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जल भवन में कल लॉन्च होगा 'कार्य प्रबंधन प्रणाली' और 'राजस्थान जेजेएम डैशबोर्ड' पोर्टल - PHED Portals

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 30, 2024, 5:16 PM IST

PHED Minister Kanhaiya Lal, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग डिजिटल परिवर्तन की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ाने जा रहा है. इसके तहत 1 जुलाई को जल भवन में नए आईटी पोर्टल 'कार्य प्रबंधन प्रणाली' (WMS) और 'राजस्थान जेजेएम डैशबोर्ड' को लॉन्च किया जाएगा.

जलदाय विभाग
जलदाय विभाग (ETV Bharat File Photo)

जयपुर. जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैया लाल चौधरी 1 जुलाई सोमवार को जल भवन में नए आईटी पोर्टल 'कार्य प्रबंधन प्रणाली' (WMS) और 'राजस्थान जेजेएम डैशबोर्ड' को लॉन्च करेंगे. इस पोर्टल से जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग डिजिटल परिवर्तन की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ेगा. जलदाय विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने बताया कि कार्य प्रबंधन प्रणाली (WMS) पोर्टल से जल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति रिपोर्टिंग सहित अन्य आवश्यक पहलुओं का प्रबंधन किया जाएगा. अलग-अलग एजेंसी जैसे एस.पी.एम.यू, डी.पी.एम.यू और कॉन्टैक्टर्स की गतिविधियों का सुनियोजित संचालन व प्रबंधन किया जाएगा.

योजना स्वीकृतियों का ऑनलाइन रहेगा रिकॉर्ड : शासन सचिव समित शर्मा ने बताया कि पोर्टल में योजना प्रस्तावों की राज्य स्तरीय स्कीम स्वीकृति समिति, प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति, तकनीकी स्वीकृति, टेंडर अनुमोदन और निविदा सूचनाओं का ऑनलाइन प्रबंधन किया है. साथ ही जल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन के सुनियोजित प्रबंधन, प्रगति रिपोर्टिंग, ई-नाप पुस्तिका, बिल ऑफ क्वांटिटी अपलोड और जल प्रदाय योजना के सभी घटकों जैसे कि पंप हाउस, पानी की टंकियों, फ़िल्टर प्लांट आदि की लोकेशन जीआईएएस प्लेटफॉर्म पर जेनरेट भी की जाएगी.

पढे़ं. आमजन को मुफ्त दिए जाने वाले पानी की कालाबाजारी, 8 टैंकर चालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज

योजनाओं का होगा ऑनलाइन असाइनमेंट : समित शर्मा ने बताया कि विभिन्न कार्यालयों जैसे डिवीजन, सब-डिवीजन और जूनियर इंजीनियर कार्यालयों में योजनाओं का ऑनलाइन असाइनमेंट होगा. वर्क ऑर्डरों के लिए प्रोविजनल एक्सटेंशन का प्रबंधन भी किया गया है. जल जीवन मिशन राजस्थान डैशबोर्ड www.phedwms.rajasthan.gov.in से आमजन अपने गांव और राज्य स्तर पर जल जीवन मिशन की जानकारियां देख सकते हैं और विभागीय अधिकारी-कर्मचारी योजना मैपिंग करते हुए अपने कार्यालय स्तर की जल जीवन मिशन की प्रगति देख सकते हैं. इस डैशबोर्ड व पोर्टल के माध्यम से बेहतर वित्तीय प्रबंधन के साथ, सभी जल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता व सुनियोजित प्रबंधन से आमजन को योजनाओं से पेयजल तय सीमा में सुलभ करवाया जाएगा.

लाइव मॉनिटरिंग और डेटा विश्लेषण : शासन सचिव ने वाटर इनफॉरमेशन मैनेजमेंट सिस्टम (WIMS), जलधारा कमांड सेन्टर की जानकारी साझा करते हुए बताया कि इससे राज्य की पेयजल वितरण प्रणाली की उत्पादकता बढ़ाने और सेवाओं में सुधार के लिए डेटा संग्रहण और उनका विश्लेषण कर प्रभावी मॉनिटरिंग की जाएगी. जलधारा कमांड सेन्टर के विभिन्न मॉड्यूल्स से आरओ प्लांट्स, डीफ्लोरीडेशन इकाइयों व सोलर पंप इकाइयों की स्थापना और संचालन की मॉनिटरिंग की जाएगी. स्काडा/आईओटी के माध्यम से परियोजनाओं से जल उत्पादन एवं वितरण की लाइव मॉनिटरिंग और डेटा विश्लेषण हो सकेगा. असेट मैनेजमेंट मॉड्यूल से असेट्स की जानकारी सहित जलाशयों की सफाई रिपोर्ट भी प्राप्त की जा सकेगी.

पढ़ें. नलकूप में लगाए घटिया पाइप, जलदाय विभाग ने सहायक अभियंता और कनिष्ठ अभियंता को किया निलंबित

ऐप से तुरंत मिलेगी रियल टाइम जानकारी : शासन सचिव समित शर्मा ने बताया कि डब्ल्यू.आई.एम.एस मोबाइल ऐप से अभियंताओं को आरओ, डीफ्लोरीडेशन, सोलर पंप इकाइयों और स्काडा आधारित जल प्रदाय परियोजनाओं की वास्तविक जानकारी अविलंब मिलेगी, जिससे किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई कर जल वितरण में व्यवधानों में कमी ला पाना संभव होगा. प्रदेश में सीमित जल संसाधनों को देखते हुए जल प्रबंधन में सूचना प्रौद्योगिकी के प्रयोग से यथासंभव जल की अपव्ययता में कमी लाकर पेयजल के समुचित उपयोग और वितरण के प्रयास किए जाएंगे.

