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लालकुआं बीजेपी नेता रेप केस, मुकेश बोरा की गिरफ्तारी पर रोक संबंधी याचिका खारिज, बढ़ेंगी मुश्किलें - Lalkuan BJP leader rape case - LALKUAN BJP LEADER RAPE CASE

Lalkuan BJP leader rape case, Milk union president Mukesh Bora लालकुआं बीजेपी नेता रेप केस मामले में मुकेश बोरा की परेशानियां बढ़ने वाली है. नैनीताल हाईकोर्ट ने मुकेश बोरा को झटका दिया है. कोर्ट ने मुकेश बोरा की गिरफ्तारी पर रोक संबंधी प्रार्थनापत्र को खारिज कर दिया है.

LALKUAN BJP LEADER RAPE CASE
लालकुआं बीजेपी नेता रेप केस (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 18, 2024, 8:30 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने लालकुआं बीजेपी नेता रेप केस मामले में आरोपी दुग्ध संघ के अध्यक्ष मुकेश बोरा की गिरफ्तारी पर रोक संबंधी प्रार्थनापत्र को खारिज कर दिया है. अदालत का कहना है कि ऐसे जघन्य अपराधों के आरोपी को अंतरिम राहत देने से विवेचना में बाधा पहुंच सकती है. वह सबूत से छेड़छाड़ कर सकता है.

पीड़िता पक्ष की ओर से पेश अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने बताया न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की एकलपीठ में सोमवार 17 सितंबर को सुनवाई के बाद न्यायालय ने मुकेश बोरा की गिरफ्तारी पर रोक संबंधी प्रार्थनापत्र पर वह सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था. आज कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड निर्णय सुनाते हुए एकलपीठ ने कहा आरोपी किसी अंतरिम राहत के योग्य नहीं है. लिहाजा इनकी गिरफ्तारी पर रोक संबंधी याचिका को खारिज किया जाता है. इस आदेश के बाद पुलिस आरोपी मुकेश बोरा के विरुद्ध जारी गैर जमानती वारंट के आधार पर उसे गिरफ्तार कर सकती है.

13 सितम्बर को हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने मुकेश बोरा की गिरफ्तारी पर 17 सितंबर तक रोक लगा दी थी. कोर्ट ने मुकेश बोरा से जांच में सहयोग करने व रोज अल्मोड़ा कोतवाली में उपस्थिति दर्ज करने को कहा था. इसके बाद न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की एकलपीठ ने इस मामले की 17 सितम्बर को सुनवाई के दौरान मुकेश बोरा केके अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि उन्हें झूठा फंसाया गया है. वे पुलिस जांच में सहयोग कर रहे हैं. सरकार व पीड़िता की ओर से बताया गया कि आरोपी ने अब तक वह मोबाइल नहीं दिया है. जिसमें उसकी पीड़िता के साथ बात होती थी. इसके अलावा काठगोदाम होटल में किये गए हस्ताक्षरों का मिलान किया जाना है, इसलिये उन्हें गिरफ्तार किया जाना आवश्यक है. इस आधार पर कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक व लालकुआं थाने में दर्ज मुकदमे को निरस्त करने को लेकर दायर याचिका खारिज कर दी.

पढ़ें-लालकुआं बीजेपी नेता रेप केस, मुकेश बोरा को कोर्ट से राहत, 17 सितंबर तक गिरफ्तारी पर रोक - Lalkuan BJP leader rape case

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने लालकुआं बीजेपी नेता रेप केस मामले में आरोपी दुग्ध संघ के अध्यक्ष मुकेश बोरा की गिरफ्तारी पर रोक संबंधी प्रार्थनापत्र को खारिज कर दिया है. अदालत का कहना है कि ऐसे जघन्य अपराधों के आरोपी को अंतरिम राहत देने से विवेचना में बाधा पहुंच सकती है. वह सबूत से छेड़छाड़ कर सकता है.

पीड़िता पक्ष की ओर से पेश अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने बताया न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की एकलपीठ में सोमवार 17 सितंबर को सुनवाई के बाद न्यायालय ने मुकेश बोरा की गिरफ्तारी पर रोक संबंधी प्रार्थनापत्र पर वह सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था. आज कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड निर्णय सुनाते हुए एकलपीठ ने कहा आरोपी किसी अंतरिम राहत के योग्य नहीं है. लिहाजा इनकी गिरफ्तारी पर रोक संबंधी याचिका को खारिज किया जाता है. इस आदेश के बाद पुलिस आरोपी मुकेश बोरा के विरुद्ध जारी गैर जमानती वारंट के आधार पर उसे गिरफ्तार कर सकती है.

13 सितम्बर को हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने मुकेश बोरा की गिरफ्तारी पर 17 सितंबर तक रोक लगा दी थी. कोर्ट ने मुकेश बोरा से जांच में सहयोग करने व रोज अल्मोड़ा कोतवाली में उपस्थिति दर्ज करने को कहा था. इसके बाद न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की एकलपीठ ने इस मामले की 17 सितम्बर को सुनवाई के दौरान मुकेश बोरा केके अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि उन्हें झूठा फंसाया गया है. वे पुलिस जांच में सहयोग कर रहे हैं. सरकार व पीड़िता की ओर से बताया गया कि आरोपी ने अब तक वह मोबाइल नहीं दिया है. जिसमें उसकी पीड़िता के साथ बात होती थी. इसके अलावा काठगोदाम होटल में किये गए हस्ताक्षरों का मिलान किया जाना है, इसलिये उन्हें गिरफ्तार किया जाना आवश्यक है. इस आधार पर कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक व लालकुआं थाने में दर्ज मुकदमे को निरस्त करने को लेकर दायर याचिका खारिज कर दी.

पढ़ें-लालकुआं बीजेपी नेता रेप केस, मुकेश बोरा को कोर्ट से राहत, 17 सितंबर तक गिरफ्तारी पर रोक - Lalkuan BJP leader rape case

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