प्रयागराजः गाजियाबाद बार एसोसिएशन ने वकीलों पर हाल ही में हुए लाठीचार्ज और हिंसा की हाईकोर्ट की निगरानी में एसआईटी जांच की मांग में याचिका दाखिल की है. अधिवक्ता जवाहर यादव के माध्यम से दाखिल आपराधिक याचिका में संविधान के अनुच्छेद 215 के तहत शक्तियों का प्रयोग करके डीएम गाजियाबाद को कारण बताओ नोटिस जारी करने का आग्रह भी किया गया है.
याचिका में मांग की गई है कि वकीलों के खिलाफ दर्ज एफआईआर में बार के सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई से रोका जाए. इसके साथ ही पुलिस आयुक्त को जिला जज की अदालत और पूरे न्यायालय परिसर के सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित करने और प्रभावी जांच के लिए एसआईटी को भेजने का निर्देश देने की मांग की गई है.
याचिका में कहा गया है कि यह घटना तब हुई, जब कुछ बार सदस्य जमानत के मामले में जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में पहुंचे थे. पीठासीन अधिकारी ने मामले की सुनवाई करने या उसे किसी अन्य अदालत में स्थानांतरित करने से इनकार कर दिया. इसके बाद वकीलों और जिला जज के बीच बहस शुरू हो गई. जिसके बाद जिला जज भड़क गए और अपनी कुर्सी छोड़कर डायस पर आ गए और वकीलों को गाली देने लगे. इसके बाद उन्होंने पुलिस को बुलाया, जिसने बार के सदस्यों पर बेरहमी से हमला किया. जिला जज के कहने पर कोर्ट परिसर में सीआरपीएफ तैनात की गई.
याचिका में यह भी कहा गया है कि जिला जज ने पुलिस अधिकारियों को वकीलों पर गोली चलाने का निर्देश देते हुए अपने अधिकार क्षेत्र का पूरी तरह से अतिक्रमण किया. जिला जज के पद के लिए ऐसा कृत्य अशोभनीय है. साथ ही सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय द्वारा निर्धारित कानून के भी विपरीत है. एसआईटी से जांच की मांग का कारण यह है कि बिना किसी उकसावे के वकीलों पर कुर्सियां फेंकने और उन पर हमला करने में पुलिस अधिकारियों का आचरण जांच का विषय है. आरोप प्रथमदृष्टया उच्च पुलिस अधिकारियों के साथ जिला जज के अवैध और मनमाने कृत्य की ओर इशारा करता है. इसलिए स्थानीय पुलिस की कोई भी जांच पक्षपातपूर्ण और एकतरफा होगी.