जयपुर. जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री कन्हैया लाल चौधरी 1 जुलाई सोमवार को जल भवन में नए आईटी पोर्टल 'कार्य प्रबंधन प्रणाली' (WMS) और 'राजस्थान जेजेएम डैशबोर्ड' को लॉन्च करेंगे. इस पोर्टल से जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग डिजिटल परिवर्तन की दिशा में एक कदम और आगे बढ़ेगा. जलदाय विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा ने बताया कि कार्य प्रबंधन प्रणाली (WMS) पोर्टल से जल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन की प्रगति रिपोर्टिंग सहित अन्य आवश्यक पहलुओं का प्रबंधन किया जाएगा. अलग-अलग एजेंसी जैसे एस.पी.एम.यू, डी.पी.एम.यू और कॉन्टैक्टर्स की गतिविधियों का सुनियोजित संचालन व प्रबंधन किया जाएगा.

योजना स्वीकृतियों का ऑनलाइन रहेगा रिकॉर्ड : शासन सचिव समित शर्मा ने बताया कि पोर्टल में योजना प्रस्तावों की राज्य स्तरीय स्कीम स्वीकृति समिति, प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति, तकनीकी स्वीकृति, टेंडर अनुमोदन और निविदा सूचनाओं का ऑनलाइन प्रबंधन किया है. साथ ही जल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन के सुनियोजित प्रबंधन, प्रगति रिपोर्टिंग, ई-नाप पुस्तिका, बिल ऑफ क्वांटिटी अपलोड और जल प्रदाय योजना के सभी घटकों जैसे कि पंप हाउस, पानी की टंकियों, फ़िल्टर प्लांट आदि की लोकेशन जीआईएएस प्लेटफॉर्म पर जेनरेट भी की जाएगी.

पढे़ं. आमजन को मुफ्त दिए जाने वाले पानी की कालाबाजारी, 8 टैंकर चालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज

योजनाओं का होगा ऑनलाइन असाइनमेंट : समित शर्मा ने बताया कि विभिन्न कार्यालयों जैसे डिवीजन, सब-डिवीजन और जूनियर इंजीनियर कार्यालयों में योजनाओं का ऑनलाइन असाइनमेंट होगा. वर्क ऑर्डरों के लिए प्रोविजनल एक्सटेंशन का प्रबंधन भी किया गया है. जल जीवन मिशन राजस्थान डैशबोर्ड www.phedwms.rajasthan.gov.in से आमजन अपने गांव और राज्य स्तर पर जल जीवन मिशन की जानकारियां देख सकते हैं और विभागीय अधिकारी-कर्मचारी योजना मैपिंग करते हुए अपने कार्यालय स्तर की जल जीवन मिशन की प्रगति देख सकते हैं. इस डैशबोर्ड व पोर्टल के माध्यम से बेहतर वित्तीय प्रबंधन के साथ, सभी जल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन में पारदर्शिता व सुनियोजित प्रबंधन से आमजन को योजनाओं से पेयजल तय सीमा में सुलभ करवाया जाएगा.

लाइव मॉनिटरिंग और डेटा विश्लेषण : शासन सचिव ने वाटर इनफॉरमेशन मैनेजमेंट सिस्टम (WIMS), जलधारा कमांड सेन्टर की जानकारी साझा करते हुए बताया कि इससे राज्य की पेयजल वितरण प्रणाली की उत्पादकता बढ़ाने और सेवाओं में सुधार के लिए डेटा संग्रहण और उनका विश्लेषण कर प्रभावी मॉनिटरिंग की जाएगी. जलधारा कमांड सेन्टर के विभिन्न मॉड्यूल्स से आरओ प्लांट्स, डीफ्लोरीडेशन इकाइयों व सोलर पंप इकाइयों की स्थापना और संचालन की मॉनिटरिंग की जाएगी. स्काडा/आईओटी के माध्यम से परियोजनाओं से जल उत्पादन एवं वितरण की लाइव मॉनिटरिंग और डेटा विश्लेषण हो सकेगा. असेट मैनेजमेंट मॉड्यूल से असेट्स की जानकारी सहित जलाशयों की सफाई रिपोर्ट भी प्राप्त की जा सकेगी.

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ऐप से तुरंत मिलेगी रियल टाइम जानकारी : शासन सचिव समित शर्मा ने बताया कि डब्ल्यू.आई.एम.एस मोबाइल ऐप से अभियंताओं को आरओ, डीफ्लोरीडेशन, सोलर पंप इकाइयों और स्काडा आधारित जल प्रदाय परियोजनाओं की वास्तविक जानकारी अविलंब मिलेगी, जिससे किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई कर जल वितरण में व्यवधानों में कमी ला पाना संभव होगा. प्रदेश में सीमित जल संसाधनों को देखते हुए जल प्रबंधन में सूचना प्रौद्योगिकी के प्रयोग से यथासंभव जल की अपव्ययता में कमी लाकर पेयजल के समुचित उपयोग और वितरण के प्रयास किए जाएंगे.

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