध है. दोनों परिवारों द्वारा अपनी गलती स्वीकार करते हुए बताया कि उन्हें कानून की जानकारी नहीं थी, अब वह दोनों के बालिग होने पर ही उनकी शादी करेंगे. जिस संबंध में उनके द्वारा लिखित प्रार्थना पत्र दिया गया.काउंसलिंग के पश्चात लड़क और लड़के को सकुशल उसके परिजनों के सुपुर्द किया गया. एसपी पिथौरागढ़ रेखा यादव ने बताया कि बाल विवाह रोकने के लिए पुलिस द्वारा समय-समय पर जन जागरूकता अभियान चलाया जाता है. इसके अलावा सीमांत क्षेत्र के लोगों को बाल विवाह संबंधित कानूनी जानकारी भी दी जाती है. बाल विवाह संबंधी कहीं से कोई मामला आता है तो उसके खिलाफ आगे की कार्रवाई की जाती है.
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