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नाबालिग पोती को दादी-दादी की हिरासत से मुक्त कराने का मामला, HC में याचिका पर हुई सुनवाई

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नाबालिग पोती को दादा-दादी की हिरासत से मुक्त कराने की याचिका पर सुनवाई की.

UTTARAKHAND HIGHCOURT
नाबालिग पोती को दादी-दादी की अवैध हिरासत से मुक्त कराने का मामला (FILE PHOTO ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 2 hours ago

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार को याचिकाकर्ता की नाबालिग लड़की जिसकी आयु साढ़े आठ वर्ष से कम है, उसको दादा और दादी की अवैध हिरासत से मुक्त कराए जाने के मामले में दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण की याचिका पर सुनवाई की.

मामले की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने एसएचओ उत्तरकाशी को निर्देश दिए हैं कि नाबालिग लड़की को उसके दादा और दादी की अवैध हिरासत से मुक्त कराकर दादा के साथ 24 अक्टूबर को सुबह साढ़े दस बजे उच्च न्यायालय में पेश किया जाए. साथ ही एसपी उत्तरकाशी से इस आदेश का अनुपालन कराना सुनिश्चित करने के लिए कहा है. मामले की अगली सुनवाई 24 अक्टूबर को होगी.

मामले के अनुसार उत्तरकाशी निवासी नाबालिग की मां ने याचिका दायर कर कहा है कि उसका पति ड्रग्स और शराब का आदी है. नाबालिग बेटी की देखभाल करने के लिए मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है. लड़की के जन्म के समय, उसके दादा और दादी ने बेटी होने पर असंतोष व्यक्त किया था और वे इसके लिए याचिकाकर्ता को लगातार मानसिक रूप से परेशान करते रहे. अब उन्होंने उसकी साढ़े आठ वर्ष की नाबालिग लड़की को अवैध रूप से अपनी हिरासत में रखा हुआ.

याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि उसकी नाबालिग लड़की को उनकी हिरासत से मुक्त कराने के लिए एसपी उत्तरकाशी और एसएचओ उत्तरकाशी को निर्देश दिए जाएं.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड के महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में छात्रसंघ चुनाव को लेकर सुनवाई, HC ने सरकार को दिए ये आदेश

नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार को याचिकाकर्ता की नाबालिग लड़की जिसकी आयु साढ़े आठ वर्ष से कम है, उसको दादा और दादी की अवैध हिरासत से मुक्त कराए जाने के मामले में दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण की याचिका पर सुनवाई की.

मामले की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा और न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ ने एसएचओ उत्तरकाशी को निर्देश दिए हैं कि नाबालिग लड़की को उसके दादा और दादी की अवैध हिरासत से मुक्त कराकर दादा के साथ 24 अक्टूबर को सुबह साढ़े दस बजे उच्च न्यायालय में पेश किया जाए. साथ ही एसपी उत्तरकाशी से इस आदेश का अनुपालन कराना सुनिश्चित करने के लिए कहा है. मामले की अगली सुनवाई 24 अक्टूबर को होगी.

मामले के अनुसार उत्तरकाशी निवासी नाबालिग की मां ने याचिका दायर कर कहा है कि उसका पति ड्रग्स और शराब का आदी है. नाबालिग बेटी की देखभाल करने के लिए मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं है. लड़की के जन्म के समय, उसके दादा और दादी ने बेटी होने पर असंतोष व्यक्त किया था और वे इसके लिए याचिकाकर्ता को लगातार मानसिक रूप से परेशान करते रहे. अब उन्होंने उसकी साढ़े आठ वर्ष की नाबालिग लड़की को अवैध रूप से अपनी हिरासत में रखा हुआ.

याचिका में कोर्ट से प्रार्थना की गई है कि उसकी नाबालिग लड़की को उनकी हिरासत से मुक्त कराने के लिए एसपी उत्तरकाशी और एसएचओ उत्तरकाशी को निर्देश दिए जाएं.

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