बीकानेर. जलदाय मंत्री कन्हैयालाल चौधरी ने इस बार नहरबंदी नहीं होने के संकेत दिए हैं. दरअसल लोकसभा चुनाव के बीच प्रदेश में नहरबंदी के चलते और पेयजल की किल्लत होने से चुनाव में नुकसान की आशंका के चलते नहरबंदी को टालने को लेकर सरकार विचार कर रही है. शुक्रवार को बीकानेर के दौरे पर आए जलदाय मंत्री चौधरी ने इस बात के संकेत भी दिए. हालांकि, सीधे तौर पर जलदाय मंत्री चौधरी ने पिछली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि नहर को लेकर सरकार ने कोई काम नहीं किया और आम जनता को पीने के पानी की कीमत का सामना करना पड़ता है. इस बार जनता परेशान नहीं हो, इसके लिए हम विचार कर रहे हैं.
इंदिरा गांधी नहर 15 जिलों को करती है प्रभावित : दरअसल, पश्चिमी राजस्थान की लाइफ लाइन की जाने वाली इंदिरा गांधी नहर में नाहरबंदी से पश्चिम में राजस्थान के 15 जिले प्रभावित होते हैं. लोकसभा चुनाव के बीच पर नहरबंदी से पीने के पानी और सिंचाई पानी की होने वाली किल्लत से आक्रोश का माहौल बन सकता है. माना जा रहा है कि चुनाव के मौके पर सरकार के खिलाफ किसी भी तरह का माहौल नहीं बने, इसको लेकर नहरबंदी को टालने के लिए उच्च स्तर पर चर्चा हुई है.
इस दौरान नहर का पानी पाकिस्तान जाने से रोकने के दावों को लेकर सवाल पर मंत्री कन्हैयालाल ने कहा कि पिछली सरकार ने इस बारे में केवल राजनीति की, जबकि केंद्र की मोदी सरकार और प्रदेश से सांसद केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने इसको लेकर प्रयास किया. अब इस दिशा में काम होगा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जो विजन है, उसके मुताबिक राजस्थान की जनता को पूरा पानी मिलेगा.